इस वर्ष दीवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन 21 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा। NSE और BSE द्वारा 22 सितंबर को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, यह खास ट्रेडिंग सत्र दोपहर 1:45 बजे से शुरू होकर 2:45 बजे तक चलेगा, जबकि ट्रेड मॉडिफिकेशन की अंतिम समय सीमा 2:55 बजे निर्धारित की गई है। इस मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में किए गए सभी ट्रेड सेटलमेंट ऑब्लिगेशन के अंतर्गत आएंगे, जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) ने अपने सर्कुलर में स्पष्ट किया है। मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक, दीवाली के अवसर पर आयोजित किया जाता है। यह ट्रेडिंग सत्र नए हिन्दू संवत वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करता है। इस बार यह सत्र सम्वत 2082 की शुरुआत करेगा। सामान्यतः मुहूर्त ट्रेडिंग शाम के समय होती है, लेकिन इस बार इसे दोपहर के समय आयोजित किया जाना एक विशेष बदलाव है। मुहूर्त का अर्थ होता है “शुभ समय” और इस ट्रेडिंग सेशन को एक शुभ अवसर माना जाता है जब निवेशकों को नई शुरुआत करने और अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने का मौका मिलता है। इस समय ट्रेडिंग विभिन्न सेगमेंट्स में होती है, जिनमें equity, commodity derivatives, currency derivatives, equity futures & options, और securities lending & borrowing (SLB) शामिल हैं। मुहूर्त ट्रेडिंग का महत्व केवल ट्रेडिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है
निवेशक मानते हैं कि इस अवधि में किया गया निवेश साल भर धन-समृद्धि लाता है। बहुत से लोग इस सेशन के दौरान Goddess Lakshmi के लिए शुभ संकेत के तौर पर शेयर खरीदते हैं। इस ट्रेडिंग सेशन के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य से ज्यादा देखने को मिलते हैं, क्योंकि निवेशक इस खास मौके का लाभ उठाने के लिए तेजी से निर्णय लेते हैं। पिछले वर्ष की बात करें तो, मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के दौरान BSE Sensex में 354.77 अंकों (0.55%) की बढ़त दर्ज की गई थी और यह 65,259.45 के स्तर पर बंद हुआ था। 30 शेयरों वाले इस इंडेक्स में से 28 स्टॉक्स हरे निशान में बंद हुए। वहीं, NIFTY50 ने 100.20 अंक (0.52%) की तेजी के साथ 19,525.55 पर क्लोज किया था। IT, infrastructure और energy sectors ने इस बढ़त को मुख्य रूप से संभाला था। NIFTY50 के 50 शेयरों में से 43 शेयर हरे निशान में बंद हुए थे, जो इस सत्र की सकारात्मकता को दर्शाता है। मुहूर्त ट्रेडिंग का यह एक-घंटे का सत्र निवेशकों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलता है। यह न केवल निवेश की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि बाजार की संभावनाओं को भी उजागर करता है
इस ट्रेडिंग सत्र के दौरान निवेशक सावधानी के साथ अपनी रणनीतियां बनाते हैं, क्योंकि बाजार की अस्थिरता के कारण उतार-चढ़ाव अधिक होते हैं। NSE और BSE द्वारा जारी सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि मुहूर्त ट्रेडिंग में हुए सभी लेन-देन को सेटलमेंट की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है कि इस सत्र में की गई खरीद-फरोख्त को पूरा करना अनिवार्य होगा, जो ट्रेडिंग के महत्व को और बढ़ाता है। मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन निवेशकों के लिए शुभ अवसर के साथ-साथ बाजार के लिए उत्साह का माहौल लेकर आता है। यह ट्रेडिंग सेशन ट्रेडर्स और निवेशकों के बीच विश्वास और उम्मीदों का प्रतीक बन चुका है। इस समय निवेशकों की यह मान्यता होती है कि इस दौरान की गई खरीददारी पूरे वर्ष उनके वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत बनाएगी। इस प्रकार, इस साल 21 अक्टूबर को आयोजित होने वाला दीवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन न केवल नए संवत की शुरुआत का प्रतीक होगा, बल्कि यह निवेशकों के लिए एक नया उत्साह और बाजार में संभावनाओं की नई किरण लेकर आएगा। इस एक घंटे के ट्रेडिंग सत्र में निवेशक अपनी रणनीतियों के साथ इस शुभ अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए तैयार रहेंगे। मुहूर्त ट्रेडिंग से यह भी सीखने को मिलता है कि बाजार में सही समय से ज्यादा निरंतरता और धैर्य का होना जरूरी है। निवेशकों के लिए SIP (Systematic Investment Plan) की निरंतरता निवेश के लिए बेहतर परिणाम देती है, जो कि दीवाली के इस शुभ अवसर पर और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है
कुल मिलाकर, दीवाली मुहूर्त ट्रेडिंग 2025 न सिर्फ एक ट्रेडिंग सेशन है, बल्कि यह भारतीय निवेशकों की सांस्कृतिक और आर्थिक सोच का एक अहम हिस्सा है, जो हर साल नई उम्मीदें और समृद्धि लेकर आता है