बीते 31 जुलाई को भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर भारी गिरावट देखने को मिली। US के राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर अचानक 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले ने निवेशकों के बीच भारी बेचैनी पैदा कर दी। यह कदम बाजार की अपेक्षाओं से कहीं अधिक सख्त निकला, जिसके चलते निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने तेज गिरावट दर्ज की। सुबह 9:20 बजे सेंसेक्स करीब 469 अंक यानी 0.58 प्रतिशत गिरकर 81,012.91 के स्तर पर था, जबकि निफ्टी 141 अंक की गिरावट के साथ 24,714.20 पर ट्रेड कर रहा था। यह टैरिफ निर्णय विशेष रूप से उन श्रमिक-प्रधान उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर लागू किया गया है, जिनमें भारत का मुकाबला वियतनाम, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों से होता है। Elara Capital की अर्थशास्त्री Garima Kapoor के अनुसार, यह कदम भारतीय निर्यात के लिए नकारात्मक साबित होगा क्योंकि US भारत के फार्मा एक्सपोर्ट का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। अगर सितंबर-अक्टूबर तक कोई समझौता नहीं होता है तो भारत की GDP वृद्धि दर में 20 आधार अंक की कमी आने की संभावना है। मार्केट के विभिन्न सेक्टर्स में यह प्रभाव साफ देखा गया। निफ्टी ऑटो इंडेक्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जो 1.16 प्रतिशत गिरा। इसके बाद Nifty Consumer Durables 1.15 प्रतिशत, Oil & Gas 1.65 प्रतिशत, और Midcap 100 ने 0.93 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की
बैंकिंग सेक्टर भी दबाव में रहा जहाँ Nifty Bank 0.59 प्रतिशत और PSU Bank 0.78 प्रतिशत नीचे आया। Nifty IT और Metal इंडेक्स में भी मामूली गिरावट देखने को मिली। भारत VIX की तेजी 7.76 प्रतिशत रही, जो बाजार में बढ़ती अनिश्चितता का संकेत है। इस नकारात्मक माहौल के बावजूद Mahindra & Mahindra (M&M) ने जून तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया। कंपनी का नेट प्रॉफिट 32 प्रतिशत बढ़कर 3,450 करोड़ रुपये हो गया, जबकि रेवेन्यू में 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इसके बावजूद M&M के शेयर लगभग 1 प्रतिशत गिर गए, जो बाजार की नकारात्मक भावना को दर्शाता है। वहीं, Jio Financial Services Ltd (JFSL) के शेयरों में लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। कंपनी ने 15,825 करोड़ रुपये तक की धनराशि जुटाने के लिए 50 करोड़ वॉरंट्स जारी करने की योजना बनाई है, जिनकी कीमत 316.50 रुपये प्रति वॉरंट है। यह कदम निवेशकों के बीच सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। तकनीकी दृष्टिकोण से देखा जाए तो निफ्टी ने एक बुलिश हैमर कैंडलस्टिक का निर्माण किया और पिछले दिन के उच्च स्तर से ऊपर बंद हुआ, जो रैली की संभावना को दर्शाता है
यह इंडेक्स 100-दिन के EMA से ऊपर ट्रेड कर रहा है, जो बाजार की ताकत का संकेत है। अगर निफ्टी 50-दिन के EMA यानी 24,935 के ऊपर बंद होता है तो यह एक मजबूत बुलिश रिवर्सल होगा, और इंडेक्स 25,200 से 25,800 तक बढ़ सकता है। डाउंसाइड में 24,590 से 24,400 का क्षेत्र सपोर्ट प्रदान कर सकता है, जहाँ निवेशक डिप-बायिंग कर सकते हैं। इससे पहले Tata Steel और Jio Financial Services ही निफ्टी में बढ़त दर्ज करने वाले कुछ चुनिंदा स्टॉक्स थे। जबकि Tata Motors, Dr Reddy’s, Reliance Industries, Titan Company और Bharti Airtel जैसे दिग्गज कंपनी के शेयरों में गिरावट आई, जिससे बाजार की कमजोर स्थिति और स्पष्ट हुई। कुल मिलाकर US द्वारा लगाए गए टैरिफ की वजह से बाजार में बेचैनी बढ़ी है और निवेशक सतर्क हो गए हैं। यह कदम न केवल भारतीय निर्यात को प्रभावित करेगा, बल्कि आर्थिक विकास की राह में भी बाधा डाल सकता है। आगामी महीनों में इस मुद्दे का निराकरण भारत की आर्थिक स्थिति और शेयर बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल, बाजार की अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए निवेशक सावधानी बरत रहे हैं