भारतीय शेयर बाजार में अब छोटे और मिड-कैप स्टॉक्स में छुपा है असली अवसर, जानिए क्यों?

Saurabh
By Saurabh

भारतीय शेयर बाजार फिलहाल एक ऐसी स्थिति में है जहां निवेशकों को सही दिशा की तलाश है। Equitree Capital के सह-संस्थापक और Chief Investment Officer (CIO) Pawan Bharaddia ने इस स्थिति का विश्लेषण करते हुए बताया कि वर्तमान भारतीय बाजार “directionless” यानी बिना स्पष्ट दिशा के चल रहा है। दिनभर के उतार-चढ़ाव ज्यादातर geopolitical घटनाओं के कारण होते हैं, लेकिन असली बढ़त के लिए बाजार उच्च आर्थिक विकास की प्रतीक्षा कर रहा है। Q1 में कंपनियों की आय में लगभग 8-9% की मामूली वृद्धि देखी गई है, जबकि इंडेक्स के मूल्यांकन (valuations) अभी भी ऊंचे स्तर पर बने हुए हैं। इस परिप्रेक्ष्य में, Pawan Bharaddia का मानना है कि मौजूदा समय में “ground-up stock pickers” यानी वे निवेशक जो जमीनी स्तर पर कंपनियों की गहराई से जांच करके उच्च वृद्धि करने वाली कंपनियों को चुनते हैं, उनके लिए यह समय अवसरों से भरा हुआ है। ऐसे निवेशक उन व्यवसायों में निवेश कर सकते हैं जिनका विकास तेज है और जिनका मूल्यांकन उचित स्तर पर है। सरकार द्वारा हाल ही में की गई GST दरों की rationalisation को भी वह एक सकारात्मक कदम मानते हैं। GST स्लैब को मुख्य रूप से 5% और 18% पर सीमित करने से आवश्यक वस्तुओं और टिकाऊ उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी, जिससे उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ कम होगा। इसके साथ ही आयकर कटौती ने भी मांग को बढ़ावा देने में मदद की है। ये सुधार आने वाले 3-4 क्वार्टर में उपभोग को बढ़ावा देंगे और निजी पूंजीगत व्यय (private capex) को धीरे-धीरे सशक्त करेंगे

इस तरह की नीतियां बाजार में उपभोग-आधारित रिकवरी और व्यवसाय करने की आसानी (ease of doing business) दोनों को बढ़ावा देंगी। जहां तक मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट की बात है, Pawan Bharaddia इन दोनों को एक समान मानने के बजाय अलग-अलग देखते हैं। मिड-कैप सेक्टर में पिछले कुछ वर्षों की निरंतर लिक्विडिटी के कारण TTM P/E लगभग 45 गुना है, जो उनके 10 साल के औसत से 61% अधिक है। इस प्रीमियम को केवल तब ही न्यायोचित ठहराया जा सकता है जब इस सेगमेंट में स्थायी और उच्च विकास की उम्मीद हो। वहीं स्मॉल-कैप सेगमेंट को दो भागों में बांटा गया है – ₹5000 करोड़ से ऊपर और ₹500-₹5000 करोड़ की मार्केट कैप वाली कंपनियां। दोनों सेगमेंट अपने 10 साल के औसत की तुलना में लगभग 35% प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं, लेकिन ₹5000 करोड़ से ऊपर के समूह की TTM P/E 33 गुना है, जबकि ₹500-₹5000 करोड़ की कंपनियां 23 गुना P/E पर ट्रेड कर रही हैं। यहां निवेशकों के लिए बड़ी संख्या में 1,600 से अधिक कंपनियां हैं, जिनमें से कई में “ground-up investing” के जरिए उचित मूल्यांकन पर उच्च विकास की संभावना देखी जा सकती है। उदाहरण के लिए, Equitree Capital के पोर्टफोलियो में औसत मार्केट कैप लगभग ₹2,200 करोड़ है और यह FY26 के PAT के आधार पर 16x PE पर ट्रेड करता है, जो लगभग 25% की विकास दर देने की उम्मीद करता है। मध्यम से दीर्घकालिक दृष्टिकोण से, Pawan Bharaddia ने पांच ऐसे सेक्टरों की पहचान की है जिनमें वे काफी आशावादी हैं। ये हैं manufacturing, engineering, capital goods, auto ancillaries, और चुनिंदा consumer plays

इन सेक्टरों का विकास मुख्य रूप से सरकार की Make in India पहल, production-linked incentives (PLI), बढ़ती घरेलू खपत, अवसंरचना विकास और तकनीकी उन्नतियों से प्रेरित होगा। पर्यटन क्षेत्र में भी जबरदस्त बदलाव हो रहा है। बेहतर सड़कें, हवाई अड्डे, होटल जैसी बुनियादी सुविधाओं के कारण घरेलू पर्यटन में वृद्धि हुई है। World Travel & Tourism Council (WTTC) की हाल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने विश्व के शीर्ष पर्यटन अर्थव्यवस्थाओं में दसवें स्थान से आठवें स्थान की छलांग लगाई है। यह क्षेत्र भविष्य में निवेशकों के लिए एक मजबूत संपत्ति सृजनकर्ता साबित हो सकता है। Equitree Capital की निवेश रणनीति में मुख्य रूप से micro- और small-cap कंपनियों में “private equity approach” अपनाई जाती है। वे ₹500 से ₹5000 करोड़ मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश करते हैं, जो 25% से अधिक CAGR देने की क्षमता रखती हैं। वे मूल्यांकन के हिसाब से उन कंपनियों को चुनते हैं जिनका PEG कम से कम 1 से नीचे हो, जिससे यह पता चलता है कि स्टॉक उचित मूल्य पर है। इस रणनीति में उनकी औसत होल्डिंग अवधि 5 साल से अधिक है, जिससे निवेशकों को संयम के साथ पूंजी को बढ़ाने का मौका मिलता है। पिछले पांच वर्षों में इस रणनीति ने 42% TWRR रिटर्न दिया है, जो भारतीय PMS (Portfolio Management Services) में शीर्ष स्तर का प्रदर्शन है

इस प्रकार, वर्तमान बाजार की अनिश्चितता के बीच भी, सही चयन और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निवेशक भारतीय शेयर बाजार के छोटे और मिड-कैप सेगमेंट में छिपे अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। Pawan Bharaddia के अनुसार, यह समय उन निवेशकों के लिए है जो गहराई से अध्ययन कर उच्च गुणवत्ता वाली कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं और लंबी अवधि में स्थायी लाभ प्राप्त करना चाहते हैं

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