Shlokka Dyes Limited का IPO शुरू से ही निवेशकों के लिए निराशाजनक साबित हो रहा है। ₹63.50 करोड़ के इस IPO की सब्सक्रिप्शन स्थिति चारवें दिन भी बेहद कम रही और कुल मिलाकर केवल 0.17 गुना सब्सक्रिप्शन ही दर्ज किया गया। यह आंकड़ा कंपनी के प्रति निवेशकों के कम विश्वास को दर्शाता है, जहां निवेशकों की रुचि बेहद सीमित नजर आई। IPO का प्राइस बैंड ₹95 से ₹100 प्रति शेयर तय किया गया है, लेकिन इसके बावजूद निवेशकों की भागीदारी न के बराबर रही है। IPO की शुरुआत से ही निवेशकों का उत्साह कम रहा। पहले दिन कुल सब्सक्रिप्शन मात्र 0.00 गुना रही, जो दूसरे दिन भी केवल 0.01 गुना तक बढ़ी। तीसरे दिन भी स्थिति में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला, जब सब्सक्रिप्शन केवल 0.02 गुना पर अटका रहा। चौथे दिन थोड़ी बढ़ोतरी हुई और कुल सब्सक्रिप्शन 0.17 गुना तक पहुंचा, लेकिन यह भी मौजूदा IPO के लिए बेहद कमजोर माना जा रहा है। सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह रही कि Qualified Institutional Buyers (QIB) सेक्टर में थोड़ी मजबूती दिखी। चौथे दिन QIB (Ex Anchor) ने 1.02 गुना की सब्सक्रिप्शन दी, जो तीसरे दिन शून्य के बराबर थी
हालांकि यह भी अपेक्षाकृत मध्यम स्तर की भागीदारी है, लेकिन IPO के लिए यह एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है। वहीं Non-Institutional Investors (NII) की भागीदारी बेहद कम रही, केवल 0.02 गुना, जबकि Individual Investors ने भी केवल 0.10 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज किया। IPO के आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 60,26,400 शेयर जारी किए गए, जिसमें से केवल 10,12,800 शेयरों के लिए आवेदन मिले। इस दौरान कुल ₹10.13 करोड़ का ही बिड अमाउंट जमा हुआ, जो कि ₹63.50 करोड़ के इश्यू साइज के मुकाबले बहुत ही कम है। कुल आवेदन की संख्या मात्र 165 रही, जो यह दर्शाता है कि निवेशकों की दिलचस्पी बेहद सीमित है। Shlokka Dyes Limited की स्थापना 2021 में हुई थी और यह कंपनी reactive dyes और pigments का उत्पादन करती है। कंपनी विशेष रूप से synthetic organic dyes में विशेषज्ञ है, जो टेक्सटाइल, लेदर और पेपर उद्योगों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। कंपनी के उत्पादों में reactive, direct, basic और digital printing dyes शामिल हैं। इन उद्योगों में मांग के बावजूद, IPO के प्रति निवेशकों का उत्साह कम होना चिंताजनक है। IPO की इस कमजोर शुरुआत के पीछे कई कारण हो सकते हैं
सबसे पहले, कंपनी एक SME सेक्टर की फर्म है, जो अपने आप में निवेशकों के लिए अधिक जोखिम भरा माना जाता है। इसके अलावा मार्केट में अन्य IPO विकल्पों के मुकाबले Shlokka Dyes की फाइनेंशियल स्ट्रेंथ और ग्रोथ पोटेंशियल पर निवेशकों का भरोसा कम दिख रहा है। निवेशकों की यह धारणा बनी कि कंपनी के भविष्य के लिए जोखिम अधिक और रिटर्न कम होने की संभावना है। IPO के दिन-दर-दिन के सब्सक्रिप्शन आंकड़े यह साफ संकेत देते हैं कि Individual Investors और Non-Institutional Investors दोनों ही इस इश्यू में ज्यादा भरोसा नहीं दिखा पाए। शुरुआती दो दिनों में तो QIB सेक्टर में भी कोई दिलचस्पी नहीं थी, जिससे यह लगने लगा था कि IPO फ्लॉप हो सकता है। चौथे दिन QIB की भागीदारी बढ़ी, लेकिन वह IPO के सफल होने के लिए पर्याप्त नहीं थी। शेयर बाजार के विश्लेषक इस IPO को लेकर सतर्क हैं और मान रहे हैं कि अगर अगले कुछ दिनों में सब्सक्रिप्शन में सुधार नहीं हुआ तो कंपनी को अपने इश्यू को दोबारा सोचना पड़ सकता है या फिर इसे बंद करना पड़ सकता है। IPO के कमजोर प्रदर्शन से यह भी संकेत मिलता है कि बाजार में निवेशकों की नज़र में Shlokka Dyes की वैल्यूएशन या बिजनेस मॉडल कम आकर्षक है। कुल मिलाकर Shlokka Dyes Limited का IPO फिलहाल निवेशकों के लिए आकर्षक साबित नहीं हो रहा है। 4 दिनों के सब्सक्रिप्शन नंबर यह दर्शाते हैं कि कंपनी को निवेशकों का भरोसा जीतने में अभी लंबा रास्ता तय करना होगा
₹63.50 करोड़ के इश्यू के मुकाबले केवल ₹10.13 करोड़ की बिडिंग यह बताती है कि निवेशकों ने इस अवसर को नजरअंदाज किया है या वे कंपनी के भविष्य को लेकर सतर्क हैं। अब देखना होगा कि IPO की आखिरी तारीख तक क्या बदलाव आता है और क्या Shlokka Dyes अपने IPO को सफल बना पाती है या नहीं