TCS Hiring 2025: भारत की सबसे बड़ी IT सेवाओं की कंपनी, Tata Consultancy Services (TCS), ने 2025 में 40,000 नए Trainees की भर्ती का लक्ष्य रखा है। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब कंपनी ने Q3 FY25 में Workforce Reduction का अनुभव किया है। इस लेख में, हम TCS के इस फैसले के पीछे के कारणों, इसके प्रभावों और H-1B Visa पर निर्भरता कम करने के प्रयासों का विश्लेषण करेंगे।
Workforce Reduction और इसके पीछे की रणनीति
2024 की अंतिम तिमाही में TCS ने 5,370 कर्मचारियों की कमी दर्ज की, जिससे कुल Workforce 612,724 से घटकर 607,354 हो गई। इस Workforce Reduction ने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों को थोड़ा चिंतित किया। हालांकि, Chief HR Officer, Milind Lakkad ने इसे “Seasonal Adjustment” बताया और कहा कि यह किसी Long Term समस्या का संकेत नहीं है।
क्या यह सामान्य है?
साल के पहले आधे हिस्से में कंपनी ने 11,178 कर्मचारियों को जोड़ा था। इस प्रकार, कर्मचारियों की संख्या में यह कमी एक अस्थायी प्रक्रिया के रूप में देखी जा सकती है। Lakkad ने यह भी संकेत दिया कि कंपनी अपने Long Term भर्ती लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध है और नए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है।
Attrition Rate का बढ़ना: चिंता का विषय या सामान्य स्थिति?
Q3 FY25 में Attrition Rate 13% तक बढ़ गया, जो कि Q2 FY25 के 12.3% से थोड़ा अधिक है। Lakkad ने इसे एक मामूली वृद्धि करार दिया और आश्वासन दिया कि आने वाले क्वार्टर्स में Attrition Rate में कमी आएगी।
Attrition का प्रभाव:
Attrition Rate बढ़ने का मतलब यह है कि अधिक कर्मचारी कंपनी छोड़ रहे हैं। हालांकि, TCS ने अपनी Retention Strategies को मजबूत करने का वादा किया है, जिससे भविष्य में यह समस्या कम हो सकती है।
H-1B Visa पर निर्भरता में कमी
TCS ने हाल के वर्षों में अपनी H-1B Visa निर्भरता को कम किया है। U.S. में स्थानीय Workforce को बढ़ावा देने की रणनीति अपनाई गई है। CEO K. Krithivasan ने बताया कि अब U.S. में 50% से अधिक कर्मचारी स्थानीय हैं।
इस बदलाव का महत्व:
इसका मतलब है कि TCS अब U.S. की नीतियों और Visa प्रक्रियाओं पर पहले की तरह निर्भर नहीं है। यह Long Term रूप से कंपनी की स्थिरता और विविधता को बढ़ाने में सहायक है।
Indian-Origin Tech Companies and H-1B Visa
एक रिपोर्ट के अनुसार, Indian-Origin Tech Companies, जैसे कि Infosys और TCS, H-1B Visa Allocation में अग्रणी हैं। अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच, भारतीय कंपनियों ने 24,766 H-1B Visa प्राप्त किए, जो कुल 130,000 Visa का 20% है। Infosys ने 8,140 Visa के साथ पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि TCS 5,274 Visa के साथ दूसरे स्थान पर रही।
क्या यह स्थिरता को प्रभावित करेगा?
हालांकि भारतीय कंपनियां अभी भी H-1B Visa के बड़े हिस्से का उपयोग करती हैं, TCS का Local Hiring Model इसे अन्य कंपनियों से अलग बनाता है। यह मॉडल इसे भविष्य की नीतिगत परिवर्तनों से बचा सकता है।
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TCS Stock Performance: Positive sign for investors
10 जनवरी, 2025 को, TCS के Shares की कीमत ₹4,265.65 पर बंद हुई, जो कि 5.62% की वृद्धि थी। यह बढ़ोतरी Workforce Reduction और नई भर्ती योजनाओं के बावजूद आई।
निवेशकों के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?
कंपनी के स्टॉक का प्रदर्शन दर्शाता है कि बाजार ने TCS की नई रणनीतियों और भर्ती योजनाओं को सकारात्मक रूप से लिया है। यह कंपनी के प्रति निवेशकों के विश्वास को दिखाता है।
Future plans: Is TCS on the right track?
Milind Lakkad ने 2026 में भी भर्ती की गति बढ़ाने की योजना का खुलासा किया है। यह संकेत देता है कि कंपनी न केवल मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है, बल्कि Long Term दृष्टि से भी अपना विस्तार जारी रखना चाहती है।
क्या यह सही रणनीति है?
भर्ती की इन योजनाओं से न केवल युवा प्रतिभाओं को अवसर मिलेगा, बल्कि कंपनी की उत्पादकता और स्थिरता भी बढ़ेगी। Attrition Rate कम करने और Local Workforce को बढ़ावा देने की पहल से TCS एक Global और Diverse Workforce के निर्माण में अग्रसर है।