भारत में चांदी की कीमतों ने मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को मजबूती दिखाई और ₹130 प्रति ग्राम तथा ₹1,30,000 प्रति किलोग्राम के स्तर पर ट्रेड किया। पिछले दिन 8 सितंबर को मामूली गिरावट के बाद यह तेजी घरेलू बुलियन मार्केट में नए उत्साह का संकेत है, जो वैश्विक संकेतों और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से प्रेरित है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान और रुपया-डॉलर विनिमय दर चांदी की घरेलू कीमतों को प्रभावित करते रहते हैं। सामान्यतः कमजोर रुपया चांदी को भारत में महंगा बनाता है, जबकि मजबूत रुपया घरेलू कीमतों में तेजी को रोकने में मदद करता है। देश के प्रमुख शहरों में चांदी की कीमतें राष्ट्रीय स्तर के साथ लगभग समान बनी रहीं। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, वडोदरा और अहमदाबाद में चांदी ₹1,300 प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रही। वहीं, चेन्नई, हैदराबाद और केरल में स्थानीय मांग और त्योहारों के चलते चांदी ₹1,400 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। ये क्षेत्रीय ऊंचाईयां उत्सव काल में खरीदारी की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती हैं, जिससे चांदी की कीमतों में मजबूती आई है। पिछले कुछ सत्रों की कीमतों पर नजर डालें तो 4 सितंबर को चांदी ₹1,270 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। इसके बाद 5 सितंबर को कीमतें थोड़ी गिरावट के साथ ₹1,260 तक आ गईं, जबकि 6 और 7 सितंबर को ₹1,280 पर स्थिर रही
8 सितंबर को ₹1,270 प्रति 10 ग्राम पर थोड़ी गिरावट देखने को मिली, लेकिन 9 सितंबर को ₹1,300 के स्तर पर मजबूती दिखी। अगस्त के अंत से ही चांदी ने ₹1,250 के ऊपर मजबूती बनाकर रखी है, जो बाजार में मजबूत मांग का सूचक है। चांदी की इस तेजी के पीछे कई वजहें हैं। एक ओर वैश्विक बाजार में चांदी की मांग में बढ़ोतरी और डॉलर के कमजोर होने से निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर घरेलू बाजार में त्योहारों और शादियों के सीजन ने खरीदारी को बढ़ावा दिया है। खासतौर पर दक्षिण भारत के शहरों में जहां चांदी की मांग परंपरागत रूप से अधिक होती है, वहां कीमतों में उल्लेखनीय तेजी देखी गई है। पिछले कुछ वर्षों में चांदी को न केवल एक उपभोग वस्तु के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि निवेश के लिए भी एक सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है। आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशक अक्सर चांदी की ओर रुख करते हैं क्योंकि यह मुद्रास्फीति और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाव का काम करती है। इस लिहाज से, घरेलू बाजार में चांदी की कीमतों में आई यह मजबूती निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। आगामी दिनों में भी विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान और रुपया-डॉलर विनिमय दर चांदी की कीमतों पर प्रभाव डालती रहेंगी। यदि डॉलर कमजोर बना रहता है और वैश्विक मांग बनी रहती है, तो चांदी की कीमतों में स्थिरता या वृद्धि देखने को मिल सकती है
घरेलू मांग में त्योहारों और अन्य अवसरों की वजह से भी बढ़ोतरी संभव है, जिससे निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए यह समय लाभकारी साबित हो सकता है। अंततः, 9 सितंबर को चांदी ने ₹130 प्रति ग्राम के स्तर को पार करते हुए निवेशकों और खरीदारों के बीच विश्वास जगाया है। खासकर चेन्नई, हैदराबाद और केरल जैसे क्षेत्रों में कीमतों की बढ़ोतरी ने बाजार की मजबूती को दर्शाया है। पूरे देश में चांदी की मांग और कीमतों में यह संतुलन उसके निवेश और उपभोग दोनों स्वरूपों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस तेजी के बीच निवेशकों की नजरें आगामी सप्ताह के आर्थिक संकेतकों और वैश्विक बाजार के उतार-चढ़ाव पर बनी रहेंगी, जो चांदी की कीमतों को आगे दिशा देने में अहम हो सकते हैं। फिलहाल, ₹130 प्रति ग्राम के पार जाकर चांदी ने घरेलू बाजार में अपनी चमक फिर से साबित कर दी है