भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को दोपहर सत्र में गिरावट के साथ कारोबार करता रहा, जहाँ S&P BSE SENSEX 528 अंक टूटकर 84,028 के स्तर पर आ गया, जबकि NSE का NIFTY50 भी 157 अंक नीचे आकर 25,733 के करीब ट्रेड कर रहा था। इस गिरावट के पीछे FMCG सेक्टर में दबाव और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार फंड आउटफ़्लो का प्रमुख योगदान रहा। FMCG दिग्गज Hindustan Unilever के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली। HUL के शेयर लगभग 3.5% टूटकर ₹2,511 के आसपास आ गए। कंपनी की वित्तीय टीम ने तिमाही रिपोर्ट के बाद निवेशकों को बताया कि आने वाले क्वार्टरों में प्राइस ग्रोथ कम रहने की उम्मीद है। खासतौर पर उन प्रोडक्ट कैटेगरीज में जहाँ GST रेट में कमी का लाभ नहीं मिला है, वहाँ कंपनी वॉल्यूम आधारित ग्रोथ पर ज्यादा ध्यान देगी। कंपनी के CFO Ritesh Tiwari ने कहा कि अब GST से प्रभावित कैटेगरीज में और कोई मूल्य वृद्धि नहीं की जाएगी, बल्कि मार्केट में प्राइस को स्थिर करने पर फोकस रहेगा। HUL का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट सितंबर तिमाही में पिछले वर्ष के मुकाबले 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ रहा। दूसरी ओर Cipla के शेयर में भी 3.1% से ज्यादा की गिरावट आई। इस गिरावट के बावजूद कंपनी ने Eli Lilly के साथ टाइप 2 डायबिटीज़ और क्रॉनिक वेट मैनेजमेंट ड्रग tirzepatide के वितरण और प्रचार के लिए करार किया है
हालांकि, शेयर ने पिछले दिन 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद प्रॉफिट बुकिंग के चलते यह नुकसान सहा। Cipla के इस नए ब्रांड Yurpeak के तहत दवा को भारत में लॉन्च किया जाएगा। बैंकिंग सेक्टर में Federal Bank के शेयरों ने 2% की तेजी दिखाई। बैंक के बोर्ड ने Blackstone के एक अफ़िलिएट Asia II Topco XIII को 27.29 करोड़ कंवर्टिबल वॉरंट्स जारी करने को मंजूरी दी है, जिसके तहत Blackstone ₹6,196 करोड़ का निवेश करेगा। इस निवेश के बाद Blackstone का बैंक में लगभग 9.99% हिस्सा होगा। इस खबर के बाद Federal Bank के शेयर ₹228 के करीब पहुंचे। Colgate-Palmolive इंडिया के शेयरों में भी करीब 3.8% की गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने Q2 FY26 में 17% की गिरावट के साथ ₹327 करोड़ का PAT रिपोर्ट किया। इसके अलावा कंपनी का कुल इनकम भी पिछले साल की तुलना में 9.47% कम होकर ₹1,534 करोड़ पर आ गया। EBITDA में भी गिरावट आई है, जो निवेशकों के लिए निराशाजनक संकेत बना
एक नई एंट्री के रूप में Midwest ने शेयर बाजार में धमाकेदार शुरुआत की। इसके IPO का प्राइस बैंड ₹1,014 से ₹1,065 था, जबकि शेयर NSE और BSE दोनों पर ₹1,165 के स्तर पर लिस्ट हुए, जो कि IPO प्राइस से करीब 9.4% ऊपर था। IPO में कुल 87.89 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। कंपनी ने इस फंड का उपयोग क्वार्ट्ज प्लांट के विस्तार, लोन रिफायनेंसिंग, इलेक्ट्रिक डंप ट्रक्स खरीदने और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट में किया जाएगा। धातु क्षेत्र में Hindalco Industries के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। Aluminium की बढ़ती कीमतों के चलते Hindalco का शेयर दिनभर 4% से अधिक चढ़कर ₹826 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। LME पर Aluminium की कीमत $2,850 प्रति टन से ऊपर चली गई है, जो कि सप्लाई में कमी का संकेत है। यूरोप में पर्यावरणीय कारणों से Aluminium की सप्लाई में बाधा और उत्पादन में कटौती ने इसके दामों को और ऊपर धकेला है। इस वजह से Hindalco समेत Vedanta के शेयरों में भी तेजी बनी रही। Vedanta ने भी 4% के करीब उछाल दिखाया
कंपनी ने ओडिशा में ₹1 लाख करोड़ के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की है, जिसमें रिफाइनरी, Aluminium पार्क और Ferro Alloys प्लांट शामिल हैं। यह निवेश क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा। Vedanta के शेयर ₹496 के आसपास ट्रेड कर रहे थे। तेल एवं गैस क्षेत्र में ONGC के शेयरों ने 2% से अधिक की बढ़त बनाई। कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर आई तेजी का सीधा असर ONGC पर पड़ा। WTI और Brent क्रूड के दामों में 5% से ज्यादा की उछाल आई है, जो अमेरिका की रूस पर नयी पाबंदियों के कारण सप्लाई में कटौती के संकेत हैं। इस वजह से Nifty Oil & Gas इंडेक्स भी सकारात्मक रहा। कुल मिलाकर शुक्रवार का सत्र भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जहाँ प्रमुख FMCG स्टॉक्स में बिकवाली रही, वहीं मेटल, तेल और बैंकिंग सेक्टर में कुछ राहत मिली। विदेशी निवेशकों के फंड आउटफ्लो और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों ने सतर्कता बरती। आने वाले हफ्तों में बाजार की दिशा वैश्विक आर्थिक संकेतकों और घरेलू कॉरपोरेट परिणामों पर निर्भर करेगी