Oval Projects Engineering Limited, जो Oil & Gas सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम करता है, ने 4 सितंबर 2025 को BSE SME पर अपना डेब्यू किया। कंपनी ने 28 अगस्त से 1 सितंबर 2025 के बीच IPO बिडिंग पूरी की थी, जिसके बाद शेयर बाजार में इसकी शुरुआत ₹85.25 के स्तर पर हुई, जो कि इश्यू प्राइस ₹85 से केवल 0.29% अधिक था। यह मामूली बढ़त दर्शाती है कि निवेशकों का इस सेक्टर में अभी भी सतर्क रवैया है। Oval Projects का IPO ₹85 प्रति शेयर के भाव से लॉन्च किया गया था और न्यूनतम निवेश ₹2,72,000 था, जो 3,200 शेयरों के बराबर था। हालांकि, IPO को लेकर बाजार की प्रतिक्रिया कमजोर रही। कुल सब्सक्रिप्शन केवल 1.61 गुना रही, जिसमें QIB का सब्सक्रिप्शन 6.21 गुना था, जबकि Retail Individual Investors (RII) ने 0.83 गुना और Non-Institutional Investors (NII) ने 0.82 गुना सब्सक्रिप्शन किया। इससे साफ होता है कि रिटेल और कुछ संस्थागत निवेशकों का Oil & Gas इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के प्रति विश्वास कम है। ट्रेडिंग के पहले दिन Oval Projects के शेयर ने मामूली प्रदर्शन किया। शुरुआत ₹85.25 पर हुई, जो इश्यू प्राइस से केवल थोड़ा ऊपर था। बाद में यह ₹86 तक पहुंचा, जो कि 1.18% की मामूली बढ़त दर्शाता है
यह संकेत देता है कि मार्केट में कंपनी के शेयरों को लेकर उत्साह सीमित था और निवेशकों ने सावधानी बरती। Oval Projects के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को देखकर कंपनी के भविष्य को लेकर उम्मीदें भी हैं। FY25 में कंपनी ने ₹103.44 करोड़ की राजस्व प्राप्ति की, जो पिछले वित्त वर्ष के ₹78.99 करोड़ की तुलना में 31% अधिक है। इसके साथ ही कंपनी का PAT ₹9.33 करोड़ रहा, जो FY24 के ₹4.40 करोड़ की तुलना में 112% की जबरदस्त वृद्धि है। यह बढ़ोतरी कंपनी की ऑपरेशनल क्षमता और प्रोजेक्ट्स के बेहतर निष्पादन को दर्शाती है। कंपनी के पास अप्रैल 2025 तक ₹453 करोड़ का ऑर्डर बुक है, जो लंबे समय तक राजस्व की गारंटी देता है और व्यापार की स्थिरता को सुनिश्चित करता है। Oval Projects का सर्विस पोर्टफोलियो Oil & Gas के अपस्ट्रीम, मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम सेक्टर्स में विस्तृत है, जिसमें पाइपलाइन इंस्टॉलेशन, प्रोसेसिंग प्लांट और O&M सेवाएं शामिल हैं। कंपनी ने अब तक 900 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइन इंस्टॉलेशन सफलतापूर्वक पूरा किया है, जो इसके मजबूत प्रोजेक्ट एक्जीक्यूशन और अनुभवी प्रबंधन को दर्शाता है। फिर भी, कंपनी के सामने कई चुनौतियां भी हैं। IPO की खराब सब्सक्रिप्शन दर बताती है कि निवेशकों का इस सेक्टर और कंपनी की क्षमता पर भरोसा अभी पूर्ण रूप से स्थापित नहीं हुआ है
FY25 में मुनाफे में इतनी तेज वृद्धि से यह सवाल उठते हैं कि क्या यह लगातार बनी रहेगी या नहीं। इसके अलावा, कंपनी का ₹53.70 करोड़ का कर्ज भी वित्तीय दबाव का कारण बन सकता है, जो कैश फ्लो और प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग को प्रभावित कर सकता है। Oil & Gas सेक्टर पर अत्यधिक निर्भरता भी एक जोखिम कारक है क्योंकि यह सेक्टर नीति परिवर्तनों और आर्थिक चक्रों से प्रभावित होता है। इस वजह से कंपनी को सेक्टर की अनिश्चितताओं से जूझना पड़ सकता है। IPO से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कंपनी ने मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया है। ₹37.03 करोड़ वर्किंग कैपिटल में लगाए जाएंगे ताकि प्रोजेक्ट्स का क्रियान्वयन और संचालन सुचारू रूप से हो सके। इसके अलावा ₹3.94 करोड़ का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट प्रयोजनों के लिए किया जाएगा, जो कंपनी की विकास योजनाओं और रणनीतिक पहलों को सपोर्ट करेगा। वित्तीय मेट्रिक्स की बात करें तो Oval Projects का ROE 20.85% और ROCE 21.32% दर्ज किया गया है, जो प्रोजेक्ट्स के कुशल प्रबंधन और पूंजी के अच्छे उपयोग को दर्शाता है। कंपनी का EBITDA मार्जिन भी 17.68% है, जो ऑपरेशनल मजबूती का सबूत है। Price to Book Value 2.67 के स्तर पर है, जबकि मार्केट कैपिटलाइज़ेशन ₹176.54 करोड़ के आसपास है
कुल मिलाकर, Oval Projects Engineering Limited ने IPO के बाद शेयर बाजार में कमजोर शुरुआत की है, जो निवेशकों की सतर्कता को दिखाता है। हालांकि कंपनी के वित्तीय परिणाम और मजबूत ऑर्डर बुक भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत देते हैं, लेकिन मुनाफे की स्थिरता, कर्ज का बोझ और सेक्टर पर निर्भरता जैसी चुनौतियां अभी भी कंपनी के विकास मार्ग में बाधा बन सकती हैं। निवेशकों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी आने वाले समय में अपनी वित्तीय मजबूती और प्रोजेक्ट निष्पादन क्षमता को कैसे बनाए रखती है