India के mutual fund industry ने 2025 में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, fund houses ने equities में कुल ₹4.02 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है। यह निवेश की राशि volatile बाजारों और विदेशी निवेशकों (FPI) द्वारा लगातार निकासी के बीच भी बनी हुई investor confidence को दर्शाती है। यह पांचवां लगातार साल है जब domestic mutual funds से equity में positive inflows देखे गए हैं। पिछले साल 2024 में equity investments ₹4.3 लाख करोड़ के स्तर पर थीं, और वर्तमान निवेश की गति को देखते हुए, industry के experts का मानना है कि यह आंकड़ा 2025 के अंत तक ₹5 लाख करोड़ के पार भी जा सकता है। इस दौरान, FPIs ने भारत के equities से लगभग ₹1.6 लाख करोड़ की निकासी की है। इस स्थिति में domestic investors की स्थिरता और भरोसेमंद निवेश ने बाजार को सहारा दिया है। यह एक structural shift भी माना जा रहा है, जहां household savings धीरे-धीरे traditional निवेश जैसे fixed deposits से equity-backed mutual funds की ओर बढ़ रही हैं। Systematic Investment Plans (SIPs) इस सफलता की सबसे बड़ी वजहों में से एक हैं। जनवरी से अगस्त 2025 के बीच SIPs ने gross inflows में लगभग ₹2.2 लाख करोड़ का योगदान दिया, जिसमें लगभग 90% राशि equity-oriented schemes में गई
SIPs के नियमित मासिक निवेश ने mutual funds को liquidity का एक steady स्रोत दिया, जिससे वे foreign outflows और बाजार की अस्थिरता को बेहतर ढंग से संभाल सके। इसी अवधि में active equity funds में कुल net inflows, जिसमें SIP और lump-sum निवेश शामिल हैं, लगभग ₹2.4 लाख करोड़ पहुंचे। Fund managers ने भी इस समय hybrid और balanced schemes के जरिए अपने portfolio diversification और cash positions को बाजार की volatility के अनुसार adjust किया है। इस रणनीति ने mutual funds को जोखिम कम करने और निवेशकों को बेहतर returns देने में मदद की है। Retail investors की बढ़ती भागीदारी ने भी बाजार के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं। mutual funds में long-term wealth growth की उम्मीद से अधिक से अधिक retail investors जुड़ रहे हैं। digitisation के कारण investing platforms ज्यादा accessible और user-friendly हुए हैं, जिससे financial planning की समझ भी बढ़ी है। साथ ही, regulatory openness ने भी mutual fund investments को आसान बनाया है। इन सभी कारकों ने retail confidence को मजबूत किया है, जिससे SIP flows disciplined बने हुए हैं और investor base लगातार बढ़ रहा है। 2025 के दौरान mutual fund industry ने equity market के स्थिरता के स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका निभाई है, खासकर विदेशी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार से निकासी के बावजूद
₹4 लाख करोड़ से अधिक के equity inflows और SIP participation की मजबूती को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि यह साल mutual funds के लिए record-breaking रहेगा। अगर यह रफ्तार जारी रहती है, तो 2025 के अंत तक total investments पिछले साल की तुलना में काफी अधिक हो सकते हैं। यह उपलब्धि केवल वित्तीय आंकड़ों का संकेत नहीं है, बल्कि यह भारत के capital market के एक नए युग की शुरुआत का भी प्रतीक है, जहां retail investors और domestic mutual funds की भूमिका बढ़ रही है। यह बदलाव भारत को एक self-reliant और मजबूत stock market की ओर ले जा रहा है, जो वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच भी टिकाऊ बना रहेगा। इस प्रकार, mutual fund industry ने 2025 में अपने investors और पूरे equity market को एक बार फिर यह भरोसा दिलाया है कि सही रणनीति और स्थिर निवेश से बाजार की अस्थिरता में भी मजबूत लाभ हासिल किया जा सकता है