Smartworks Coworking Spaces के IPO का दूसरा दिन भी निवेशकों के लिए खास उत्साह लेकर नहीं आया। ₹582.56 करोड़ के इस IPO की सब्सक्रिप्शन 11 जुलाई 2025 तक शाम 4:54 बजे तक 1.20 गुना ही रही, जोकि पहले दिन के 0.52 गुना के मुकाबले कुछ बेहतर जरूर है, लेकिन बाजार में निवेशकों की सतर्कता साफ नजर आ रही है। Smartworks Coworking Spaces का ₹407 प्रति शेयर का स्टॉक प्राइस भी इस बात का संकेत देता है कि निवेशक अभी कंपनी की संभावनाओं को लेकर सहज नहीं हैं। IPO में सबसे ज्यादा रुचि Non-Institutional Investors (NII) ने दिखाई, जिनका सब्सक्रिप्शन 1.86 गुना रहा, जबकि Retail Investors का सब्सक्रिप्शन 1.23 गुना था। वहीं Qualified Institutional Buyers (QIB) की हिस्सेदारी अपेक्षित से कम रही और उनका सब्सक्रिप्शन मात्र 0.64 गुना रहा। कुल मिलाकर, Smartworks Coworking Spaces के इस प्राइमरी मार्केट इश्यू में 1,42,031 आवेदन प्राप्त हुए, जो इस कंपनी के IPO में निवेशकों की सतर्कता को दर्शाता है। Anchor Investors ने 1.00 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ 42,66,378 शेयरों का आवंटन लिया, जिसका कुल मूल्य ₹173.64 करोड़ है। Qualified Institutions को 28,44,254 शेयर ऑफर किए गए थे, लेकिन उन्होंने केवल 18,33,012 शेयरों के लिए बोली लगाई, जो ₹74.60 करोड़ के बराबर है। वहीं Non-Institutional Buyers ने 21,33,190 शेयरों के लिए 39,72,456 शेयर बोली के तहत मांगे, जिसका मूल्य ₹161.68 करोड़ है। Individual Investors ने 49,77,442 शेयरों के मुकाबले 61,19,532 शेयरों के लिए आवेदन किया, जिसका कुल मूल्य ₹249.07 करोड़ रहा
कुल मिलाकर IPO के लिए ₹489.76 करोड़ की बोली लगी, जो कि जारी की गई राशि से काफी कम है। पहले दिन की तुलना में दूसरे दिन IPO की मांग में सुधार जरूर दिखा, लेकिन यह उतनी तेजी से नहीं बढ़ी जितनी कि उम्मीद की जा रही थी। पहले दिन कुल सब्सक्रिप्शन मात्र 0.52 गुना रही थी, जिसमें NII ने 1.04 गुना, Retail Investors ने 0.60 गुना और QIB ने बिल्कुल भी हिस्सेदारी नहीं दिखाई थी। दूसरे दिन QIB में कुछ सुधार हुआ, लेकिन वह अभी भी 0.64 गुना ही रहा, जो संस्थागत निवेशकों की अनिश्चितता को दर्शाता है। Smartworks Coworking Spaces अपने कस्टमाइज्ड मैनेज्ड वर्कस्पेस सॉल्यूशंस के लिए जाना जाता है, जो तकनीकी रूप से सक्षम और पूरी तरह से सर्विस्ड ऑफिस वातावरण प्रदान करता है। यह कंपनी मध्यम से बड़े उद्यमों को टारगेट करती है, जिनमें भारतीय कॉर्पोरेट्स, MNCs और स्टार्टअप्स शामिल हैं। कंपनी 2015 में स्थापित हुई थी और मार्च 2025 तक इसके 738 क्लाइंट थे, जिनके लिए कुल 1,52,619 सीट्स उपलब्ध कराई गईं। कंपनी के पास 794 स्थायी कर्मचारी भी हैं। कंपनी अपने वर्कस्पेस में आधुनिक डिज़ाइन, टेक्नोलॉजी और सुविधाएं जैसे कैफेटेरिया, जिम, क्रेच और मेडिकल सेंटर भी प्रदान करती है, जो कर्मचारियों के कल्याण को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। यह सभी बातें कंपनी के बिजनेस मॉडल को एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं, लेकिन फिलहाल IPO के प्रति निवेशकों का उत्साह कम नजर आ रहा है
कुल मिलाकर, Smartworks Coworking Spaces का IPO निवेशकों के लिए फिलहाल खास आकर्षण नहीं बना है। हालांकि कंपनी के बिजनेस मॉडल और सेवाओं में भविष्य की संभावनाएं जरूर हैं, लेकिन इस IPO की धीमी सब्सक्रिप्शन दर से यह संकेत मिलता है कि निवेशक अभी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं। आगामी दिनों में बाजार की स्थिति और निवेशकों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर ही इस IPO की सफलता तय होगी