Silky Overseas Limited, जो कि होम टेक्सटाइल्स के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी कंपनी है, ने NSE SME प्लेटफॉर्म पर 7 जुलाई 2025 को अपना पहला दिन बिताया। कंपनी का IPO 30 जून से 2 जुलाई 2025 तक चला, जिसने निवेशकों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया प्राप्त की। IPO को कुल 169.93 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें NII (Non-Institutional Investors) ने 430.21 गुना, Retail Investors ने 119.34 गुना और QIB (Qualified Institutional Buyers) ने 62.99 गुना हिस्सा लिया। इस जबरदस्त मांग के बावजूद, Silky Overseas के शेयर ने अपनी लिस्टिंग पर केवल 6.21% प्रीमियम के साथ शुरुआत की, जो कि आईपीओ प्राइस ₹161 के मुकाबले ₹171 था। यह मामूली प्रीमियम दर्शाता है कि निवेशक अभी भी टेक्सटाइल सेक्टर की वैल्यूएशन और भविष्य की वृद्धि को लेकर थोड़े सतर्क हैं। Silky Overseas की शुरुआत 2016 में हुई थी और कंपनी घरेलू बाजार के साथ-साथ मिडिल ईस्ट एक्सपोर्ट पर फोकस करती है। कंपनी के उत्पादों में mink blankets, bed sheets और comforters शामिल हैं, जो Rian Décor ब्रांड के तहत आते हैं। Silky Overseas का उत्पादन चक्र पूरी तरह से इंटीग्रेटेड है, जिसमें निटिंग, डाईंग, प्रोसेसिंग, प्रिंटिंग और पैकेजिंग शामिल हैं। कंपनी के पास 135 कर्मचारी हैं और इसके पास एक मजबूत एक्सपोर्ट नेटवर्क है। IPO से मिले फंड का उपयोग कंपनी ने अपने ऑपरेशंस को बेहतर बनाने के लिए करने की योजना बनाई है
₹4.30 करोड़ का उपयोग अतिरिक्त वेयरहाउसिंग सुविधा स्थापित करने में किया जाएगा, जिससे इन्वेंट्री मैनेजमेंट में सुधार होगा। ₹3.00 करोड़ का उपयोग कंपनी के डेब्ट को घटाने के लिए किया जाएगा, ताकि कैपिटल स्ट्रक्चर मजबूत हो सके। साथ ही, ₹12.00 करोड़ को वर्किंग कैपिटल के रूप में रखा गया है, जिससे कंपनी के व्यवसायिक विकास और रोज़ाना संचालन में सहायता मिलेगी। शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों और रणनीतिक पहलों के लिए किया जाएगा। Silky Overseas की वित्तीय स्थिति में पिछले वर्षों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। FY24 में कंपनी का रेवेन्यू ₹70.26 करोड़ था, जो 10 महीनों के FY25 में ₹105.35 करोड़ तक पहुंच गया। इसी तरह, नेट प्रॉफिट ₹5.53 करोड़ से बढ़कर ₹9.17 करोड़ हो गया है। हालांकि, इस तेजी से बढ़ोतरी ने कुछ विश्लेषकों के बीच चिंता भी पैदा की है कि क्या यह वृद्धि स्थायी है या केवल एक अस्थायी उछाल। कंपनी का ROE (Return on Equity) 36.56% और ROCE (Return on Capital Employed) 39.54% है, जो संचालन की दक्षता को दर्शाते हैं। लेकिन कंपनी का डेब्ट-टू-इक्विटी अनुपात 1.70 है, जो यह दिखाता है कि कंपनी पर कर्ज का बोझ अधिक है
यह निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि उच्च कर्ज का प्रबंधन कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। IPO के बाद Silky Overseas की मामूली लिस्टिंग प्रीमियम यह संकेत देती है कि बाजार में टेक्सटाइल सेक्टर की वैल्यूएशन को लेकर सावधानी बरती जा रही है, खासकर उन कंपनियों के लिए जिनके वित्तीय प्रदर्शन में अचानक सुधार देखने को मिला हो। निवेशकों ने कंपनी की लंबी अवधि की वृद्धि क्षमता और कर्ज प्रबंधन की रणनीति पर नजर बनाए रखी है। Silky Overseas की वर्तमान संचालन क्षमता सीमित है और IPO के बाद भी कंपनी के पास बड़े पैमाने पर पूंजी की कमी है, जो मेनबोर्ड पर लिस्टिंग के लिए आवश्यक होती है। इसका मतलब है कि कंपनी को अपने विस्तार और बड़े स्तर पर उत्पादन बढ़ाने में समय लगेगा। कुल मिलाकर, Silky Overseas ने टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है और IPO के जरिए उसने फंड जुटाकर अपने ऑपरेशंस को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं। लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया से साफ है कि निवेशक अभी भी सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं, विशेषकर कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की स्थिरता और कर्ज प्रबंधन को लेकर। Silky Overseas के लिए अब यह महत्वपूर्ण होगा कि वह अपनी वृद्धि को स्थायी बनाए और कर्ज को नियंत्रित करते हुए अपने ब्रांड और एक्सपोर्ट नेटवर्क को मजबूत करे