Nifty 50 ने लगातार छठे सत्र में भी कमजोरी दिखाई, जिससे बाजार में Bearish Sentiment और गहरा गया। 26 सितंबर को Nifty 50 में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पूरे सप्ताह में यह गिरावट 2.65 प्रतिशत तक पहुंच गई। इस दौरान इंडेक्स 24,600 के स्तर तक गिरा, जो हाल की तेजी की 78.6 प्रतिशत रिट्रेसमेंट लेवल है और इसे एक महत्वपूर्ण सपोर्ट माना जा रहा है। इस सपोर्ट ज़ोन के टूटने से बाजार की दिशा और नकारात्मक हो सकती है। तकनीकी विश्लेषण से पता चलता है कि Nifty ने लगातार कम ऊँचा और कम नीचा स्तर बनाया है, जो कि Bearish ट्रेंड का स्पष्ट संकेत है। इंडेक्स अपने 20-, 50- और 100-डे EMA के नीचे ट्रेड कर रहा है, साथ ही मूवमेंट इंडिकेटर्स में भी नकारात्मक क्रॉसओवर देखने को मिल रहा है। यदि 24,600 का सपोर्ट टूटता है, तो अगले सपोर्ट स्तर 24,400 से 24,300 के बीच आ सकते हैं। वहीं, ऊपर की ओर रेसिस्टेंस 24,750 से 24,900 के बीच देखने को मिल सकता है। Bank Nifty की स्थिति भी कुछ खास बेहतर नहीं है। यह इंडेक्स भी लगातार छः सत्रों से कमजोर हो रहा है और 54,389 के स्तर पर बंद हुआ
Bank Nifty ने भी लंबी लाल कैंडल बनाई है, जो Bearish संरचना को और मजबूत करती है। यह इंडेक्स भी अपने 20-, 50- और 100-डे EMA के नीचे है। RSI 40.92 पर है, जो Bearish क्रॉसओवर को कन्फर्म करता है, जबकि MACD हिस्टोग्राम भी नीचे की तरफ गिरावट दिखा रहा है। ये संकेत बैंकिंग सेक्टर में कमजोरी की ओर इशारा कर रहे हैं। ऑप्शन मार्केट के आंकड़े भी इस Bearish मूड को सपोर्ट करते हैं। Nifty के Call ऑप्शन्स में 25,000 स्ट्राइक पर सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट (1.8 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स) देखा गया है, जो इस स्तर को एक मजबूत रेसिस्टेंस बनाता है। इसके अलावा 25,500 और 25,100 पर भी भारी Call ओपन इंटरेस्ट है। वहीं, Call राइटिंग सबसे ज्यादा 24,800 स्ट्राइक पर हुई है, जिससे इस स्तर पर सपोर्ट और रेसिस्टेंस का टकराव साफ नजर आता है। Put ऑप्शन्स की बात करें तो 24,500 स्ट्राइक पर सबसे अधिक Put ओपन इंटरेस्ट (1.23 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स) है, जो इस लेवल को एक महत्वपूर्ण सपोर्ट बनाता है। इसके बाद 24,600 और 24,000 स्ट्राइक पर भी भारी Put ओपन इंटरेस्ट दर्ज है
Put राइटिंग भी 24,500 और 24,600 स्ट्राइक पर बढ़ी है, जो निवेशकों की चिंता को दर्शाता है। Bank Nifty के ऑप्शन डेटा में 55,000 स्ट्राइक पर सबसे अधिक Call ओपन इंटरेस्ट (19.72 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स) है, जो इस स्तर को भी एक महत्वपूर्ण रेसिस्टेंस बनाता है। Put ओपन इंटरेस्ट बैंक निफ्टी में 54,000 स्ट्राइक पर सबसे अधिक (16.39 लाख कॉन्ट्रैक्ट्स) है, जो सपोर्ट के तौर पर काम कर सकता है। मार्केट का मूड जानने वाला Put-Call Ratio (PCR) 26 सितंबर को 0.63 पर पहुंच गया, जो 28 जुलाई के बाद का सबसे निचला स्तर है। यह संकेत देता है कि बाजार में Call ऑप्शन्स की बिक्री Put ऑप्शन्स की तुलना में ज्यादा हो रही है, जो Bearish सेंटिमेंट को दर्शाता है। आमतौर पर जब PCR 0.7 से नीचे जाता है तो बाजार में नकारात्मक प्रवृत्ति बढ़ती है। इंडिया VIX, जो बाजार की अस्थिरता को मापता है, ने भी 5.96 फीसदी की तेजी के साथ 11.43 के स्तर को छू लिया। यह दर्शाता है कि निवेशक बाजार में सतर्क हो गए हैं और तेजी की जगह Volatility बढ़ रही है। सप्ताह भर के आंकड़ों पर नजर डालें तो लगभग 104 स्टॉक्स में Long Unwinding हुआ है, यानी इन स्टॉक्स में खरीदारी कम हो रही है और कीमतें गिर रही हैं। Short Build-up 97 स्टॉक्स में देखा गया है, जो Bearish ट्रेंड को और मजबूत करता है
वहीं केवल 8 स्टॉक्स में Long Build-up हुआ है, जो बाजार में खरीदारी के संकेत देते हैं, लेकिन वो नगण्य हैं। Delivery ट्रेडिंग की बात करें तो कुछ स्टॉक्स में निवेशक अभी भी रुचि दिखा रहे हैं, लेकिन कुल मिलाकर बाजार के मूड में भारी कमजोरी है। F&O सेगमेंट में RBL Bank अभी भी बैन के दायरे में है, जबकि Sammaan Capital को बैन से हटाया गया है। सारांश में कहा जा सकता है कि Nifty 50 और Bank Nifty दोनों ही तकनीकी तौर पर कमजोर स्थिति में हैं और निकट भविष्य में 24,600 (Nifty) और 54,000 (Bank Nifty) के सपोर्ट लेवल्स पर नजर रखनी होगी। अगर ये सपोर्ट टूटते हैं तो बाजार में और गिरावट आ सकती है। हालांकि, कभी-कभी गिरावट के बाद बाउंस भी आता है, लेकिन उसकी स्थिरता पर बाजार की असली दिशा निर्भर करेगी। फिलहाल, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा सकती है क्योंकि बाजार में अस्थिरता बढ़ रही है और Bearish सेंटिमेंट हावी है