India के Chief Economic Adviser V. Anantha Nageswaran ने कहा है कि FY26 में देश की GDP growth 6.3% से 6.8% के projection के upper band की ओर बढ़ सकती है। उन्होंने यह उम्मीद GST 2.0 reform और tax concessions के कारण जताई है, जो हाल ही में लागू किए गए हैं। Network18 Reforms Reloaded 2025 summit में उन्होंने बताया कि यह reform package demand को बढ़ावा देगा और growth momentum को sustain करने में अहम भूमिका निभाएगा। Nageswaran ने GST 2.0 को “landmark reform” बताया और कहा कि यह domestic consumption को काफी मजबूती देगा। उन्होंने Union Budget में GST rate cuts और income tax relief के combination को economy पर एक मजबूत multiplier effect डालने वाला बताया, जिसका कुल प्रभाव ₹2.5 लाख करोड़ से भी अधिक होगा। हालांकि, global uncertainties के कारण कुछ gains dilute हो सकते हैं, लेकिन CEA ने भरोसा जताया कि इन measures से GDP growth में सुधार होगा। राज्यों की revenue stability को लेकर सवालों पर उन्होंने कहा कि पहले भी GST rate cuts के बावजूद collections में कमी नहीं आई है। इसके विपरीत, राज्यों की revenue लगातार बढ़ रही है, जो यह साबित करता है कि lower rates के साथ higher compliance और collections growth संभव है। Fiscal position की बात करते हुए Nageswaran ने बताया कि FY26 के लिए gross fiscal deficit GDP का लगभग 4.4% रहेगा। यह non-tax revenue growth और collections में consistency की वजह से संभव होगा
उन्होंने कहा कि “festival season” की demand cycle की वजह से economic activity और मजबूत होगी। साथ ही high-frequency indicators यह संकेत दे रहे हैं कि Q2 में GDP growth लगभग 7% के करीब हो सकती है, जो economy की near-term performance पर विश्वास बढ़ाता है। वैश्विक जोखिमों और अमेरिकी tariffs को लेकर CEA ने स्वीकार किया कि U.S. President Donald Trump द्वारा लगाए गए tariffs भारत की trend growth rate को इस साल 0.4% से 0.5% तक और अगले साल लगभग 1% तक प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि GST reforms इस प्रभाव का कुछ हद तक मुकाबला कर पाएंगे। उनका मानना है कि medium से long term में foreign direct investment flows मजबूत रहेंगे, क्योंकि deregulation measures और भारत की structural economic strength इसे सपोर्ट करेगी। Debt market के संदर्भ में Nageswaran ने कहा कि अगर borrowing requirements fiscal year के दूसरे half में नहीं बढ़ती हैं, तो 10-year bond yields में गिरावट आ सकती है, जिससे budgetary targets पर चिंता कम होगी। कुल मिलाकर, FY26 के लिए भारत का economic outlook उत्साहजनक दिखता है। घरेलू reforms जैसे GST 2.0 और tax relief measures बाहरी चुनौतियों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान कर रहे हैं। जहां tariffs और global uncertainties जोखिम बने हुए हैं, वहीं सरकार की fiscal discipline, बढ़ती revenues और policy reforms से यह उम्मीद की जा रही है कि GDP growth 6.8% के करीब पहुंच सकती है। यह स्पष्ट है कि भारत की economy इस समय मजबूत foundation पर खड़ी है और आने वाले वित्तीय वर्ष में यह तेजी से बढ़ने की पूरी संभावनाएं रखती है