भारतीय रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की मजबूती के साथ खुला, जबकि अधिकांश एशियाई मुद्राएं कमजोर दबाव में थीं। रुपया 88.6975 प्रति डॉलर के स्तर पर खुला, जो पिछले बंद स्तर 88.7612 से बेहतर था। इस समय यह 88.7797 के आसपास कारोबार कर रहा है। यह बढ़त रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अक्टूबर नीति घोषणा से एक दिन पहले आई है, जिससे बाजार में सतर्कता और उत्सुकता दोनों देखने को मिली है। विशेषज्ञों की मानें तो RBI इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। एक सर्वेक्षण में अर्थशास्त्री, ट्रेजरी प्रमुख और फंड मैनेजरों ने अनुमान जताया है कि RBI MPC बैठक में ब्याज दरें स्थिर रखने की संभावना है। बाजार का यह भरोसा है कि RBI मजबूत पहली तिमाही की आर्थिक वृद्धि के आधार पर मौजूदा दरों पर कायम रहेगा, जबकि GST सुधारों के प्रभावों का भी आगे मूल्यांकन करता रहेगा। एशियाई मुद्राओं की बात करें तो सोमवार को दक्षिण कोरियाई वोन 0.18%, थाई बहत 0.15%, इंडोनेशियाई रूपिया और सिंगापुर डॉलर दोनों 0.08% कमजोर हुए। वहीं, चीनी रेनमिनबी और जापानी येन में भी मामूली गिरावट आई। इस बीच, रुपया अपनी मजबूती का कारण ब्याज दरों के अंतर को भी माना जा रहा है
CR Forex Advisors के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पाबरी ने कहा कि “जबकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी अगली मौद्रिक नीति बैठक में दरें घटाने जा रहा है, RBI दरें स्थिर रखने का संकेत दे रहा है, इस अंतर से रुपया कुछ सपोर्ट पा सकता है। ” अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही ट्रेड नीतियों ने भी बाजार में अनिश्चितता बढ़ाई है। 29 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने विदेशी निर्मित फिल्मों और फर्नीचर पर भारी टैरिफ लगाने की योजना घोषित की। उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य देश अमेरिका की फिल्म इंडस्ट्री को नुकसान पहुँचा रहे हैं और कैलिफोर्निया को विशेष रूप से प्रभावित कर रहे हैं। Trump ने कहा है कि सभी विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने इस कदम को “अमेरिका की मूवी इंडस्ट्री की चोरी” बताया, जिसे उन्होंने “बच्चे से कैंडी छीनने” के समान बताया। वैश्विक व्यापार नीतियों और घरेलू मौद्रिक नीति की इस पार्श्वभूमि में, मुद्रा बाजार की चालें निर्धारित होंगी। निवेशक अब RBI की नीति घोषणा पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, जो ब्याज दरों और आर्थिक दिशा के बारे में स्पष्टता प्रदान करेगी। हालांकि अन्य एशियाई मुद्राओं पर दबाव बना हुआ है, रुपया RBI की नीति समीक्षा से पहले थोड़ी मजबूती दिखा रहा है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। फेड की दरों में कटौती की संभावना और RBI की स्थिर नीति से रुपया समर्थन पा सकता है
साथ ही, अमेरिकी टैरिफ जैसी वैश्विक ट्रेड जोखिम की खबरें बाजार भावना पर प्रभाव डालती रहेंगी। इस प्रकार, आने वाले दिनों में भारतीय रुपया और मुद्रा बाजार की चाल RBI MPC की नीति निर्णय के इर्द-गिर्द केंद्रित रहेगी, जो निवेशकों के फैसलों और आर्थिक भविष्य को आकार देगी