Indian Renewable Energy Development Agency (IREDA) के शेयर मंगलवार, 14 अक्टूबर को निवेशकों की नजरों के केंद्र में रहेंगे क्योंकि PSU अपनी Q2 FY26 की वित्तीय रिपोर्ट जारी करने वाला है। सेप्टेम्बर 30, 2025 को समाप्त हुए तिमाही के लिए यह रिपोर्ट कंपनी के प्रदर्शन का मापक होगी। NSE पर सुबह के कारोबार में IREDA का शेयर ₹151.35 पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले दिन की तुलना में 0.85% अधिक था। इस बीच, IREDA ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण अपडेट दिए हैं जो कंपनी की बढ़ती ताकत और वित्तीय स्थिति को दर्शाते हैं। IREDA ने अप्रैल-सितंबर FY26 की पहली छमाही में ₹33,148 करोड़ के लोन स्वीकृत किए हैं, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹17,860 करोड़ से 86% अधिक है। इसी दौरान, लोन डिसबर्समेंट भी 54% की वृद्धि के साथ ₹15,043 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले साल के ₹9,787 करोड़ से काफी ज्यादा है। कंपनी की आउटस्टैंडिंग लोन बुक भी 31% बढ़कर ₹84,445 करोड़ हो गई है, जो पिछले वित्त वर्ष के ₹64,564 करोड़ के आंकड़े से कहीं ऊपर है। IREDA के CMD, Pradip Kumar Das ने कहा कि कंपनी इस गति को बनाए रखने और देश के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों के अनुरूप साफ-सुथरी ऊर्जा परियोजनाओं के लिए समर्थन बढ़ाने की योजना बना रही है। IREDA ने सितंबर 2025 में ₹453 करोड़ का फंडिंग भी जुटाई है, जो उसने perpetual bonds के माध्यम से प्राप्त किया। इस इश्यू को निवेशकों की जबरदस्त रुचि मिली, क्योंकि कुल बिड्स ₹1,343 करोड़ के थे, जबकि बेस साइज ₹100 करोड़ और ग्रीन-शू ऑप्शन ₹400 करोड़ थी
यह 2.69 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन दर्शाता है और साबित करता है कि निवेशकों का भरोसा IREDA और भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ रहा है। इस बांड पर 7.70% वार्षिक ब्याज दर तय की गई है। Pradip Kumar Das ने बताया कि ये बांड कंपनी की Tier-I Capital को मजबूत करेंगे और नवीकरणीय ऊर्जा के वित्तपोषण को बढ़ावा देंगे, जिससे भारत की हरित ऊर्जा संक्रमण प्रक्रिया तेज होगी। IREDA ने FY26 के लिए अपनी रेवेन्यू ग्रोथ का लक्ष्य भी 21% से अधिक रखा है, जिसे ₹8,200 करोड़ के स्तर तक पहुंचाने का प्रयास है। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी की रेवेन्यू ₹6,743.32 करोड़ रही थी, जो निर्धारित लक्ष्य ₹5,957 करोड़ से कहीं ऊपर थी। IREDA ने MNRE के साथ एक प्रदर्शन-आधारित MoU पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें नेट वर्थ रिटर्न, कैपिटल एम्प्लॉयड रिटर्न, एनपीए और एसेट टर्नओवर जैसे कई महत्वपूर्ण प्रदर्शन संकेतक शामिल हैं। यह स्पष्ट करता है कि कंपनी अपनी वित्तीय मजबूती और ऑपरेशनल एफिशिएंसी दोनों पर ध्यान दे रही है। जुलाई 2025 में, Union Minister Shripad Yesso Naik ने कहा था कि IREDA का QIP और IPO दोनों सफलतापूर्वक पूरा होना इस बात का संकेत है कि निवेशकों का भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर भरोसा मजबूत हुआ है। जून में IREDA ने QIP के जरिए लगभग ₹2,005.9 करोड़ जुटाए, जिसमें Life Insurance Corporation ने 50% की हिस्सेदारी के साथ प्रमुख निवेशक के रूप में हिस्सा लिया। यह संस्थागत निवेशकों की दीर्घकालिक विश्वास को दर्शाता है
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2023 में IREDA ने अपने IPO के समय स्टॉक मार्केट में शानदार डेब्यू किया था, जहां शेयर का प्रीमियम 87.5% तक पहुंचा था। हालांकि, Q1 FY26 में IREDA ने ₹247 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में ₹384 करोड़ से 36% कम है। इसका मुख्य कारण बढ़े हुए खर्च और वित्तपोषण लागत को बताया गया है। इसी दौरान कंपनी की रेवेन्यू ₹1,947 करोड़ रही, जो पिछले वर्ष के ₹1,510 करोड़ से बेहतर है। कुल खर्च ₹1,655 करोड़ पहुंच गया, जबकि वित्तपोषण लागत ₹1,218 करोड़ हो गई। साथ ही, वित्तीय उपकरणों पर इम्पेयरमेंट ₹363 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹30 करोड़ के लाभ से उलट है। कंपनी की नेट वर्थ बढ़कर ₹12,042 करोड़ हो गई है, जबकि लोन बुक ₹79,941 करोड़ पर पहुंची, जो पिछले वर्ष के मुकाबले काफी अधिक है। इन सबके बावजूद, IREDA के शेयर ने पिछले एक साल में लगभग 32.21% की गिरावट दर्ज की है। वर्ष 2025 की शुरुआत से लेकर अब तक भी यह 32% से अधिक नीचे है। पिछले छह महीनों में 10% से अधिक की गिरावट रही है, हालांकि पिछले 30 दिन और पांच सेशंस में गिरावट मामूली रही
यह संकेत देता है कि बाजार में कुछ अस्थिरता बनी हुई है, लेकिन कंपनी के फंडामेंटल्स और रणनीतिक पहल अभी भी मजबूत हैं। IREDA की यह वित्तीय रिपोर्ट और हाल के फंडिंग फैसले न केवल कंपनी की मजबूती को दर्शाते हैं, बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को भी उजागर करते हैं। आने वाले समय में IREDA के प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह देश के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में अहम भूमिका निभा रही है