Shlokka Dyes Limited का BSE SME पर निराशाजनक डेब्यू, शेयरों में 6% से अधिक गिरावट

Saurabh
By Saurabh

Shlokka Dyes Limited, जो कि टेक्सटाइल उद्योग के लिए सिंथेटिक ऑर्गेनिक रिएक्टिव डाइज और पिगमेंट्स के निर्माता हैं, ने 17 अक्टूबर 2025 को BSE SME पर अपनी शुरुआत की, लेकिन निवेशकों को निराश करते हुए कंपनी का डेब्यू कमजोर रहा। 30 सितंबर से 14 अक्टूबर 2025 तक चले आईपीओ के बाद कंपनी ने ₹91 प्रति शेयर की संशोधित कीमत पर लिस्टिंग की, जो कि मूल रूप से ₹95-100 के प्राइस बैंड से नीचे थी। शुरुआत में शेयर ₹90 पर खुला जो इश्यू प्राइस से 1.10% कम था और दिन के अंत तक यह और गिरकर ₹85.50 हो गया, जिससे निवेशकों को 6.04% का नुकसान हुआ। IPO की प्रतिक्रिया भी कमजोर रही क्योंकि इसे केवल 1.12 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 0.65 गुना रही, जबकि QIB ने मात्र 1.02 गुना और NII ने 2.24 गुना सब्सक्रिप्शन किया। यह संकेत है कि बाजार में टेक्सटाइल डाइज सेक्टर के प्रति नकारात्मक भावना कायम है, जिसका असर Shlokka Dyes के शेयर पर साफ दिखा। Shlokka Dyes Limited गुजरात में 5,000 वर्ग मीटर के फैक्ट्री में सालाना 9,000 MT उत्पादन क्षमता के साथ काम करती है। कंपनी के पास एक विविध उत्पाद पोर्टफोलियो है जिसमें रिएक्टिव डाइज (M-X, H&P, HE, VE, RR), डायरेक्ट डाइज, बेसिक डाइज और डिजिटल प्रिंटिंग डाइज शामिल हैं, जो टेक्सटाइल, लेदर और पेपर इंडस्ट्रीज को सेवा प्रदान करते हैं। कंपनी की ISO प्रमाणित गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली और इन-हाउस HPLC लैब उसकी उत्पादन प्रक्रिया को मजबूत बनाती है। वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो FY25 में कंपनी ने ₹103.45 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो FY24 के ₹61.69 करोड़ से 68% की वृद्धि थी

निवल लाभ ₹10.01 करोड़ रहा, जो FY24 के ₹4.92 करोड़ से 104% अधिक है। इसने अपने ROE को 36.82% और ROCE को 36.14% पर बनाए रखा, जो ऑपरेशनल लीवरेज और मार्जिन विस्तार को दर्शाता है। हालांकि कंपनी का EBITDA मार्जिन 18.05% है, लेकिन PAT मार्जिन मात्र 9.68% का रहा। फिर भी, कंपनी के लिए कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। FY24 में राजस्व में तेज गिरावट ने व्यवसाय की अस्थिरता को उजागर किया। टेक्सटाइल डाइज सेक्टर अत्यंत प्रतिस्पर्धात्मक और खंडित है, जिससे बाजार हिस्सेदारी बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा, आईपीओ के बाद कंपनी के valuation metrics भी आक्रामक नजर आ रहे हैं। इसका पोस्ट-इश्यू P/E अनुपात 19.46 गुना और प्राइस-टू-बुक वैल्यू 5.04 गुना है, जो हाल के मजबूत विकास के बावजूद अधिक माना जा रहा है। कंपनी का debt-to-equity अनुपात 1.02 है, जो वित्तीय जोखिम को दर्शाता है। IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग मुख्य रूप से उत्पादन क्षमता बढ़ाने, कर्ज चुकाने और वर्किंग कैपिटल बढ़ाने के लिए किया जाएगा

₹6.13 करोड़ का निवेश प्लांट और मशीनरी में होगा ताकि वर्तमान 9,000 MT वार्षिक क्षमता से अधिक उत्पादन किया जा सके। ₹11.50 करोड़ कर्ज चुकाने के लिए आवंटित किए गए हैं जिससे वित्तीय लेवरेज बेहतर होगा। इसके अलावा, ₹28.00 करोड़ वर्किंग कैपिटल के लिए रखे गए हैं, जो कंपनी के ऑपरेशंस और रणनीतिक पहलों में मदद करेंगे। शलोक्का डाइज का मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹194.82 करोड़ के आस-पास है, जो कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति और विकास क्षमता को दर्शाता है। हालांकि कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में लाभ में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है, लेकिन बाजार की धारणा और प्रतिस्पर्धा ने इसके शेयर मूल्य को प्रभावित किया है। कुल मिलाकर, Shlokka Dyes Limited ने अपने IPO और पहली ट्रेडिंग के दौरान बाजार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। कंपनी के मजबूत वित्तीय आंकड़े और विस्तार योजनाएं अच्छी संभावनाएं दिखाती हैं, लेकिन सेक्टर की अस्थिरता, आक्रामक वैल्यूएशन और कमजोर आईपीओ सब्सक्रिप्शन ने निवेशकों के बीच निराशा पैदा की है। आने वाले समय में कंपनी की क्षमता वृद्धि, कर्ज प्रबंधन और बाजार में टिके रहने की रणनीतियां ही इसके शेयरों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी

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