आज के ट्रेडिंग सेशन में Sensex और Nifty ने शुरुआत से ही मजबूती दिखाते हुए निवेशकों को उत्साहित किया। अमेरिकी Federal Reserve द्वारा ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती और साल के अंत तक दो और कटौती की संभावना के संकेत से बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई। हालांकि, दिन के मध्य सेशन में प्रॉफिट बुकिंग के कारण बाजार थोड़ा कमजोर हुआ, लेकिन अंतिम घंटे में फिर से जोरदार रिकवरी ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया। Sensex ने आज 320.25 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83,013.96 के स्तर पर बंद किया, जबकि इस दौरान इसका दिन का उच्चतम स्तर 83,141.21 (447.5 अंक या 0.54 प्रतिशत) भी रहा। वहीं, Nifty ने भी 93.35 अंक की बढ़त के साथ 25,423.60 पर बंद किया, जो पिछले 10 हफ्तों का उच्चतम स्तर है। इस तेजी के पीछे IT, Pharma और FMCG सेक्टरों के मजबूत प्रदर्शन का बड़ा योगदान रहा। विशेष रूप से Eternal, Sun Pharma, Infosys, HDFC Bank, HCL Tech, Hindustan Unilever, Power Grid, ITC और Adani Ports जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में अच्छी बढ़त देखी गई। वहीं, PSU Banks, Realty और Oil & Gas सेक्टर्स में हल्की कमजोरी नजर आई, जो 0.16 प्रतिशत तक नीचे गए। बैंक निफ्टी ने अपनी लगातार 12वीं बढ़त दर्ज की, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है। Chief Economic Advisor V. Anantha Nageswaran ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए कुछ आयात पर पेनल्टी टैरिफ्स 30 नवंबर के बाद हटाए जा सकते हैं
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के पारस्परिक टैरिफ्स उस स्तर तक कम हो सकते हैं, जैसा कि नई दिल्ली ने पहले अनुमान लगाया था, यानी लगभग 10 से 15 प्रतिशत के बीच। इस बयान से बाजार में और अधिक आशावाद देखने को मिला। बाजार के तकनीकी विश्लेषक Sudeep Shah, जो SBI Securities में Technical Research और Derivatives के प्रमुख हैं, ने कहा कि व्यापक बाजार ने सकारात्मक रुख जारी रखा है। Nifty Midcap और Smallcap 100 इंडेक्स ने लगातार 10वें सत्र में भी बढ़त दिखाई। हालांकि, बाजार की ब्रेड्थ थोड़ी कमजोर रही, क्योंकि Advance/Decline अनुपात में Decliners की संख्या अधिक रही। Nifty 500 में से 234 स्टॉक्स ने हरे निशान में बंद किया, जो कि विभिन्न सेक्टरों में चयनात्मक खरीदारी का संकेत है। तकनीकी दृष्टिकोण से Shah ने बताया कि Nifty ने आज के ट्रेडिंग के अंतिम घंटे में तेज रिकवरी करते हुए एक छोटी बॉडी वाली कैंडल बनाई है, जिसमें लंबी निचली छाया है। यह कैंडल दर्शाती है कि निचले स्तरों पर खरीदारी का दबाव मजबूत है और बुल्स ने महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन की रक्षा की है। इंडेक्स अभी सभी प्रमुख मूविंग एवरेज के ऊपर ट्रेड कर रहा है, जबकि RSI और MACD जैसे मोमेंटम इंडिकेटर्स भी तेजी की पुष्टि कर रहे हैं। इन संकेतों से यह उम्मीद की जा रही है कि Nifty जल्द ही 25600 और 25750 के स्तरों को छू सकता है
वहीं, 25300-25270 जोन को महत्वपूर्ण सपोर्ट क्षेत्र माना जा रहा है। एशियाई बाजारों की बात करें तो South Korea का Kospi और Japan का Nikkei 225 इंडेक्स 1 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि Shanghai SSE Composite और Hong Kong का Hang Seng इंडेक्स 1 प्रतिशत से अधिक नीचे बंद हुए, जो क्षेत्रीय स्तर पर बाजार की असमानता को दर्शाता है। आज के कारोबार में IT और Pharma सेक्टर में अमेरिकी Fed की दर कटौती से उत्पन्न आशावाद ने निवेशकों को आकर्षित किया, जिससे इन सेक्टरों के स्टॉक्स ने अच्छी तेजी दिखाई। साथ ही, FMCG सेक्टर ने भी मजबूती दिखाई, जबकि PSU Banks और Realty सेक्टर में कुछ दबाव बना रहा। मध्यम और छोटे कैप के शेयर भी बढ़त पर रहे, जिससे व्यापक बाजार की स्थिति मजबूत बनी। मौजूदा बाज़ार की स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को चुनिंदा स्टॉक्स में ही निवेश करना चाहिए, क्योंकि बाज़ार में मिक्स्ड सिग्नल्स भी आ रहे हैं। हालांकि, तकनीकी संकेतकों के अनुसार बाजार में अभी और तेजी की गुंजाइश बनी हुई है और Nifty 25,700 के स्तर को पार कर सकता है। इस बीच, अमेरिकी Federal Reserve की आगामी बैठकों पर निवेशकों की नजर बनी हुई है, क्योंकि अगर दरों में और कटौती होती है तो यह वैश्विक बाजारों के लिए सकारात्मक साबित हो सकती है। वहीं, भारत में भी व्यापारिक नीतियों और टैरिफ के मामलों में सकारात्मक विकास से घरेलू बाजारों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। आज के ट्रेडिंग सेशन ने निवेशकों को एक बार फिर यह दिखाया कि वैश्विक आर्थिक नीतियां और घरेलू राजनीतिक आर्थिक फैसले सीधे तौर पर बाजार की दिशा को प्रभावित करते हैं
Sensex और Nifty ने दिखाया कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच भी मजबूती बरकरार रखी जा सकती है, खासकर जब अमेरिकी Fed जैसे बड़े आर्थिक संस्थान दरों में कटौती करते हैं और सकारात्मक संकेत देते हैं। निवेशक इस तेजी के बीच सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि बाजार में प्रॉफिट बुकिंग का खतरा बना हुआ है। फिर भी, वर्तमान माहौल में भारतीय शेयर बाजारों की मजबूती ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है और आने वाले दिनों में भी यह रुख जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है