आज के ट्रेडिंग सत्र में शेयर बाजार ने काफी उतार-चढ़ाव देखे। शुरुआत में जब Sensex ने 888.96 पॉइंट की तेजी के साथ 81,456.67 के स्तर को छुआ और Nifty ने 265.7 पॉइंट की बढ़त के साथ 24,980.75 के करीब पहुंचा, तब ऐसा लग रहा था कि बाजार एक मजबूत रैली पर है। लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा, बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली और Sensex ने अपनी लगभग 650 पॉइंट की बढ़त गंवा दी। अंत में Sensex करीब 500 पॉइंट की गिरावट के साथ 80,799.56 पर बंद हुआ, जबकि Nifty भी 24,850 के नीचे आ गया। इस बदलाव के पीछे कई कारण थे, जो बाजार की धारणा और निवेशकों के मूड को प्रभावित कर रहे थे। सबसे पहला कारण था Profit Booking। निवेशकों ने शुरुआती तेजी के बाद लाभ कमाने के लिए अपने शेयर बेचने शुरू कर दिए। खासकर Mahindra & Mahindra जैसे स्टॉक्स में जबरदस्त उछाल आया था, जो 7.5% से अधिक बढ़े थे। Bajaj Finance, Hindustan Unilever, Bajaj Finserv, ITC, Tata Motors और UltraTech Cement भी शुरुआती रैली में आगे थे। लेकिन तेजी के बाद जब निवेशकों ने मुनाफा निकालना शुरू किया, तो बाजार में दबाव बढ़ गया और broader markets लाल निशान में आ गए
इसके अलावा, GST में बदलाव और टैक्स रिफॉर्म की खबरों ने भी बाजार को प्रभावित किया। GST काउंसिल ने कई आम उपयोग की चीजों जैसे रोटी, पराठा, हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी पर टैक्स कम करने का फैसला किया है, साथ ही पर्सनल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स को लगभग खत्म कर दिया गया है। यह बदलाव कंज्यूमर डिमांड को बढ़ावा देने वाला माना जा रहा है और इसके चलते Auto, FMCG और Consumer Durables सेक्टर में खरीददारी देखने को मिली। हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये टैक्स कटौती पहले से ही बाजार में कीमतों में शामिल हो चुकी है। इसलिए, इन सेक्टरों के स्टॉक्स में और ज्यादा तेजी की संभावना फिलहाल सीमित नजर आ रही है। Santosh Meena, Swastika Investmart के हेड ऑफ रिसर्च ने कहा कि Nifty तकनीकी तौर पर 24,350-24,500 के बीच डबल बॉटम बना रहा है और 24,770 के रेजिस्टेंस लेवल को पार करने पर 25,000 का लक्ष्य संभव है। दूसरा बड़ा कारण था Global Cues का मिश्रित होना। एशियाई बाजारों में चीन के शेयरों में गिरावट ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी को लेकर पहले की गई उम्मीदों को कमजोर किया। Shanghai Composite Index में 1.6% की गिरावट आई और यह तीसरे दिन लगातार नीचे आ रहा था। दक्षिण कोरिया के Kospi और जापान के Nikkei 225 ने कुछ बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन overall Asian markets में कमजोरी दिखी
अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में नौकरी के अवसरों की संख्या कम आने से फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं, लेकिन फेड की “Beige Book” रिपोर्ट में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई। इसके चलते MSCI Asia-Pacific Index भी नीचे आया। निवेशक अब सितंबर में फेड की बैठक में ब्याज दर में कटौती की संभावना को लेकर सतर्क हैं। तीसरा और महत्वपूर्ण कारण था FII का लगातार बिकवाली करना। बुधवार को Foreign Institutional Investors ने भारतीय शेयर बाजार से करीब 1,666.46 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि Domestic Institutional Investors ने लगभग 2,495.33 करोड़ रुपये की खरीदारी की। DIIs ने इस साल अब तक 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर खरीदे हैं, जो पिछले साल के रिकार्ड के बेहद करीब है। दूसरी ओर, FIIs ने इस साल अब तक भारतीय बाजार से 1.3 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं, जो 2022 के रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये के बहिर्वाह के करीब पहुंच रहा है। यह विदेशी निवेशकों का रुख बाजार भावना को प्रभावित कर रहा है, खासकर तब जब अमेरिकी टैरिफ और कमजोर कॉर्पोरेट कमाई की चिंताएं बनी हुई हैं। FIIs के निकलने से भारतीय शेयर बाजार एशियाई बाजारों की तुलना में पिछड़ रहा है। कुल मिलाकर, आज के दिन बाजार में शुरुआती तेजी के बाद मुनाफा निकालने की प्रक्रिया, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार को दबाव में डाल दिया
हालांकि, घरेलू निवेशकों की खरीदारी ने गिरावट को सीमित रखने में मदद की। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, Nifty के लिए 24,770 का स्तर महत्वपूर्ण होगा और अगर यह पार हो गया तो बाजार में फिर से तेजी आ सकती है। फिलहाल, निवेशक वैश्विक और घरेलू दोनों तरह के कारकों पर नजर बनाए हुए हैं, जिससे बाजार का रुख अगले कुछ दिनों में साफ होगा