Infosys के शेयरों में 9 सितंबर को शुरुआती कारोबार में 3 प्रतिशत से अधिक की तेजी देखने को मिली है। यह तेजी कंपनी द्वारा यह घोषणा करने के बाद आई है कि उसका बोर्ड 11 सितंबर को एक विशेष बैठक करेगा, जिसमें कंपनी के fully paid-up equity shares के buyback प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी द्वारा 2022 के बाद पहला बड़ा शेयर बायबैक होगा। उस समय Infosys ने 9,300 करोड़ रुपये के बायबैक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें न्यूनतम बायबैक कीमत 1,850 रुपये प्रति शेयर रखी गई थी। इस घोषणा के बाद, Infosys का शेयर 9 सितंबर को 1,481 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर खुला, जो पिछले पांच सेशन्स की गिरावट के बाद मजबूती का संकेत है। यह निफ्टी IT इंडेक्स का सबसे अधिक लाभार्थी स्टॉक रहा, साथ ही सेंसेक्स और निफ्टी के प्रमुख इंडेक्सों में भी तेजी दर्ज की गई। निफ्टी IT इंडेक्स सुबह के कारोबार में 1.7 प्रतिशत बढ़कर 34,892 के स्तर पर पहुंच गया, जिसमें Infosys और Wipro के शेयरों में हुई तेज बढ़ोतरी ने बड़ी भूमिका निभाई। हालांकि, पिछले छह महीनों में Infosys के शेयर करीब 13 प्रतिशत नीचे आए हैं, और 2025 की शुरुआत से अब तक यह करीब 21 प्रतिशत की गिरावट के साथ संघर्ष कर रहे हैं। इस गिरावट के पीछे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, खासकर अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा लगाए गए कड़े टैरिफ के प्रभाव को माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इस समय टेक्नोलॉजी सेक्टर विशेष रूप से दबाव में है, और Infosys का यह बायबैक प्रस्ताव निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है
HDFC Securities के Prime Research के प्रमुख Devarsh Vakil ने कहा, “Infosys का शेयर बायबैक प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण कदम है जो टेक्नोलॉजी कंपनियों के सामने मौजूद चुनौतियों के बीच निवेशकों को आत्मविश्वास देने का काम करेगा। ” वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही में Infosys ने 8.7 प्रतिशत की सालाना आधार पर वृद्धि के साथ 6,921 करोड़ रुपये का समेकित नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, जो उम्मीदों से बेहतर रहा। इस दौरान कंपनी की राजस्व वृद्धि भी 7.5 प्रतिशत रही और कुल राजस्व 42,279 करोड़ रुपये पर पहुंचा। कंपनी ने FY26 के लिए राजस्व वृद्धि का अनुमान 0-3 प्रतिशत से बढ़ाकर 1-3 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही, ऑपरेटिंग मार्जिन के लिए 20-22 प्रतिशत के दायरे को बनाए रखने का भी संकेत दिया गया है। Infosys की यह मजबूत वित्तीय स्थिति और शेयर बायबैक की योजना बाजार में कंपनी की स्थिति को पुनः मजबूत करेगी। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर बायबैक से न केवल निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना है, बल्कि यह कंपनी के स्टॉक की कीमत को भी समर्थन प्रदान करेगा, जिससे लंबे समय में शेयरधारकों को लाभ होगा। Infosys के इस कदम ने पूरे IT सेक्टर को भी सकारात्मक दिशा दी है। निफ्टी IT इंडेक्स में शामिल अन्य बड़ी कंपनियों के शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली है, जिससे सेक्टर का समग्र प्रदर्शन बेहतर हुआ है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक दबाव और नीतिगत अनिश्चितताएं अभी भी मार्केट के लिए चुनौती बनी हुई हैं, लेकिन Infosys की यह पहल निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है
कंपनी ने अपने FY26 के लिए राजस्व वृद्धि और ऑपरेटिंग मार्जिन के लक्ष्य को संशोधित किया है, जो बाजार में कंपनी की भविष्य की संभावनाओं को लेकर आशावाद को दर्शाता है। इस बीच, Infosys का शेयर पिछले कुछ महीनों के कमजोर प्रदर्शन से उबरकर अब नई ऊंचाइयों को छूने की तैयारी में है। कुल मिलाकर, Infosys के बोर्ड की 11 सितंबर को होने वाली बैठक में शेयर बायबैक प्रस्ताव पर निर्णय, कंपनी के शेयरधारकों और निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यह कदम कंपनी की वित्तीय मजबूती और बाजार में उसकी स्थिरता को दर्शाता है, जिससे आने वाले दिनों में शेयर बाजार में Infosys की भूमिका और भी मजबूत होने की उम्मीद है