NIFTY50 ने 26,000 का नया रिकॉर्ड तोड़ा, IT सेक्टर में जबरदस्त उछाल, Infosys और HCL Technologies चमके

Saurabh
By Saurabh

भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को जबरदस्त तेजी के साथ शुरुआत की, जहां NIFTY50 ने पहली बार 30 सितंबर 2024 के बाद 26,000 के स्तर को पार किया। सुबह 9:20 बजे S&P BSE SENSEX में 538.50 अंक यानी 0.64% की तेजी दर्ज की गई और यह 84,964.84 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं NSE का NIFTY50 134.80 अंक या 0.52% बढ़कर 26,003.40 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इस जोरदार रैली का मुख्य कारण IT सेक्टर में देखी गई मजबूती रही, जिसमें Nifty IT इंडेक्स करीब 2% की बढ़त के साथ सबसे आगे रहा। IT कंपनियों में Infosys ने 3%, HCL Technologies 2.09%, और Persistent Systems 2.06% की बढ़त दर्ज की। इस तेजी के पीछे अमेरिकी सरकार द्वारा H-1B वीजा शुल्क में बदलाव की घोषणा को माना जा रहा है। ट्रंप प्रशासन ने नए H-1B वीजा आवेदनकर्ताओं से $100,000 का शुल्क लगाया था, लेकिन नई गाइडलाइंस के अनुसार यह शुल्क “change of status” या “extension of stay” के लिए आवेदन करने वालों पर लागू नहीं होगा। इस खबर से IT कंपनियों के निवेशकों का उत्साह बढ़ा और बाजार में खरीदारी बढ़ी। इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच लंबित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट ने भी निवेशकों के मनोबल को बढ़ावा दिया। इस समझौते के तहत भारतीय निर्यात पर वर्तमान लगभग 50% की दर कम होकर 15-16% के करीब आ सकती है, जिससे भारतीय निर्यातकों को बड़ा लाभ मिलने की संभावना है

ऐसे में व्यापारिक माहौल में सुधार की उम्मीद ने भी बाजार को सपोर्ट दिया। हालांकि व्यापक बाजार की बात करें तो शुरुआत में मिश्रित रुख देखा गया। Nifty Midcap 100 इंडेक्स 0.27% बढ़ा, जबकि Nifty Smallcap 100 इंडेक्स ने 0.11% की गिरावट दर्ज की। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹96.72 करोड़ के शेयर खरीदे, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹607.01 करोड़ के शेयर बेचे। वैश्विक स्तर पर स्थिति कुछ विपरीत रही। एशियाई बाजारों में जापान का Nikkei 1.39%, हांगकांग का Hang Seng 0.06%, दक्षिण कोरिया का KOSPI 0.32%, और शंघाई का Shanghai Composite 0.66% गिरा। अमेरिका में भी वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांक बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए, क्योंकि अमेरिकी-चीन व्यापार तनावों में फिर से बढ़ोतरी की खबरों ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई। Dow Jones Industrial Average 334.33 अंक यानी 0.71% गिरकर 46,590.41 पर बंद हुआ, S&P 500 0.53% नीचे आकर 6,699.40 पर और Nasdaq Composite 0.93% की गिरावट के साथ 22,740.40 पर बंद हुआ। NSE पर कुल 2,788 शेयरों में से 1,595 शेयर बढ़त पर थे, जबकि 1,112 शेयरों में गिरावट आई और 81 शेयर स्थिर रहे। यह संकेत करता है कि बाजार में तेजी के पक्ष में व्यापक सहमति थी

शुरुआती कारोबार में 92 शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर छुए, जबकि केवल 9 ने 52-सप्ताह के निचले स्तर को छुआ। इसके अलावा, 47 शेयरों ने अपने ऊपरी सर्किट को छुआ, जबकि 17 शेयरों ने निचले सर्किट को। India VIX, जो बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है, 11.96 के स्तर पर था और 5.81% बढ़ा। NIFTY50 के टॉप गेनर्स में Infosys सबसे आगे रही, जिसने 3.04% की बढ़त बनाई। इसके बाद HCL Technologies 2.45%, Tech Mahindra 1.78%, Tata Steel 1.53%, और Kotak Mahindra Bank 1.52% की तेजी के साथ शामिल थे। वहीं, इंडेक्स के प्रमुख losers में InterGlobe Aviation 1.01% गिरा, Cipla 0.72%, Eicher Motors 0.61%, Dr.Reddy’s 0.43%, और Eternal 0.22% की कमजोरी में रहे। कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार ने कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद मजबूत घरेलू कारकों के कारण मजबूती दिखाई। IT सेक्टर की बढ़त और अमेरिका से सकारात्मक व्यापारिक खबरों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। आने वाले दिनों में यदि यह रुख बना रहता है तो बाजार में और तेजी की उम्मीद की जा सकती है

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