ArthAlpha के CEO और CIO Rohit Beri ने US equity markets को लेकर सतर्कता जताई है। उन्होंने Moneycontrol को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि वे AI थीम से सहमत जरूर हैं, लेकिन कुछ हद तक यह short term में overdone हो सकती है, जिसके कारण वहां कुछ pullback देखने को मिल सकता है। Rohit Beri के अनुसार, US टेक स्टॉक्स में पिछले समय में unprecedented rally हुई है, जो कि sustainable नहीं लगती। इसलिए, इस क्षेत्र में investors को थोड़ा सावधानी बरतनी चाहिए। वहीं भारत के शेयर बाजार को लेकर उनके विचार काफी optimistic हैं। Rohit Beri का मानना है कि भारत में correction का दौर काफी लंबा और substantial हो चुका है। वे मानते हैं कि जोखिम अधिकतर upside की तरफ हैं और जैसे ही earnings growth वापस आएगी और बाजार के sentiment में सुधार होगा, वैसे ही मार्केट में sharp rally देखने को मिल सकती है। आने वाले 12 महीनों में वे equity markets से double digit returns की उम्मीद कर रहे हैं। जहां तक Foreign Institutional Investors (FIIs) की बात है, Rohit Beri ने कहा कि फिलहाल भारत में कोई बड़ी inflow नहीं दिख रही है, लेकिन outflow भी कम हो गया है या स्थिर हो गया है। वे मानते हैं कि भारत का valuation अभी investors के लिए आकर्षक है, हालांकि China अभी भी valuation के हिसाब से ज्यादा आकर्षक लगता है
FII money हमेशा relative value देखता है, यानी वे तुलना करते हैं कि भारत में कितना रिटर्न मिल सकता है मुकाबले अपने home markets या अन्य emerging markets से। लेकिन फिर भी Rohit Beri के अनुसार भारत capital appreciation के लिहाज से एक मजबूत अवसर प्रदान करता है और वे इसके प्रति bullish हैं। Gold को लेकर भी Rohit Beri ने महत्वपूर्ण insights दिए। उन्होंने कहा कि gold हमेशा long-term में inflation के खिलाफ एक अच्छा hedge रहा है, लेकिन short-term में inflation और gold के बीच correlation इतना मजबूत नहीं होता। इसलिए investors को gold को hedge के रूप में देखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि gold black swan events के खिलाफ hedge का काम करता है, लेकिन इसे equity downside hedge समझना गलत होगा। हाल के महीनों में gold में sharp rally de-dollarization के कारण हुई है, जो US geopolitics में बदलाव से जुड़ा है। इस trend के जारी रहने की उम्मीद है और central bank demand भी मजबूत बनी रहेगी। फिर भी, Rohit Beri ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे short-term tactical trades की बजाय long-term asset allocation पर ध्यान दें। इस समय gold और खासकर silver में कुछ profits लेना बेहतर रहेगा
Investment themes पर बात करते हुए Rohit Beri ने कहा कि वे एक quant fund हैं और स्टॉक पिक्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। उनकी रणनीति growth और earnings पर आधारित रहती है। उन्होंने बताया कि momentum factor लंबे समय से underperform कर रहा था, लेकिन अब यह वापसी करेगा। इस महीने momentum में सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि materials जैसे cement और solar सेक्टर में अच्छा प्रदर्शन हो सकता है। साथ ही medium-term perspective से वे defence सेक्टर में भी bullish हैं। बैंकिंग सेक्टर में भी वे सकारात्मक हैं, खासकर RBI की हालिया नीतिगत छूट के कारण। Rohit Beri ने बताया कि वे thematic investing में विश्वास नहीं रखते और एक साल के horizon पर investment decisions नहीं लेते। फिलहाल उनका फोकस growth, earnings और momentum factors पर है। उन्होंने कहा कि value investing ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अगले 12 महीनों में momentum और growth strategies outperform कर सकती हैं
वे market conditions के अनुसार अपने allocations को dynamically adjust करते हैं। US Federal Reserve की monetary policy पर Rohit Beri ने कहा कि वे October और December में rate cuts की उम्मीद करते हैं। हालांकि, tariff से जुड़ी inflationary दबाव और economic slowdown के बीच Fed के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। वे मानते हैं कि tariff inflation बढ़ाएगा लेकिन economic activity को धीमा भी करेगा, जिससे stagflation का खतरा हो सकता है। फिलहाल वे wait and watch की स्थिति में हैं और देखते रहेंगे कि Fed की rate cuts का असली प्रभाव क्या होता है। अंत में Rohit Beri ने global equity markets में volatility जारी रहने की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि de-dollarization का trend जारी रहेगा और gold की ताकत बनी रहेगी, हालांकि gold में sharp retracement भी हो सकता है। Fed की easing cycle के कारण markets में अनिश्चितता बनी रहेगी और investors को सतर्क रहना होगा। Rohit Beri के विचारों से यह स्पष्ट है कि US equity markets में short-term में correction आ सकता है, जबकि भारत के शेयर बाजार में आने वाले एक साल में बेहतरीन रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है। साथ ही, gold में निवेश करते समय लंबी अवधि के नजरिए से काम लेना चाहिए और tactical ट्रेडिंग से बचना चाहिए
उन्होंने निवेशकों को बाजार की चाल पर ध्यान रखते हुए संतुलित और समझदारी से निवेश करने की सलाह दी है