Vedanta के निवेशकों के लिए आने वाला समय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कंपनी की हालिया गतिविधियों और बाजार की प्रतिक्रिया पर नजरें टिकी हुई हैं। हाल ही में Vedanta ने अपने Q2 के उत्पादन अपडेट में कई रिकॉर्ड्स बनाए हैं, खासकर aluminium, zinc और alumina के क्षेत्र में, जिससे कंपनी की ताकत का अहसास होता है। लेकिन इसी बीच, कंपनी के demerger में देरी की खबर ने बाजार में हलचल मचा दी है। Vedanta ने Q2FY26 में aluminium का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, जो कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि है। zinc में भी दूसरी तिमाही का उच्चतम उत्पादन दर्ज किया गया, जबकि alumina उत्पादन के मामले में Lanjigarh refinery ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि, oil and gas का उत्पादन 15% गिरकर 89,300 barrels of oil equivalent per day (boepd) रह गया है। इसके अलावा, iron ore का उत्पादन भी 19% घटकर 1.1 million tonnes पर आ गया है, जिसका कारण अधिक वर्षा और स्टील की कमजोर मांग बताया जा रहा है। वहीं, lead और silver का उत्पादन तेज गिरावट के साथ कंपनी के कुल धातु उत्पादन को प्रभावित कर रहा है। हालांकि Vedanta का आधार धातुओं (base metals) का कारोबार मजबूत बना हुआ है, क्योंकि copper, aluminium और अन्य धातुओं की कीमतों में हाल के महीनों में कड़ी कमी की वजह से जबरदस्त उछाल आया है। चीन ने 2025 और 2026 के लिए non-ferrous metals जैसे copper और aluminium के उत्पादन में कटौती का लक्ष्य रखा है, जिससे आपूर्ति और भी तंग हो गई है
US में aluminium आयात पर Trump के लगाए गए टैरिफ ने अमेरिकी बाजार में कीमतों को और ऊपर धकेला है, जो अल्पकालिक रूप से मांग को प्रभावित कर सकता है। Alcoa Corp के CEO Bill Oplinger ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि इतनी अधिक कीमतें मांग में गिरावट ला सकती हैं। Vedanta ने हाल ही में demerger की समय सीमा को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। कंपनी ने बताया कि National Company Law Tribunal (NCLT) और अन्य सरकारी एजेंसियों से मंजूरी में देरी के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। इस demerger योजना के तहत Vedanta की विभिन्न verticals को छह अलग-अलग इकाइयों में विभाजित किया जाना है। NCLT ने इस प्रस्ताव की सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की है, जो Petroleum Ministry की कुछ आपत्तियों के कारण रुकी हुई है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने RJ Block के दावों और demerger के दौरान कवर कटौती को लेकर चिंता जताई है। Vedanta के वकीलों ने NCLT को सूचित किया कि सरकार योजना का विरोध नहीं कर रही है, बल्कि कुछ तकनीकी मुद्दों को लेकर सवाल उठा रही है। Nuvama की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सुनवाई के बाद सभी अस्पष्टताएं दूर हो जाती हैं, तो demerger Q4FY26 में पूरा हो सकता है, जिससे कंपनी के लिए मूल्य सृजन का रास्ता खुल जाएगा। Vedanta ने अपनी रणनीतिक पुनर्गठन योजना के प्रति प्रतिबद्धता जताई है और सभी हितधारकों के लिए लंबी अवधि के मूल्य को अनलॉक करने की दिशा में काम जारी रखा है
Vedanta ने हाल के दौर में zinc, silver, aluminium और copper के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की भी योजना बनाई है, जो रक्षा, aerospace, ऑटोमोटिव और क्लीन एनर्जी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बेहद आवश्यक हैं। देश के zinc के प्राथमिक बाजार में Vedanta का 77% हिस्सा है और देश की लगभग 10% silver मांग कंपनी द्वारा पूरी की जाती है। इसके अलावा, Vedanta ने copper, graphite, nickel, cobalt और gold जैसे खनिज ब्लॉकों के अन्वेषण के अधिकार भी हासिल किए हैं, जो कंपनी के विस्तार के स्पष्ट संकेत हैं। बाजार में Vedanta की स्टॉक की स्थिति भी मजबूत बनी हुई है। Nuvama ने कंपनी के स्टॉक को ‘irresistible’ बताया है और 28% की बढ़त के साथ Rs 601 का लक्ष्य मूल्य रखा है। यह निवेशकों के लिए आकर्षक मौका हो सकता है, खासकर तब जब global base metals की कीमतें नए उच्च स्तर पर पहुंच रही हैं। कुल मिलाकर Vedanta की Q2 रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि कंपनी ने कई क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाकर मजबूत प्रदर्शन किया है, लेकिन demerger में देरी और कुछ उत्पादन क्षेत्रों में गिरावट ने निवेशकों की चिंताएं भी बढ़ाई हैं। आने वाली सुनवाई और बाजार की प्रतिक्रिया इस स्टॉक की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। निवेशक इस दौरान सतर्कता बनाए रखें क्योंकि Vedanta की रणनीतिक चालें और वैश्विक बाजार की स्थिति कंपनी के शेयर मूल्य में भारी उतार-चढ़ाव ला सकती हैं