शॉकिंग! Nifty Metal ने 4 जुलाई को दिखाया सबसे खराब प्रदर्शन, बाजार में बढ़ा तनाव

Saurabh
By Saurabh

4 जुलाई 2025 को शेयर बाजार में Nifty 50 और Sensex लगातार छठे सत्र तक दिशा-हीन और संकुचन की स्थिति में रहे। दोनों प्रमुख सूचकांक लगभग स्थिर स्तर पर ट्रेड करते हुए मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। Sensex 193.42 अंक यानी 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83,432.89 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 55.7 अंक या 0.22 प्रतिशत की मामूली तेजी के साथ 25,461 के स्तर पर बंद हुआ। कुल मिलाकर 1881 शेयर बढ़त में रहे, 1655 शेयर गिरावट में और 114 शेयर स्थिर रहे। हालांकि बाजार में ये मामूली बढ़त आई, लेकिन Nifty Metal सेक्टर इस दिन सबसे अधिक कमजोर रहा और 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ शीर्ष सेक्टोरल लुजर रहा। इसके अलावा, Nifty Auto भी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ कमजोर रहा। वहीं, Nifty Pharma ने 0.81 प्रतिशत की सबसे अधिक बढ़त दर्ज की। Nifty Media और Nifty IT भी क्रमशः 0.82 प्रतिशत और 0.74 प्रतिशत उन्नति के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। Nifty PSU Bank, FMCG, Infra और Energy इंडेक्स भी 0.2 से 0.3 प्रतिशत तक बढ़त के साथ बंद हुए। बाजार में यह तटस्थ रुख मुख्य रूप से भारत-यूएस के बीच चल रहे व्यापारिक गतिरोध की वजह से बना हुआ है

9 जुलाई की नजदीक आते हुए 26 प्रतिशत के पारस्परिक टैरिफ लागू करने की धमकी ने निवेशकों और ट्रेडर्स में चिंता बढ़ाई है। इस बीच, व्यापक बाजार भी स्थिर रहे। Nifty Midcap 100 में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि Nifty Smallcap 100 ने 0.1 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की। फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडर्स के लिए SEBI द्वारा अल्गो ट्रेडिंग कंपनी Jane Street पर कार्रवाई के बाद से कुछ राहत मिली, लेकिन इस खबर से Dalal Street को ज्यादा संतोष नहीं मिला। इसके उलट, Nuvama Wealth Management Ltd, BSE Ltd, और CDSL Ltd जैसे कैपिटल मार्केट से जुड़े शेयरों में तेज गिरावट देखी गई, जो 10 प्रतिशत तक नीचे आए। रक्षा क्षेत्र के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई है। Defence Acquisition Council (DAC) ने लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये के कैपिटल अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस फैसले के बाद Paras Defence, BEL और Zen Technologies के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया। Choice Broking के Derivative Analyst Hardik Matalia ने कहा कि “वर्तमान माहौल में जो अस्थिरता और मिश्रित संकेत मिल रहे हैं, उसमें ट्रेडर्स को सावधानीपूर्वक ‘buy-on-dips’ रणनीति अपनानी चाहिए, खासकर जब वे लेवरेज के साथ ट्रेड कर रहे हों। रैलियों के दौरान आंशिक मुनाफा बुक करना और कड़ी ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस का उपयोग करना जोखिम प्रबंधन के लिए जरूरी है

नए लॉन्ग पोजीशन तभी लेने चाहिए जब Nifty 25,600 के ऊपर बना रहे। ” कुल मिलाकर, बाजार में अस्थिरता और व्यापारिक तनावों के बीच निवेशकों में सतर्कता बढ़ती जा रही है। Nifty Metal का कमजोर प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि कुछ सेक्टर्स में दबाव बना हुआ है, जबकि Pharma, Media और IT ने बेहतर रुख दिखाया। रक्षा क्षेत्र में भारी पूंजी निवेश के फैसले ने इस सेक्टर को मजबूती दी है। बाजार की इस दिशा-हीन चाल के बीच निवेशकों को अपनी रणनीतियों में सतर्कता बरतनी होगी और जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लेने होंगे। 4 जुलाई की ट्रेडिंग ने यह स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल मार्केट में स्पष्ट ट्रेंड की कमी है और व्यापारिक तनाव के कारण निवेशकों की प्रतिक्रिया भी संयमित बनी हुई है

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