चांदी की कीमतों में बुधवार, 10 सितंबर 2025 को स्थिरता देखने को मिली। देशभर में चांदी का भाव ₹130 प्रति ग्राम और ₹1,30,000 प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित रहा। पिछले दिन की तुलना में कोई बदलाव नहीं हुआ, जिससे घरेलू बुलियन मार्केट में एक तरह का कंसोलिडेशन नजर आया। ट्रेडर्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी की कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों के उतार-चढ़ाव का संतुलन बना रहे हैं। भारतीय बाजार में चांदी की कीमतें वैश्विक संकेतकों और रुपया-डॉलर एक्सचेंज रेट से गहराई से प्रभावित होती हैं। आमतौर पर जब रुपया कमजोर होता है, तो चांदी महंगी हो जाती है, भले ही ग्लोबल प्राइस स्थिर ही क्यों न हों। वहीं, जब रुपया मजबूत होता है, तो कीमतों की बढ़ोतरी पर रोक लगती है। देश के प्रमुख शहरों में चांदी की कीमतों पर नजर डालें तो मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, वडोदरा और अहमदाबाद में चांदी ₹1,300 प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रही। यह राष्ट्रीय स्तर के बेंचमार्क के अनुरूप है। वहीं, चेन्नई, हैदराबाद और केरल में चांदी की कीमतें ₹1,400 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं, जो त्योहारों और स्थानीय मांग में वृद्धि का संकेत देती हैं
पिछले कुछ दिनों के भावों पर नजर डालें तो 6 सितंबर को चांदी ₹1,280 प्रति 10 ग्राम पर थी, जिसने 7 सितंबर को भी इसी स्तर को बरकरार रखा। 8 सितंबर को थोड़ी गिरावट आई और कीमत ₹1,270 प्रति 10 ग्राम हो गई, लेकिन 9 सितंबर को ₹30 की बढ़त के साथ फिर ₹1,300 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। 10 सितंबर को यह कीमत स्थिर रही। अगस्त के अंत से चांदी लगातार ₹1,250 के ऊपर ट्रेड कर रही है, जो उसकी मजबूती और बाजार में स्थिर मांग को दर्शाता है। तेजी से बढ़ते त्योहारों के मौसम और उपभोक्ता खरीद में इजाफे के कारण चेन्नई, हैदराबाद और केरल में चांदी की कीमतें राष्ट्रीय औसत से ऊपर चल रही हैं। यह स्थानीय मांग की मजबूती को साफ दिखाता है। साथ ही, औद्योगिक उपयोग और निवेश की स्थिरता भी कीमतों को सहारा दे रही है। वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतें और रुपया-डॉलर विनिमय दर की चाल आने वाले दिनों में भी घरेलू कीमतों को प्रभावित करेगी। फिलहाल, बाजार में चांदी का मूड स्थिर से सकारात्मक बना हुआ है। निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए चांदी न केवल खरीद का आकर्षक विकल्प बनी हुई है बल्कि यह आर्थिक अनिश्चितताओं और मुद्रा उतार-चढ़ाव के दौरान हेज के रूप में भी काम कर रही है
संक्षेप में, 10 सितंबर 2025 को चांदी की कीमतें राष्ट्रीय स्तर पर स्थिर रहीं, जबकि चेन्नई, हैदराबाद और केरल जैसे कुछ शहरों में त्योहारों की वजह से तेज़ी देखी गई। यह संकेत है कि घरेलू बुलियन मार्केट में मांग मजबूत बनी हुई है और चांदी निवेशकों के लिए अभी भी एक भरोसेमंद विकल्प बनी हुई है