Diwali और Samvat 2082 के आने के बीच भारतीय शेयर बाजार में न तो कोई जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है और न ही कोई बड़ी गिरावट। बाजार एक तरह से अपनी खोई हुई जमीन धीरे-धीरे वापस पा रहा है। पिछले साल Samvat 2081 भारतीय मार्केट के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें Trump के टैरिफ, पाकिस्तान के साथ तनाव, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, कंपनियों के मुनाफे में कटौती, कमजोर होती रुपया और टेक्नोलॉजी सेक्टर की परेशानियां शामिल थीं। लेकिन इस बार बाजार थोड़ी स्थिरता के साथ नए साल की शुरुआत कर रहा है। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि Retail inflation आठ साल के निचले स्तर पर आ गई है। इसके साथ ही GST में कटौती ने शहरी उपभोक्ता के खर्च बढ़ाने की संभावना को मजबूत किया है। अच्छी मानसून बारिश और खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट ने भी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया है। RBI के Monetary Policy Committee की हालिया बैठक की टिप्पणियों से यह संकेत मिलता है कि दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती के आसार हैं। इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी अब नेट खरीदार बन गए हैं, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है। देश का व्यापार डाटा बताता है कि भारत ट्रेड टैरिफ के बावजूद मजबूत घरेलू मांग के कारण आर्थिक दबाव झेल रहा है
कंपनियों के मुनाफे में भी दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद है, जो भारतीय इक्विटी स्टोरी को और मजबूत बना रही है। उदाहरण के तौर पर, Axis Bank ने हाल ही में Q2 के नतीजे घोषित किए, जिनका बाजार में अच्छा रिस्पांस देखने को मिला। वहीं ICICI Lombard के म्यूटेड नतीजों के बावजूद, कंपनी का स्टॉक बढ़ा क्योंकि GST की नई दरों से नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर को लाभ मिलने की उम्मीद है। बाजार में FMCG और Consumer Durable सेक्टर में भी तेजी देखी गई है। Nestle जैसे स्टॉक्स, जो महंगे माने जाते हैं, वहां भी निरंतर विकास की उम्मीद बनी हुई है। LG Electronics ने Consumer Durables सेक्टर में अपनी लिस्टिंग के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है। स्टील सेक्टर में भी Trump के टैरिफ का असर सीमित दिख रहा है, जिससे मेटल सेक्टर में स्थिरता बनी हुई है। हालांकि, सब कुछ ठीक नहीं है। US-China के बीच ट्रेड वार लगातार बढ़ रहा है। चीन ने Rare Earths के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है, जबकि Trump ने चीन से आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है
ऐसे में बाजार उम्मीद कर रहा है कि यह सारी परिस्थितियां जल्द ही किसी डील की ओर बढ़ेंगी। लेकिन IMF ने चेतावनी दी है कि यह टैरिफ युद्ध विश्व अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। IMF ने US मार्केट में Magnificent 7 टेक स्टॉक्स की अत्यधिक केंद्रीकरण को डॉटकॉम बुलबुले से भी ज्यादा खतरनाक बताया है। साथ ही, AI में भारी निवेश के बावजूद उसकी सफलता पर संदेह व्यक्त किया गया है। US की बड़ी कंपनियों में कुछ लेंडर्स के संकट और Warren Buffett के मार्केट इंडिकेटर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर होने से भी भारतीय कंपनियों को, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं, चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। Wipro, Infosys, Mphasis और HCL Tech जैसे IT सेक्टर के दिग्गजों के प्रदर्शन में भी विभिन्नता देखी जा रही है। RBI गवर्नर Sanjay Malhotra ने कहा कि भले ही मौजूदा आंकड़ों के अनुसार विकास मजबूत है, लेकिन उसकी उम्मीदें अभी भी कम हैं। घरेलू मैक्रोइकॉनॉमिक सेटअप पिछले कई वर्षों में सबसे बेहतर स्थिति में है, जबकि US मार्केट फंडामेंटल से काफी अनपढ़ हो चुका है। वैश्विक स्तर पर व्यापार और भू-राजनीतिक तनाव बाजार के लिए अनिश्चितता पैदा कर रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए स्थिरता ही सबसे बड़ा वरदान साबित हो सकती है
Samvat 2082 का मूड न तो अत्यधिक उत्साह से भरा है, न ही निराशा से। यह साल बाजार के लिए एक नई उम्मीद के साथ मजबूती के रास्ते पर चलने का संकेत देता है। यह साल बाजार के लिए न तो कोई बड़ा धमाका होगा और न ही बड़ी गिरावट, बल्कि लगातार और स्थिर बढ़त का साल होगा। इस दिवाली पर बाजार ने हमें सिखाया है कि “Rise” जैसा जज्बा रखना जरूरी है, जैसा कि गीतकार Katy Perry ने कहा है, “I won’t just survive, Oh, you will see me thrive.” यह वही कहानी है जो भारतीय बाजार इस नए साल में बयां कर रहा है। चकाचौंध नहीं, लेकिन अडिग और मजबूत। इस बीच, कई कंपनियों और सेक्टर्स में भी बदलाव और संभावनाएं दिख रही हैं। Suraksha Diagnostics, Tata Motors के डिमर्जर, GM Breweries और D-Mart जैसे स्टॉक निवेशकों के लिए आकर्षक बने हुए हैं। साथ ही, Mutual funds ने सितंबर में अपने कैश को थोड़ा कम किया है, जो बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है। सॉफ्टवेयर कंपनियों से लेकर मेटल्स और FMCG तक, बाजार में विविधता के साथ अवसर भी नजर आ रहे हैं। इस प्रकार, Samvat 2082 भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतियों के बावजूद उम्मीदों का साल साबित होगा
बाजार जहां वैश्विक दबावों से जूझ रहा है, वहीं घरेलू मांग और बेहतर नीतिगत फैसलों के चलते अपनी मजबूती दिखा रहा है। Diwali के इस पावन अवसर पर बाजार और निवेशक दोनों के लिए यही शुभकामना है कि वे इस साल स्थिरता और विकास दोनों का आनंद लें