आज भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी देखने को मिली, Sensex 173.77 अंक या 0.21 प्रतिशत गिरकर 82,327.05 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं Nifty भी 58 अंक या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,227.35 पर बंद हुआ। BSE Midcap इंडेक्स में 0.2 प्रतिशत और Smallcap इंडेक्स में 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बाजार में विदेशी निवेशकों (FIIs/FPIs) ने कुल 240 करोड़ रुपये की नेट बिक्री की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) ने 2,333 करोड़ रुपये की खरीदारी की। आज के लेनदेन के आंकड़ों के अनुसार, DIIs ने कुल 14,961 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 12,627 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इसके विपरीत, FIIs ने 8,085 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, लेकिन 8,326 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस वर्ष अब तक FIIs ने कुल 2.39 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जबकि DIIs ने 5.90 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। सेक्टोरल स्तर पर देखा जाए तो Metal, Telecom, IT, FMCG, Capital Goods और Consumer Durables क्षेत्रों में 0.5 से 1 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। Nifty के प्रमुख हारे हुए स्टॉक्स में Tata Motors, Infosys, Wipro, Nestle और HUL शामिल थे, जबकि Bharti Airtel, Bajaj Auto, Adani Ports, Shriram Finance और Bajaj Finance ने बाजार में बढ़त दिखाई। Religare Broking Ltd के SVP, Research Ajit Mishra ने बताया कि बाजार कमजोर शुरुआत के बाद मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की संभावना बताने के बाद वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचाव की प्रवृत्ति बढ़ी, जिससे घरेलू बाजार की भावना प्रभावित हुई
Ajit Mishra ने आगे कहा कि भविष्य में भी कमाई के नतीजे बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे, लेकिन वैश्विक घटनाक्रम बाजार में उतार-चढ़ाव का कारण बने रहेंगे। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि जब तक Nifty 25,000 के ऊपर बना रहता है, सकारात्मक रुख बनाए रखना चाहिए और गिरावट पर गुणवत्ता वाले शेयर खरीदने पर ध्यान देना चाहिए, न कि उच्च लीवरेज लेकर जोखिम उठाने पर। हालांकि बाजार में आज गिरावट रही, लेकिन कुछ प्रमुख शेयरों में खरीदारी देखने को मिली, जिसने बाजार को पूरी तरह से गिरने से रोका। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी की यह लड़ाई बाजार की मौजूदा अनिश्चितता को दर्शाती है। इस साल FIIs की भारी बिकवाली के बावजूद, DIIs के मजबूत निवेश ने बाजार को सहारा दिया है। इस संतुलन के चलते बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई, लेकिन वैश्विक तनाव और ट्रेड टैरिफ की संभावनाओं ने जोखिम की भावना को बढ़ा दिया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक हालात और भारत के आर्थिक आंकड़े निवेशकों की नजर में रहेंगे। यह स्थिति बाजार में अस्थिरता को जन्म दे सकती है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहना होगा। अंततः, बाजार ने आज एक तरह से पुनः समायोजन की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें निवेशक नये सिरे से जोखिम और अवसरों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। आने वाले दिनों में वैश्विक बाजार के संकेत और घरेलू आर्थिक रिपोर्टें बाजार की दिशा तय करेंगी
फिलहाल, बाजार ने 25,000 के नजदीक समर्थन दिखाया है, जो आगे के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। यह दिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू निवेशकों की खरीद के बीच संतुलन की कहानी रहा, जो आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार की संभावित दिशा के लिए महत्वपूर्ण होगा