आज शेयर बाजार में निफ्टी ने 262 अंक यानी लगभग 1% की मजबूती के साथ बंद किया, जिससे निवेशकों के बीच उत्साह देखने को मिला। विदेशी निवेशकों (FIIs/FPIs) ने बुधवार को भारतीय शेयरों में नेट बेचारी की, जहां उन्होंने लगभग Rs 997 करोड़ के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने मजबूत खरीदारी करते हुए Rs 4,076 करोड़ के शेयर खरीदे। इस अप्रत्याशित खरीद-फरोख्त के बीच बाजार ने सकारात्मक प्रदर्शन किया, जो घरेलू कंपनियों की शानदार दूसरी तिमाही की वित्तीय रिपोर्टों और बेहतर निवेशक मनोवृत्ति को दर्शाता है। साल भर की बात करें तो FIIs ने कुल मिलाकर Rs 2.39 लाख करोड़ के शेयर बेचे हैं, जबकि DIIs ने Rs 6.02 लाख करोड़ के शेयर खरीदे हैं। आज के आंकड़ों के अनुसार, DIIs ने कुल Rs 19,841 करोड़ के शेयर खरीदे और Rs 15,765 करोड़ के शेयर बेचे, वहीं FIIs ने Rs 14,739 करोड़ के शेयर खरीदे और Rs 13,742 करोड़ के शेयर बेचे। इस आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि घरेलू निवेशकों का बाजार में भरोसा बढ़ रहा है, जबकि विदेशी निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं। Motilal Oswal Financial Services के रिसर्च हेड, Siddhartha Khemka ने बताया कि निफ्टी का यह उछाल घरेलू कमाई में सुधार की उम्मीदों और विदेशी निवेशकों के पुनः बाजार में आने की संभावना से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि “भारतीय इक्विटी बाजार में व्यापक तेजी देखी गई, जो मजबूत Q2 के नतीजों और बेहतर मनोवृत्ति का परिणाम है। ” व्यापक बाजार की बात करें तो Nifty Midcap100 में 0.5% और Smallcap100 में 0.2% की तेजी दर्ज की गई, जो यह दर्शाता है कि केवल बड़ी कंपनियों तक ही सीमित नहीं बल्कि मध्यम और छोटे स्तर के शेयरों में भी खरीदारी हो रही है
सेक्टोरल परफॉर्मेंस की बात करें तो Nifty Realty और FMCG सेक्टर में लगभग 2% की बढ़त देखी गई। खासतौर पर FMCG क्षेत्र में Nestle जैसी कंपनियों के बेहतर नतीजों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा Consumer Durables और Private Banks ने भी मजबूत कॉर्पोरेट कमाई और मांग के चलते अच्छी बढ़त की। ऑटो सेक्टर में 1.3% की तेजी देखी गई, जो GST कटौती के बाद छोटे कारों, टू-व्हीलर्स और ट्रैक्टरों की बढ़ती मांग का संकेत है। वहीं IT Hardware सेक्टर में 0.8% की गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव बताया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार द्वारा प्रस्तावित Rs 40,000 से Rs 45,000 करोड़ की रक्षा पूंजी व्यय योजना और संभावित PSU बैंक विलय की खबरों ने भी बाजार में सकारात्मकता को बढ़ावा दिया। भारत-अमेरिका के बीच जारी व्यापार वार्ता को लेकर भी निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। Washington में हो रही बातचीत में ऊर्जा सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे बाजार में और तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। Siddhartha Khemka के मुताबिक जैसे-जैसे कमाई का सीजन आगे बढ़ेगा और व्यापार समझौतों में सकारात्मक प्रगति होगी, बाजार और ऊपर की ओर बढ़ सकता है। आज के दिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी ने बाजार को मजबूती दी है
यह संकेत है कि भारतीय बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है और वे आने वाले समय के लिए आशावादी बने हुए हैं। हालांकि, वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रम अभी भी बाजार की दिशा पर असर डाल सकते हैं, इसलिए निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत बनी रहेगी। कुल मिलाकर, आज के कारोबारी दिन ने साबित कर दिया कि भारतीय शेयर बाजार में दीर्घकालिक निवेश के लिए अभी भी काफी संभावनाएं मौजूद हैं। FIIs की बिकवाली के बीच DIIs का बढ़ता दखल और मजबूत Q2 के नतीजे बाजार की तेजी के मुख्य कारण हैं। निफ्टी के इस उछाल के साथ निवेशकों की निगाहें अब आने वाले तिमाही नतीजों और व्यापार समझौतों पर टिकी हैं, जो अगले कुछ हफ्तों में बाजार की दिशा तय करेंगे