भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को मिड-सेशन कमजोर शुरुआत देखने को मिली, जब Sensex और Nifty ने लगातार दो दिन की तेजी के बाद रुकावट का सामना किया। वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों के बीच प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ खुले। सुबह के कारोबार में Sensex में 296.05 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 82,204.77 के स्तर पर आ गया। वहीं, Nifty भी 85.55 अंक या 0.34 प्रतिशत टूटकर 25,199.80 पर बंद हुआ। व्यापक बाजार की बात करें तो 1,946 शेयरों में गिरावट रही, जबकि 1,155 शेयरों में तेजी और 184 शेयर स्थिर रहे। बाजार में नकारात्मक माहौल के कारण सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल रंग में ट्रेड करते नजर आए। Nifty Midcap 100 और Nifty Smallcap 100 दोनों ने लगभग 0.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ कमजोरी दिखाई। बाजार की नर्वसनेस का अंदाजा India VIX में 10 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी से भी लगाया जा सकता है, जो निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना को दर्शाता है। सेक्टोरल प्रदर्शन की बात करें तो मीडिया और हेल्थकेयर इंडेक्स में मामूली बढ़त देखने को मिली, लेकिन बाकी सभी सेक्टर्स दबाव में रहे। खासतौर पर IT सेक्टर को लगातार दूसरी कंसिक्यूटिव ट्रेडिंग सेशन में नुकसान झेलना पड़ा
Infosys, Persistent Systems, Coforge, और HCL Technologies के शेयर लगभग 1 प्रतिशत तक गिर गए। निवेशकों की नजर अब HCL Tech के Q2 रिजल्ट्स पर टिकी है, जो TCS के शानदार प्रदर्शन के बाद आने वाले हैं। TCS ने कई मैट्रिक्स में उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए हैं और HCL Tech के AI रणनीति के बारे में जानने के लिए बाजार उत्सुक है, खासकर तब जब TCS ने पिछले सप्ताह बड़े पैमाने पर AI डेटा सेंटर बनाने और एक अनोखी AI-सम्बंधित अधिग्रहण की घोषणा की थी। IT सेक्टर के अलावा, Consumer Durables सेक्टर के स्टॉक्स में भी सात दिन की लगातार तेजी के बाद लाभ निकालने की प्रवृत्ति देखी गई। Dixon Technologies, Voltas, Blue Star, Whirlpool और Crompton Greaves के शेयर शुरुआती कारोबार में लगभग 2 प्रतिशत तक नीचे आए। Geojit Financial Services के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट VK Vijayakumar ने कहा कि “हाल के दिनों में President Trump के बयान से लग रहा है कि वे ट्रेड वॉर को बढ़ावा देने से बच रहे हैं, जैसा कि उन्होंने पहले भी कई बार किया है। उनकी ‘चीन की चिंता न करें’ जैसी टिप्पणियां इस बात का संकेत हैं कि feared trade war से बचा जा सकता है। अमेरिकी फ्यूचर्स में हुई तेजी भी इस बात की पुष्टि करती है कि बाजार इन घटनाक्रमों को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। यह दोनों देशों के बीच की यह तनातनी अस्थायी हो सकती है। ” उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार खरीदारी ने भारतीय बाजारों को स्थिरता प्रदान की है
पिछले चार सत्रों में FIIs ने लगभग ₹3,289 करोड़ के शेयर खरीदे हैं। बाजार में चल रही तेजी और शॉर्ट कवरिंग ने मिलकर बाजार को मजबूती दी है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बीच बाजार में सतर्कता बनी हुई है। घरेलू शेयर बाजार की यह कमजोरी उस समय आई है जब वैश्विक आर्थिक माहौल में तनाव बढ़ रहा है और प्रमुख देशों के बीच व्यापारिक विवाद की आशंका बनी हुई है। निवेशकों के लिए फिलहाल बाजार थोड़ा संकोच भरा नजर आ रहा है, और वे आगामी तिमाही रिपोर्ट और वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं। इस प्रकार, Sensex और Nifty की कमजोर शुरुआत वैश्विक संकेतों की नरमी और सेक्टोरल दबाव को दर्शाती है। निवेशक अब HCL Tech के नतीजों और AI से जुड़ी रणनीतियों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, जो बाजार के अगले रुख को तय करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। फिलहाल, बाजार में बढ़ती अस्थिरता और निवेशकों की सावधानी बरतने की प्रवृत्ति साफ नजर आ रही है