Nifty50 में लगातार तीसरे सप्ताह धाराप्रवाह तेजी, PSU Banks और Realty सेक्टर ने लगाई रफ्तार

Saurabh
By Saurabh

तीसरे लगातार सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें broader indices ने 1-2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इस दौरान DII (Domestic Institutional Investors) की मजबूत खरीदारी और वैश्विक बाजारों की सकारात्मक लहर ने बाजार को मजबूती प्रदान की। सप्ताह के अंत में Nifty50 ने 213.05 अंक या 0.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,327.05 पर बंद हुआ, वहीं BSE Sensex ने 721.53 अंक या 0.88 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,626.23 का स्तर छुआ। मध्य और बड़े आकार के शेयरों वाले सूचकांक BSE Midcap और Large-cap ने लगभग 1 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की, जबकि Small-cap index ने 2 प्रतिशत की छलांग लगाई। विदेशी निवेशकों (FII) ने 12वें लगातार सप्ताह पूंजी निकासी जारी रखी और इस दौरान उन्होंने लगभग ₹1,327.38 करोड़ के शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 23वें सप्ताह भी खरीदारी जारी रखी और ₹11,177.37 करोड़ के शेयर खरीदे। सेक्टोरल प्रदर्शन की बात करें तो Nifty FMCG सूचकांक 0.5 प्रतिशत गिरावट के साथ ही अकेला ऐसा सेक्टर था जिसने सप्ताह में कमजोरी दिखाई। बाकी सभी सेक्टर्स ने मजबूती दिखाई। खासकर Nifty PSU Bank index ने लगभग 5 प्रतिशत की जबरदस्त तेजी दिखाई। Nifty Realty index में 4 प्रतिशत से अधिक, Nifty Defence में 3.4 प्रतिशत, और Nifty Energy तथा Oil & Gas में लगभग 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई

विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी विदेशी निवेशकों की बिकवाली के प्रभाव को कम कर रही है, जिससे बाजार की गिरावट सीमित रही। Vinod Nair, Head of Research, Geojit Investments ने कहा कि GST दरों में कटौती के लागू होने और आने वाले त्योहारों के चलते उपभोक्ता-आधारित सेक्टर्स में निवेशकों की रुचि बढ़ी है। खासकर Autos और Real Estate सेक्टरों में खरीदारी देखने को मिली है। वहीं, IT और Pharma जैसे निर्यात-उन्मुख सेक्टरों को भी वैश्विक तरलता और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता से फायदा मिला है। तकनीकी दृष्टिकोण से देखा जाए तो Nifty ने शुक्रवार को थोड़ी कमजोरी दिखाई, जो कि पिछले सत्र में बने hanging man pattern के कारण था। Rupak De, Senior Technical Analyst, LKP Securities ने कहा कि फिलहाल बाजार में मामूली गिरावट संभव है, जिसमें 25,150 का स्तर अहम समर्थन होगा। इस स्तर के नीचे गिरावट से ट्रेंड कमजोर हो सकता है, लेकिन यदि यह स्तर बना रहता है तो 25,500 तक तेजी की संभावना बनी रहेगी। इसके ऊपर 25,500 से 26,000 तक रास्ता खुल सकता है। HDFC Securities के Nagaraj Shetti ने बताया कि तकनीकी विश्लेषण में शॉर्ट-टर्म टॉप रिवर्सल पैटर्न का संकेत मिल रहा है, लेकिन लंबी अवधि के लिए बुलिश ट्रेंड कायम है। उन्होंने कहा कि Nifty ने इस सप्ताह लगातार तीसरी बार लंबी बुलिश कैंडल बनाई है, जो सकारात्मक संकेत है

उन्होंने 25,150 को नजदीकी समर्थन और 25,500 के ऊपर निरंतर मजबूती की संभावना जताई। Kotak Securities के Amol Athawale ने कहा कि अल्पकालिक बाजार में अभी भी तेजी की संभावना है, लेकिन ओवरबॉट कंडीशंस के कारण बाजार कुछ हद तक रेंजबाउंड रह सकता है। ऐसे में निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए डिप्स पर खरीदारी और रैली के समय बिकवाली करना उपयुक्त रणनीति होगी। उन्होंने 25,200/82,300 और 25,150-25,100/82,100-81,900 को समर्थन स्तर तथा 25,450-25,500/83,200-83,400 और 25,600/83,700 को प्रतिरोध स्तर बताया। यदि Nifty 25,100/81,900 के नीचे गिरता है तो इसका तेजी का ट्रेंड कमजोर हो सकता है। सप्ताह के दौरान BSE Small-cap index ने 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ बेहतर प्रदर्शन किया। IRM Energy, Banco Products (India), Sindhu Trade Links, Hi-Tech Pipes, Ramco System, Redington, Welspun Enterprises, Redtape, Shalimar Paints और Bajaj Consumer Care जैसे शेयरों में 15-36 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली। वहीं, Balmer Lawrie Investment, LE Travenues Technology (IXIGO), KRBL, KR Rail Engineering और Dreamfolks Services में 9-12 प्रतिशत की गिरावट आई। मौद्रिक नीति के लिहाज से, अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा 25 बेसिस पॉइंट की दर में कटौती ने वैश्विक बाजारों को समर्थन दिया। भारत में CPI महंगाई दर अगस्त में 2.1 प्रतिशत रही, जिसमें खाद्य पदार्थों की कीमतों में 0.7 प्रतिशत की गिरावट शामिल है

GST दरों में कटौती अगले सप्ताह से लागू हो रही है, जिससे उपभोक्ता क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और महंगाई को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। आने वाले सप्ताह में निवेशकों की नजर अमेरिकी GDP, बेरोजगारी दावों और मुख्य मुद्रास्फीति जैसे मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों पर रहेगी, जो फेड की नीति दिशा तय करने में मदद करेंगे। घरेलू स्तर पर आने वाला manufacturing PMI औद्योगिक गतिविधि की स्थिति का बेहतर संकेत देगा, जिससे मांग में संभावित सुधार का पता चलेगा। कमजोर होते अमेरिकी डॉलर और मजबूत घरेलू आर्थिक आधार के चलते FII निवेश वापस आने की संभावना है, जो भारतीय शेयर बाजार को और मजबूती प्रदान कर सकता है। इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने न केवल मजबूती दिखाई बल्कि विभिन्न सेक्टरों में विविधता के साथ तेजी दर्ज की है। PSU Banks और Realty सेक्टर की उछाल ने निवेशकों के उत्साह को बढ़ाया है। हालांकि, कुछ तकनीकी संकेत अलर्ट भी कर रहे हैं कि बाजार में थोड़ी सी सावधानी जरूरी है। कुल मिलाकर, भारतीय बाजारों ने वैश्विक सकारात्मक माहौल और घरेलू आर्थिक सुधारों के बीच मजबूती के साथ सप्ताह पूरा किया है

Share This Article
By Saurabh
Follow:
Hello friends, my name is Saurabh Sharma. I am a digital content creator. I really enjoy writing blogs and creating code. My goal is to provide readers with simple, pure, and quick information related to finance and the stock market in Hindi.
Leave a comment
Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes