“US Trade Deal की उम्मीद में Indian Stock Market की सतर्क खुशी, जानिए Vipul Bhowar ने क्या कहा!”

Saurabh
By Saurabh

Indian stock market इस समय एक नाजुक पर सकारात्मक उम्मीद के बीच है, खासकर US के साथ संभावित trade deal को लेकर। Waterfield Advisors के Senior Director और Head of Equities, Vipul Bhowar ने बताया कि इस तरह के trade मामलों का समाधान market sentiment को बढ़ाने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने Moneycontrol को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि बिना एक अनुकूल समझौते के बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी और तेजी सीमित रहेगी। Vipul Bhowar ने कहा कि 50 प्रतिशत US tariffs की वजह से प्रभावित हुए exporters को सरकार को खास राहत देने की जरूरत है। इसके तहत Special Economic Zone (SEZ) नियमों में छूट दी जानी चाहिए ताकि व्यापार के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके। इसके अलावा, liquidity सपोर्ट बढ़ाकर कंपनियों को आवश्यक पूंजी मुहैया कराना, compliance बोरडन को कम करना और logistics लागत घटाना भी जरूरी है। इससे exporters की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और वे नए बाजारों में अधिक प्रभावी तरीके से प्रवेश कर सकेंगे। GST को लेकर Vipul Bhowar ने इसे केवल एक अस्थायी बढ़ावा नहीं बल्कि एक structural growth driver करार दिया। हाल ही में दो-स्तरीय GST दर (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) को अपनाने का मकसद कीमतों को कम करना, consumption बढ़ाना, MSMEs और manufacturing को समर्थन देना, compliance को सरल बनाना और टैक्स आधार को विस्तारित करना है। इन कदमों से goods और services की affordability बढ़ेगी, ease of doing business में सुधार होगा और समावेशी आर्थिक विकास को बल मिलेगा

जहां तक market की संभावित sharp rally का सवाल है, Vipul Bhowar का मानना है कि US के साथ trade deal के बिना Indian stock market में कोई बड़ी तेजी देखने को नहीं मिलेगी। चर्चा अभी भी जटिल और कई अहम मुद्दों पर अटकी हुई है। इसलिए, एक सकारात्मक समझौता ही market sentiment को मजबूती देगा और विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा। Consumption sector की बात करें तो यह अगले कुछ quarters में मजबूत बने रहने की उम्मीद है। ग्रामीण मांग में फिर से जीवंतता आई है और inflation में नरमी के कारण खरीद शक्ति बढ़ी है। सरकार की welfare spending और RBI की rate cuts भी urban consumption को स्थिर बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। इस वजह से consumption-driven sectors में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। Capex और consumption के बीच सरकार की प्राथमिकता में भी बदलाव दिखाई दे रहा है। Vipul Bhowar के अनुसार, सरकार अब consumption को ज्यादा महत्व दे रही है, हालांकि capex पर भी जोर बना हुआ है। हाल के income tax और GST कटौती से लोगों की disposable income बढ़ेगी, जिससे consumer spending को बढ़ावा मिलेगा

इसलिए निवेशकों के लिए बेहतर होगा कि वे capex में निवेश बनाए रखें, लेकिन consumption sectors में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएं जिससे जोखिमों में संतुलन बना रहे और अवसरों का फायदा उठाया जा सके। China equities की हालिया तेजी को लेकर Vipul Bhowar ने कहा कि यह सरकार की समन्वित नीतियों जैसे आर्थिक प्रोत्साहन और monetary easing के कारण संभव हुई है। Healthcare, materials, communications, और financial sectors में सकरात्मक earnings momentum और corporate earnings upgrades ने इस rally को ज्यादा टिकाऊ बनाया है। हालांकि, अगले छह महीनों में यह rally तब तक बनी रहेगी जब तक consistent earnings growth और सकरात्मक economic data मिलते रहेंगे। US के 50 प्रतिशत tariff hike के प्रभाव को कम करने के लिए Vipul Bhowar ने सरकार से कुछ जरूरी सुझाव भी दिए हैं। SEZ नियमों को आसान बनाना, liquidity सपोर्ट बढ़ाना, compliance को सरल बनाना, और logistics लागत कम करना exporters के लिए राहत साबित होगा। साथ ही, बाजार विविधता को बढ़ावा देकर US पर निर्भरता कम करनी होगी ताकि supply chains मजबूत और स्थिर बन सकें। GST दरों में समायोजन से domestic consumption को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे exporters की मांग भी बेहतर होगी। कुल मिलाकर, Vipul Bhowar का मानना है कि भारत के लिए trade deal का महत्व बहुत बड़ा है। यह न केवल stock market की दिशा निर्धारित करेगा बल्कि देश की आर्थिक विकास गति को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा

सरकार की नीतियों में सुधार और व्यापारिक माहौल को बेहतर बनाने के प्रयास ही विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ा सकते हैं और भारतीय बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। इस बीच, निवेशकों को सतर्क रहना होगा क्योंकि बिना स्पष्ट trade deal के बाजार में उतार-चढ़ाव और सीमित तेजी बनी रहेगी। Vipul Bhowar के विचारों से स्पष्ट है कि आर्थिक सुधारों और नीतिगत समर्थन के बिना Indian stock market की स्थिरता और विकास मुश्किल होगा। इसलिए, विदेशी निवेशकों की वापसी और घरेलू बाजार की मजबूती के लिए trade negotiations में जल्द और सार्थक प्रगति होना अत्यंत आवश्यक है

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