आज सुबह के सत्र में PVR INOX के शेयरों में 1.58% तक की गिरावट देखने को मिली, जो ₹1,109.40 के इंट्राडे लो पर ट्रेड हुए। 10:27 AM पर PVR INOX के शेयर National Stock Exchange (NSE) पर ₹1,112 प्रति इक्विटी शेयर के स्तर पर 1.36% नीचे थे। यह गिरावट कंपनी के हालिया उत्सव सीजन के प्रदर्शन की अच्छी खबरों के बावजूद आई है। PVR INOX ने हाल ही में एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि वे इस फेस्टिव सीजन को लेकर आशान्वित हैं, खासकर दशहरा और गांधी जयंती के दौरान थिएटर की ऑक्यूपेंसी 50% से ऊपर रही है, और कुल 8.5 लाख से अधिक टिकट बिकी हैं। PVR INOX Ltd के CEO – Revenue & Operations, Gautam Dutta ने कहा कि यह त्योहार का मौसम उनके थिएटरों में दर्शकों की ऊर्जा से भरा हुआ है। कंपनी ने Q2 में मजबूत ग्रोथ दर्ज की है और आने वाली फिल्मों से भी उत्साह बढ़ा है। बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के साथ-साथ क्षेत्रीय सिनेमा ने भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है। तमिल, तेलुगु, मराठी और पंजाबी फिल्मों जैसे ‘Idli Kadai’, ‘Maria’, ‘Vada Pav’ और ‘Nikka Zaildar 4’ ने दर्शकों को थिएटरों तक आकर्षित किया है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। हालांकि, PVR INOX के सामने एक बड़ी चुनौती भी आई है। 1 अक्टूबर को Competition Commission of India (CCI) ने PVR INOX के खिलाफ जांच शुरू कर दी है
आरोप है कि कंपनी ने अपने वर्चुअल प्रिंट फीस (VPF) को लेकर अपनी हावी स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है। CCI की 33 पेज की ऑर्डर में कहा गया कि PVR INOX ने डिजिटल प्रोजेक्शन सिस्टम पूरी तरह लागू होने के बाद भी निर्माता से VPF वसूलना जारी रखा, जो प्रतिस्पर्धा नियमों के तहत अनुचित है। इस मामले की जांच 90 दिनों के अंदर पूरी करने का निर्देश CCI ने अपने Director General (DG) को दिया है। यह शिकायत Film and Television Producers’ Guild of India Ltd की ओर से आई थी, जिसमें कहा गया कि VPF फीस का मकसद डिजिटल तकनीक में बदलाव का समर्थन करना था, लेकिन अब यह फीस अप्रासंगिक हो चुकी है और छोटे-मध्यम निर्माताओं पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है। CCI ने नोट किया कि PVR INOX भारत के लगभग 30% मल्टीप्लेक्स स्क्रीन संचालित करता है और कुल बॉक्स ऑफिस राजस्व का भी लगभग इतना ही हिस्सा है। इसी कारण कंपनी की बाजार में मजबूत पकड़ है। CCI ने यह भी पाया कि PVR INOX ने कई हॉलीवुड स्टूडियो को VPF से छूट दी है, जबकि छोटे निर्माताओं से यह शुल्क वसूलना जारी रखा है, जो भेदभावपूर्ण प्रतीत होता है। बिना कोई अलग सेवा प्रदान किए VPF वसूलना अतिरिक्त दायित्व लगाना हो सकता है, जो Section 4 के तहत गैरकानूनी हो सकता है। PVR INOX ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि डिजिटल सिनेमा उपकरण महंगे हैं और हर 8-10 साल में इन्हें बदलना पड़ता है। अगर VPF बंद कर दी जाती है तो यह थिएटरों को टिकट की कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकता है
CCI ने यह भी कहा कि PVR INOX के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच भी की जाएगी। शेयर बाजार के नजरिए से देखें तो, पिछले पांच ट्रेडिंग सत्रों में PVR INOX के शेयरों में 0.53% की मामूली बढ़त रही है। पिछले एक महीने में भी शेयर में 0.48% की वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं, पिछले छह महीनों में इस शेयर ने 31.62% की अच्छी तेजी दिखाई है। हालांकि, वर्ष की शुरुआत से अब तक इसका शेयर 15.19% गिर चुका है। इस वर्ष 18 अक्टूबर को PVR INOX के शेयर ₹1,658.20 के ऊंचे स्तर पर पहुंचे थे, जबकि 7 अप्रैल को यह ₹830 के निचले स्तर पर था। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन आज के दिन ₹10,979.74 करोड़ के आसपास है। इस पूरी स्थिति में PVR INOX की वित्तीय सेहत मजबूत नजर आ रही है, लेकिन CCI की जांच के कारण निवेशकों में अस्थिरता बनी हुई है। VPF विवाद और CCI की कार्रवाई से कंपनी को कानूनी और वित्तीय दोनों मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, त्योहारों के दौरान थियेटर की बढ़ी हुई भीड़ और आने वाली फिल्मों की उम्मीद से कंपनी के कारोबार में सुधार की संभावना भी बनी हुई है
PVR INOX की स्थिति इस समय बाजार के लिए अहम बनी हुई है, क्योंकि यह न सिर्फ मल्टीप्लेक्स उद्योग का बड़ा खिलाड़ी है, बल्कि भारतीय सिनेमा के व्यवसायिक परिदृश्य को भी प्रभावित करता है। आने वाले दिनों में CCI की रिपोर्ट और कंपनी की प्रतिक्रिया से इसके शेयरों की दिशा तय होगी। फिलहाल निवेशक सावधानी के साथ इस स्टॉक पर नजर बनाए हुए हैं