Securities and Exchange Board of India (Sebi) ने Katalyst Software Services Ltd. (KSSL) को 2017-18 में जारी किए गए Non-Convertible Debentures (NCDs) के तहत जुटाए गए निवेशकों के पैसे 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया है। Sebi की Quasi-Judicial Authority Santosh Shukla ने 55 पेज के आदेश में कहा कि KSSL ने NCDs के माध्यम से पूंजी जुटाई थी, जो प्रारंभ में Karvy Capital Ltd. को private placement के रूप में जारी किए गए थे, लेकिन बाद में ये securities 200 से अधिक निवेशकों को ट्रांसफर कर दी गईं, जिससे यह एक public offer बन गया। regulator ने पाया कि कंपनी ने Companies Act और Sebi की debt regulations के तहत आवश्यक disclosure और compliance आवश्यकताओं को दरकिनार किया है। Sebi ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि KSSL को FY 2017-18 में NCDs के जरिए जुटाए गए धन को निवेशकों को 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ refund करना होगा, जो कि धन संग्रह के आठवें दिन से actual repayment तक लागू होगा। साथ ही कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह दो राष्ट्रीय अखबारों (एक अंग्रेज़ी और एक हिंदी) और एक व्यापक रूप से प्रसारित स्थानीय अखबार में 15 दिनों के अंदर repayment की प्रक्रिया और investor queries के लिए संपर्क विवरण प्रकाशित करे। Sebi ने यह भी कहा है कि refund प्रक्रिया केवल verifiable banking channels के माध्यम से होनी चाहिए जैसे कि demand drafts, pay orders, या electronic fund transfers, ताकि एक स्पष्ट audit trail उपलब्ध हो और लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित हो सके। इस दिशा में Sebi ने transparency और investor protection को प्राथमिकता दी है। Sebi ने Katalyst Software के पूर्व प्रमोटर Rahul Dilip Shah को छह महीने के लिए securities market तक पहुंच से प्रतिबंधित कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि Shah सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से securities market में प्रवेश या लेनदेन नहीं कर सकते, न ही कोई prospectus या offer document जारी कर सकते हैं, और न ही कानून के विरुद्ध सार्वजनिक रूप से धन soliciting कर सकते हैं। यह प्रतिबंध आदेश के जारी होने की तारीख से छह महीने के लिए लागू रहेगा
यह कार्रवाई तब हुई जब Rahul Dilip Shah ने कंपनी में अपने शेयरों के pledge में अनियमितताओं और Karvy और मुख्य शेयरधारक समूह के बीच साजिश की शिकायत Sebi के समक्ष की थी। Sebi की जांच में यह सामने आया कि NCD जारी करने की प्रक्रिया में investor funds जुटाने के तरीके ने regulatory safeguards को दरकिनार किया। Sebi ने पाया कि KSSL ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक नियमों का उल्लंघन किया है, जिससे निवेशकों को नुकसान पहुंचा। Sebi के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि regulator गैर-अनुपालन और धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कदम उठा रहा है, खासकर जब बात debt instruments की आती है। Katalyst Software के इस मामले में Sebi ने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए स्पष्ट नियम लागू किए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का संदेश दिया है। इस आदेश के बाद Katalyst Software को निवेशकों को NCDs के रूप में जुटाए गए धन को उचित ब्याज के साथ वापस करना होगा, जिससे निवेशकों का विश्वास पुनः स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही Sebi ने यह भी सुनिश्चित किया है कि refund के सभी लेनदेन पारदर्शी और audit योग्य हों, ताकि कोई भी धोखाधड़ी की संभावना न रहे। यह मामला Sebi की investor protection policies की मजबूती का परिचायक है, जो वित्तीय बाजार में विश्वास कायम रखने के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, Sebi ने यह भी संकेत दिया है कि वह कंपनियों और प्रमोटरों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है, जो नियमों का उल्लंघन करते हैं और निवेशकों को हानि पहुंचाते हैं। Sebi ने Katalyst Software के NCD investors के हित में जो कदम उठाए हैं, वह वित्तीय बाजार की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल हैं
यह आदेश अन्य कंपनियों के लिए भी चेतावनी है कि वे debt issuance के नियमों का कड़ाई से पालन करें और निवेशकों के अधिकारों का सम्मान करें। इस पूरे मामले की जांच और आदेश Sebi की कड़ी निगरानी और न्यायिक प्रक्रिया का परिणाम है, जिससे यह संदेश जाता है कि भारत के वित्तीय बाजार में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। Katalyst Software के निवेशकों को जल्द ही Sebi के निर्देशानुसार उचित राशि और ब्याज के भुगतान की उम्मीद है, जो उनके वित्तीय हितों की रक्षा करेगा