Wall Street के प्रमुख तकनीकी रणनीतिकार Laurence Balanco ने हाल ही में वैश्विक शेयर बाजारों की स्थिति पर अपनी महत्वपूर्ण राय दी है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में जो तेजी देखने को मिल रही है, वह किसी speculative bubble (अर्थात् बुलबुले) के कारण नहीं है, बल्कि इसे melt-up phase कहा जा सकता है। Melt-up phase एक ऐसा दौर होता है जब निवेशक FOMO (fear of missing out) के चलते तेजी से खरीदारी करते हैं, जिससे बाजार में भाव तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन यह उतनी अस्थिरता नहीं लाता जितनी कि एक bubble लाता है। Balanco ने dot-com bubble के साथ इस समय के बाजार की तुलना करने वाले विचारों को खारिज करते हुए बताया कि इस बार की तेजी sentiment और momentum की वजह से चल रही है, और इसमें अभी भी आगे बढ़ने की क्षमता है। उन्होंने विशेष रूप से Nasdaq 100 को उदाहरण के तौर पर लिया, जो लगातार नए रिकॉर्ड स्तर छू रहा है। उनका मानना है कि इस तेजी के बावजूद बाजार में अभी और upside potential मौजूद है। पिछले कुछ महीनों में वैश्विक शेयर बाजारों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। S&P 500 ने अक्टूबर 2022 के निचले स्तर से लगभग 90 प्रतिशत का उछाल लगाया है, जिसमें इस साल अप्रैल से लगभग 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी क्षेत्र के “Magnificent Seven” मेगाकैप्स ने 2022 के अंत से अब तक 260 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की है। यह रैली मुख्य रूप से artificial intelligence (AI) के इर्द-गिर्द निवेशकों के उत्साह से प्रेरित रही है
हालांकि, तीसरी तिमाही के earnings सीजन के पहले अमेरिकी शेयर बाजारों में थोड़ी गिरावट आई है। Laurence Balanco का ध्यान अब विशेष रूप से एशियाई बाजारों और कमोडिटी सेक्टर की ओर बढ़ रहा है। वे जापान के Nikkei और Topix, हांगकांग के Hang Seng, Hang Seng China, Hang Seng Tech, और चीन के CSI 300 को आकर्षक बाजार मान रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ये इंडेक्स हाल ही में अपने ब्रेकआउट से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं और इनमें जोखिम-इनाम का संतुलन निवेशकों के लिए लाभदायक हो सकता है। कमोडिटी सेक्टर में उन्होंने aluminium को अगला बड़ा ब्रेकआउट मानते हुए बताया कि London Metal Exchange पर aluminium की कीमतों में नई तेजी आ सकती है। भारत के बाजारों के प्रति Balanco का रुख भी काफी सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि Nifty 50 दिसंबर 2025 या 2026 की शुरुआत तक लगभग 26,300 के स्तर तक पहुंच सकता है। इसके पीछे उन्होंने कमजोर पड़ते अमेरिकी डॉलर और वैश्विक इक्विटी रैली को प्रमुख कारण बताया है। उन्होंने 24,000-24,300 के स्तर को महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र बताया है जो भारतीय बाजार की मध्यम अवधि की मजबूती को दर्शाता है। Balanco का मानना है कि अगले रैली चरण का नेतृत्व ऑटो और मेटल सेक्टर के स्टॉक्स करेंगे, जिसमें Bajaj Auto को एक “catch-up” ट्रेड के रूप में देखा जा रहा है
लंबी अवधि में उनका लक्ष्य Nifty के 2029-30 तक 37,000-40,000 के स्तर तक पहुंचने का है, जो भारत की विकास क्षमता और पूंजी बाजार की गहराई को दर्शाता है। मुद्रा और कमोडिटी की बात करें तो Balanco अमेरिकी डॉलर के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। उन्होंने बताया कि Dollar Index का 99-100 के स्तर से नीचे गिरना एक “major multi-year top” का संकेत है, और यह और भी नीचे 89-90 के क्षेत्र तक गिर सकता है। इससे emerging markets और कमोडिटी में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। सोने के दामों के लिए उन्होंने $4,000-4,100 के स्तर को लक्ष्य रखा है, जबकि चांदी $50 के स्तर पर रुकावट का सामना कर सकती है। Brent crude के दाम $58-60 के निचले स्तर और $70-71 के ऊपरी स्तर के बीच सीमित रहने की संभावना है। इस पूरी स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक बाजारों में फिलहाल कोई bubble नहीं है, बल्कि निवेशकों की भावना और तकनीकी कारणों से एक मजबूत रैली चल रही है। भारतीय बाजारों के लिए भी यह समय सकारात्मक संकेत लेकर आया है और आने वाले वर्षों में इसमें और उछाल की उम्मीद की जा सकती है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह समझना जरूरी है कि बाजार की यह melt-up phase अभी खत्म नहीं हुई है और इसमें निवेश के नए अवसर उपलब्ध हो सकते हैं