Vodafone Idea के शेयरों में 7 अक्टूबर को लगभग 9 प्रतिशत की भारी तेजी देखने को मिली, जो पिछले आठ महीने में सबसे ऊँचा स्तर है। यह रैली सिर्फ नौ हफ्तों में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी है, जो इस टेलीकॉम कंपनी के AGR (Adjusted Gross Revenue) बकाया मामलों के समाधान की उम्मीदों से प्रेरित है। Vodafone Idea, जो कभी UK आधारित Vodafone Group Plc की भारतीय सहायक कंपनी थी, इस बकाया विवाद को लेकर निवेशकों की नजरों में बनी हुई है। इस बीच, UK के प्रधानमंत्री Keir Starmer का 8-9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री Modi से मुंबई में मुलाकात के लिए भारत दौरा भी इस आशा को और मजबूत कर रहा है। 6 अक्टूबर को Bloomberg News की रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय सरकार टेलीकॉम कंपनी के पुराने बकाए शुल्कों के लिए एक बारगी निपटान पर विचार कर रही है। इस मामले से परिचित सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है कि सरकार इस विवाद को सुलझाने के लिए तैयार है, जो Vodafone Plc और Kumar Mangalam Birla की Idea Cellular के विलय के बाद बनी संयुक्त उद्यम कंपनी पर बकाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अक्टूबर को Vodafone Idea की AGR याचिका की सुनवाई 13 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है, क्योंकि सरकार ने इस मामले में और समय मांगा था। कंपनी ने इस मांग का कोई विरोध नहीं किया। इस विवाद की शुरुआत मार्च 2020 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुई है, जिसमें कोर्ट ने Department of Telecommunications (DoT) द्वारा FY17 तक के AGR बकाया की पुष्टि की थी और ऑपरेटरों द्वारा पुनः मूल्यांकन को खारिज कर दिया था। इसके बाद DoT ने FY18-19 के लिए अतिरिक्त Rs 2,774 करोड़ की मांग की है
Vodafone Idea का कहना है कि कुल Rs 9,450 करोड़ की मांग में Rs 2,774 करोड़ उस प्री-फ्यूज्ड इकाई की है, जो विलय के बाद बनी Idea Group और Vodafone Idea से संबंधित है, जबकि Rs 5,675 करोड़ प्री-मर्जर Vodafone Group के दायित्वों से जुड़ा है। कंपनी ने इस हिसाब को चुनौती देते हुए कहा है कि कुछ रकम को दो बार जोड़ा गया है और इसे पुनः समायोजित करने की जरूरत है। कंपनी ने फ्यूज्ड FY17 से पहले की अवधि से बकाया राशि की पुनः गणना करने की मांग की है। टेलीकॉम क्षेत्र के नए आंकड़ों के अनुसार, Vodafone Idea का सब्सक्राइबर बेस 31 अगस्त तक 127.48 मिलियन था, जबकि Reliance Jio ने 501.31 मिलियन और Bharti Airtel ने 309.22 मिलियन सब्सक्राइबर के साथ बाज़ार में शीर्ष स्थान बनाए रखा है। Brokerage firm Centrum ने एक नोट में कहा कि Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea की Q-o-Q ARPU (Average Revenue Per User) में 1-2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है। BSE Telecom index में भी लगभग 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है, जो पूरे सेक्टर में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। Vodafone Idea के शेयरों में आई इस तेजी को निवेशक AGR मामले में सकारात्मक हल होने की उम्मीद से जोड़ रहे हैं, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार आने की संभावना जताई जा रही है। टेलीकॉम सेक्टर में शुरुआती दबाव और लंबे समय से चले आ रहे AGR विवाद के कारण Vodafone Idea की स्थिति काफी कठिन थी, लेकिन अब सरकार की ओर से संभावित समाधान की खबरों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। इसके अलावा, UK के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा और भारत के प्रधानमंत्री के साथ उनकी बातचीत को भी इस मामले में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। Vodafone Idea के शेयरों की इस तेजी ने मार्केट में हड़कंप मचा दिया है और कई निवेशक इस स्टॉक को वॉचलिस्ट में शामिल कर रहे हैं
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, शेयर ने 8 महीने के निचले स्तर से उछाल के साथ मजबूत सपोर्ट लाइन बनाई है और आगे भी रैली जारी रहने की संभावना है। कुल मिलाकर, Vodafone Idea के AGR विवाद में कोई बड़ा समाधान निकले तो टेलीकॉम क्षेत्र में स्थिरता आएगी और कंपनी की वित्तीय हालत में सुधार होगा, जिससे शेयरों में और तेजी आ सकती है। फिलहाल, निवेशक इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और अगले सप्ताह की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को भी बड़ी उम्मीदों के साथ देख रहे हैं