Nifty IT index ने पिछले दो सत्रों में लगभग 5% की जबरदस्त तेजी दिखाई है, जबकि व्यापक बाजार में मिलेजुले रुख देखने को मिला। IT स्टॉक्स की इस झलक के पीछे कई कारण हैं, जिनमें कंपनी विशेष की घटनाएँ, वैश्विक संकेत और निवेशकों की उम्मीदें शामिल हैं। हालांकि, गुरुवार सुबह ट्रेडिंग के दौरान Nifty IT लगभग 0.89% नीचे 35,861.80 के स्तर पर खुला, जो मुख्य रूप से प्रॉफिट-बुकिंग के कारण था। बावजूद इसके, IT सेक्टर निवेशकों की नजरों में बना हुआ है और इसके पीछे तीन बड़े कारण काम कर रहे हैं। सबसे बड़ा कारण है Infosys का Buyback Proposal। Infosys, जो भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT सेवा कंपनी है, अपने बोर्ड की बैठक कर रही है ताकि शेयर buyback प्रस्ताव पर विचार किया जा सके। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो यह कंपनी का पांचवां buyback होगा। इस खबर के सामने आने के बाद से ही Infosys के शेयरों ने दो सत्रों में लगभग 7% की तेजी दिखाई है। कंपनी ने पिछला buyback 2022 में किया था, जब उसने ₹9,300 करोड़ की राशि ₹1,850 प्रति शेयर की अधिकतम कीमत पर खर्च की थी। इस संभावित buyback ने न केवल Infosys के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, बल्कि पूरे IT सेक्टर की भावना को भी मजबूती दी है
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अन्य IT दिग्गजों को भी प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे शेयरधारकों को लाभ होगा और challenging मांग के माहौल में स्टॉक्स और अधिक आकर्षक बनेंगे। दूसरा कारण है CLSA द्वारा Tata Consultancy Services (TCS) के प्रति सकारात्मक रुख। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म CLSA ने TCS के स्टॉक पर उत्साह व्यक्त किया है, इसके पीछे मुख्य वजहें हैं US Federal Reserve के संभावित दर कटौती, US-India व्यापार विवाद का समाधान और AI-ड्रिवन मांग में वृद्धि। TCS के प्रबंधन द्वारा भी यह संकेत दिया गया है कि AI अपनाने के चलते IT बजट में विस्तार हो सकता है, जिससे कंपनी के राजस्व में वृद्धि की संभावनाएं बनेंगी। CLSA ने यह भी कहा है कि Infosys के buyback पर विचार करने से TCS पर भी दबाव बढ़ सकता है कि वह भी ऐसा कोई कदम उठाए। रिपोर्ट्स के अनुसार, TCS संभवतः ₹20,000 करोड़ के tender-offer स्टाइल buyback का विकल्प चुन सकता है, जो बाजार में इसे और भी मजबूत बनाएगा। तीसरा बड़ा कारण है Oracle Corporation की रिकॉर्ड तोड़ रैली। Oracle के शेयरों ने Wall Street पर 43% की जबरदस्त तेजी दिखाई, जिससे कंपनी का मार्केट कैप लगभग एक ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया। इस रैली के पीछे चार मल्टी-बिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट्स का एलान था, जो वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा में कम्प्यूटिंग क्षमता की बढ़ती मांग से प्रेरित हैं। भारत में Oracle Financial Services Software (OFSS), जो Oracle की सहायक कंपनी है, ने भी बुधवार को 10% से अधिक की तेजी दिखाई और गुरुवार के शुरुआती कारोबार में 3.6% की बढ़त दर्ज की
हालांकि, OFSS ने स्पष्ट किया कि Oracle के वैश्विक कॉन्ट्रैक्ट्स का उनका बिजनेस पर सीधा असर नहीं पड़ेगा। गुरुवार के शुरुआती व्यापार में Nifty IT इंडेक्स में मामूली गिरावट आई, जो प्रॉफिट-बुकिंग की वजह से थी। Infosys के शेयर भी इसके बोर्ड की बैठक से पहले लगभग 1% नीचे ट्रेड कर रहे थे। इसके विपरीत, TCS और OFSS के शेयर हरे निशान में रहे, जबकि अन्य अधिकांश Stocks लाल निशान में थे। IT सेक्टर की इस वापसी से साफ है कि निवेशकों की दिलचस्पी फिर से जाग उठी है, खासकर शेयर buybacks, AI से प्रेरित अवसरों और मजबूत वैश्विक तकनीकी संकेतों की वजह से। हालांकि, विशेषज्ञ इस बात पर भी ध्यान दिला रहे हैं कि इस तेजी को बनाए रखने के लिए मांग में सुधार और आगामी तिमाहियों में ठोस आय वृद्धि आवश्यक होगी। फिलहाल, IT सेक्टर में बड़ी कंपनियों की रणनीतियाँ और वैश्विक तकनीकी रुझान ही आगे के रुख को तय करेंगे। इस तरह, Infosys के Buyback प्रस्ताव, TCS पर CLSA की सकारात्मक नज़र और Oracle की अभूतपूर्व सफलता ने IT सेक्टर को नया जीवन दिया है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक मौके पैदा कर रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या TCS भी Infosys की तरह बड़े Buyback की घोषणा करता है और कैसे AI की मांग IT कंपनियों के प्रदर्शन को प्रभावित करती है