अमेरिकी अर्थव्यवस्था से आए कमजोर रोजगार आंकड़ों ने निवेशकों की Federal Reserve द्वारा इस महीने ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीदों को और मजबूती दी है। ADP payrolls रिपोर्ट में अगस्त महीने में केवल 54,000 नौकरियां बढ़ने की सूचना मिली, जो अनुमानित 75,000 से काफी कम है और जुलाई के 106,000 के संशोधित आंकड़े से भी नीचे है। इसके साथ ही, weekly jobless claims 237,000 पर पहुंच गए, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 8,000 अधिक हैं और बाजार की अपेक्षाओं से भी ऊपर हैं। इन आंकड़ों ने यह संकेत दिया है कि अमेरिकी लेबर मार्केट में तेजी कमजोर पड़ रही है और यह Federal Reserve को 17 सितंबर को होने वाली बैठक में ब्याज दर में कटौती के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। CME Group के FedWatch tool के अनुसार, Fed funds futures ने अब 97.6% संभावना जताई है कि Fed इस महीने दरों में कटौती करेगा, जो पिछले दिन की 96.6% संभावना से बढ़ी है। इस बीच, ISM non-manufacturing PMI अगस्त के लिए 52.0 आया है, जो 50.8 के अनुमान से थोड़ा बेहतर है। यह सेवा क्षेत्र में थोड़ी मजबूती का संकेत देता है, लेकिन कुल मिलाकर रोजगार और बेरोजगारी के आंकड़े कमजोर आर्थिक रुख को दर्शाते हैं। इन रोजगार और आर्थिक आंकड़ों के बीच अमेरिकी शेयर बाजार ने mixed प्रदर्शन किया। S&P 500 ने शुरुआती कारोबार में 0.1% की मामूली बढ़त दर्ज की, जबकि Nasdaq Composite 0.3% ऊपर बंद हुआ। वहीं, Dow Jones Industrial Average 76 अंक या 0.2% की गिरावट के साथ बंद हुआ
निवेशक शुक्रवार को जारी होने वाले महत्वपूर्ण अमेरिकी jobs report का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ताकत और Federal Reserve की नीतियों की दिशा तय कर सकता है। वैश्विक बाजारों की बात करें तो जापान का Nikkei 225 1.5% की तेजी के साथ क्षेत्रीय बाजारों में शीर्ष पर रहा, जिसमें SoftBank और Advantest जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयरों ने बढ़त में योगदान दिया। दक्षिण कोरिया का Kospi और ऑस्ट्रेलिया का ASX भी सकारात्मक बंद हुए। दूसरी ओर, चीनी बाजारों में गिरावट देखी गई, जहां CSI 300 2.6%, Shanghai Composite 1.3% और Hang Seng 1.1% नीचे आए, जो टेक सेक्टर में बढ़ते नियामकीय दबावों के कारण निवेशकों की चिंताओं को दर्शाता है। यूरोपीय बाजारों में भी हल्की तेजी रही; जर्मनी का DAX 0.7%, लंदन का FTSE 100 0.5% और फ्रांस का CAC 40 0.1% की मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। जापान में हाल ही में हुई बॉन्ड नीलामी की सफलता ने वैश्विक बॉन्ड बाजार की चिंताओं को कम किया है और Federal Reserve की संभावित दर कटौती के आसारों ने जोखिम लेने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है। अमेरिका में ट्रेडर्स की नजरें वाशिंगटन पर भी टिकी हुई हैं, जहां राष्ट्रपति Donald Trump ने Supreme Court से अमेरिकी टैरिफ मामलों पर तेजी से फैसला लेने का आग्रह किया है। वह उन फैसलों को पलटना चाहते हैं, जिनमें कई टैरिफ को अवैध घोषित किया गया था। यह कदम व्यापार नीतियों और वैश्विक आर्थिक माहौल को प्रभावित कर सकता है। भारत के शेयर बाजारों में भी तेज उछाल देखने को मिला
Sensex ने 1.1% की बढ़त दर्ज की, जबकि Nifty ने नए उच्च स्तर को पार किया। इस तेजी के पीछे GST दरों में कटौती का बड़ा हाथ रहा, जिसने विशेषकर ऑटो और FMCG सेक्टर के स्टॉक्स को मजबूती दी। भारतीय बाजारों की यह सकारात्मकता वैश्विक बाजार के जोखिम लेने के मूड से मेल खाती है। इस पूरे परिदृश्य में, निवेशक आर्थिक डेटा, वैश्विक घटनाक्रम और Federal Reserve की आगामी बैठक पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। कमजोर रोजगार डेटा ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अभी भी चुनौतियां हैं और Central Bank की ओर से संभावित दर कटौती से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, ISM non-manufacturing PMI की मामूली बढ़त से यह भी संकेत मिलता है कि सेवा क्षेत्र में अभी भी कुछ स्थिरता बनी हुई है। आगे आने वाले दिनों में, अमेरिकी नौकरी रिपोर्ट और Federal Reserve की नीति घोषणाएं वैश्विक बाजारों की दिशा तय करेंगी। निवेशक इन संकेतों को भली-भांति समझने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे अपने निवेश निर्णय बेहतर तरीके से ले सकें। फिलहाल, बाजार में सावधानी के साथ-साथ अवसरों की तलाश जारी है, जो आने वाले आर्थिक आंकड़ों और नीतिगत फैसलों पर निर्भर करेगी