आज के शेयर बाजार में मेटल सेक्टर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा, लेकिन नकारात्मक तरीके से। जहां कुल मिलाकर शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली, वहीं मेटल स्टॉक्स ने गिरावट के चलते पूरी तस्वीर बदल दी। 10 अक्टूबर को ट्रेडिंग के दौरान मेटल कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली, जिससे Nifty Metal index 1% से अधिक लुढ़ककर 10,237 के स्तर पर आ गया। यह इंडेक्स आज का एकमात्र सेक्टोरियल नुकसान में रहने वाला सेक्टर रहा। मेटल सेक्टर के प्रमुख नुकसान में सबसे ऊपर Hindustan Copper का नाम रहा, जिसका शेयर लगभग 6% गिरकर 343.60 रुपए प्रति शेयर पर आ गया। इसके बाद Hindustan Zinc का शेयर लगभग 4% गिरकर 493.50 रुपए पर ट्रेड हुआ। Steel Authority of India (SAIL) और National Aluminium Company (NALCO) के शेयर भी 2% से अधिक की गिरावट के साथ कमजोर नजर आए। NMDC, Jindal Steel & Power और Tata Steel के शेयर भी करीब 2% तक लुढ़क गए। Vedanta, Hindalco Industries और JSW Steel के शेयरों में भी करीब 1% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, Welspun Corp के शेयर मामूली नुकसान के साथ लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे
इस गिरावट के बीच कुछ कंपनियों ने हरे निशान में ट्रेडिंग की। Adani Enterprises, APL Apollo Tubes और Jindal Stainless Steel के शेयर आज मजबूती के साथ बढ़त दर्ज करते हुए ट्रेड हो रहे थे। हालांकि, यह बढ़त मेटल सेक्टर की कुल गिरावट को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं साबित हुई। मेटल स्टॉक्स में आई इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी को माना जा रहा है। आज रुपये का डॉलर के मुकाबले स्तर 88.70 के आसपास था, जो पिछले सप्ताह के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर 88.80 के करीब है। चूंकि ज्यादातर वैश्विक कमोडिटी जैसे कॉपर, एल्यूमीनियम, जिंक, गोल्ड, सिल्वर आदि डॉलर में प्राइस होती हैं, इसलिए डॉलर की मजबूती के कारण ये वस्तुएं अन्य करेंसी इस्तेमाल करने वाले खरीदारों के लिए महंगी हो जाती हैं। इसका सीधा असर मेटल कंपनियों के शेयरों पर पड़ा है। सिल्वर प्राइस में भी गिरावट ने मेटल सेक्टर को प्रभावित किया है। सिल्वर फ्यूचर्स, खासकर दिसंबर एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट, जो हाल ही में रिकॉर्ड हाई 1,53,388 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंचे थे, अब 1,46,600 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गए हैं
मार्च और मई एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स में करीब 0.5% की गिरावट दर्ज हुई, जबकि जुलाई एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स लगभग 1.5% नीचे आए। सितंबर एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स में लगभग 3% की तेजी से गिरावट आई। सिल्वर की कीमतों में गिरावट ने प्रमुख सिल्वर उत्पादक Hindustan Zinc के शेयरों को भी कमजोर कर दिया। इसके अलावा, मध्य पूर्व में जटिल स्थिति में हाल ही में आई एक हल्की उम्मीद भी निवेशकों के मूड पर असर डाल रही है। Israel और Hamas के बीच US राष्ट्रपति Donald Trump के प्रस्तावित सुलह समझौते की पहली चरण की सहमति ने जोखिम भरे एसेट्स की ओर निवेशकों की रुचि बढ़ाई है, जिससे पारंपरिक सुरक्षित निवेश जैसे कमोडिटीज की मांग घट सकती है। इस बदलाव का असर मेटल सेक्टर पर भी पड़ा है। वित्तीय बाजार में मेटल सेक्टर ने 9 अक्टूबर को 2% से अधिक की मजबूती दिखाते हुए तीन दिन की गिरावट को तोड़ा था और 10,356.2 के स्तर पर बंद हुआ था। लेकिन इस तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालने की रणनीति अपनाई, जिससे आज के दिन गिरावट आई। इस मुनाफा बुकिंग के कारण भी आज कई मेटल स्टॉक्स दबाव में रहे। कुल मिलाकर, आज के बाजार में मेटल सेक्टर की गिरावट ने निवेशकों के मन में चिंता पैदा कर दी है
डॉलर की मजबूती, रुपये की कमजोरी, सिल्वर की कीमतों में गिरावट, और मध्य पूर्व की राजनीतिक स्थिति ने मिलकर मेटल कंपनियों के शेयरों को प्रभावित किया है। ऐसे में निवेशकों की नजरें अब आगे के आर्थिक संकेतकों और वैश्विक घटनाओं पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में मेटल सेक्टर के रुख को तय करेंगी