“Nifty Metal Index में धूम: Tata Steel से लेकर Hindustan Copper तक, शेयरों ने बनाया नया रिकॉर्ड!”

Saurabh
By Saurabh

भारतीय मेटल सेक्टर के शेयरों ने 3 सितंबर को तगड़ी तेजी जारी रखी, जिससे Nifty Metal index ने तीसरे लगातार सत्र में 3% से अधिक की बढ़त के साथ 9,678.50 के स्तर पर बंद हुआ। इस तेजी के पीछे Tata Steel का लगभग 6% का उछाल सबसे बड़ा कारण रहा, जबकि SAIL और Jindal Steel ने भी 5% से अधिक की मजबूती दिखाई। Hindustan Copper में 4% से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई, वहीं Welspun Corp और NALCO ने 3% से ऊपर की बढ़त हासिल की। JSW Steel और Hindalco ने लगभग 3% की बढ़त दर्ज की, जबकि NMDC और Vedanta करीब 2% ऊपर बंद हुए। Hindustan Zinc भी 1% के करीब तेजी के साथ बंद हुआ। इस तेजी के कई अहम कारक हैं। सबसे पहले, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी ने कमोडिटी बाजारों को मजबूती दी है। Federal Reserve की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते डॉलर कमजोर हुआ है। DBS की एक रिपोर्ट के अनुसार, Fed के नए नियुक्तियों और कमजोर लेबर मार्केट कंडीशंस के कारण डॉलर पर दबाव बना रहेगा। Federal Reserve के चेयर Jerome Powell ने Jackson Hole सम्मेलन में भी दरों में नरमी के संकेत दिए हैं

एक कमजोर डॉलर वैश्विक कमोडिटी की मांग को बढ़ाता है, जिससे भारतीय मेटल कंपनियों को बेहतर एक्सपोर्ट अवसर और रियलाइजेशन मिलते हैं। दूसरा महत्वपूर्ण कारक चीन की स्टील उत्पादन में कटौती की योजना है। चीन ने 2025-26 के बीच स्टील उत्पादन घटाने की योजना बनाई है, जिससे वैश्विक बाजार में सस्ते मेटल का डंपिंग कम होगी। इससे भारतीय मेटल कंपनियों की लाभप्रदता में सुधार होने की उम्मीद है। CLSA ने भी इस पर जोर देते हुए FY26-28 के लिए भारतीय मेटल और माइनिंग कंपनियों के अर्निंग एस्टिमेट्स को -4% से +8% के बीच संशोधित किया है। विशेष रूप से, एल्यूमीनियम को बेहतर मांग-आपूर्ति संतुलन के कारण पसंदीदा माना गया है। तीसरा, GST सुधार की संभावना ने भी बाजार की धारणा को मजबूती दी है। अभी चल रहे GST काउंसिल के मीटिंग में टैक्स संरचना को दो स्लैब्स 5% और 18% में सरल बनाने पर चर्चा हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कॉम्प्लायंस लागत कम होगी, दक्षता बढ़ेगी और मांग को बढ़ावा मिलेगा। निर्माण सामग्री पर GST कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा होगा, जो अंततः मेटल सेक्टर को सहारा देगा

चौथा, अमेरिकी Fed की नीति के प्रति निवेशकों की उम्मीदें भी इस तेजी को समर्थन दे रही हैं। सितंबर के मध्य में Fed द्वारा 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना के कारण वैश्विक निवेशक उभरते बाजारों जैसे भारत की ओर पूंजी प्रवाह बढ़ा सकते हैं, जिससे मेटल शेयरों में निवेश भावना और बेहतर होगी। घरेलू आर्थिक स्थिति भी मेटल सेक्टर के लिए अनुकूल बनी हुई है। भारत की अर्थव्यवस्था ने जून क्वार्टर में 7.8% की मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो Reserve Bank of India के 6.5% अनुमान और बाजार की अपेक्षाओं से कहीं बेहतर है। इस मजबूत GDP वृद्धि से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है, जिससे चक्रीय सेक्टर जैसे मेटल में निवेश आकर्षित हो रहा है। मानसून के बाद मांग में सुधार की उम्मीद है, जिसे सरकार के पूंजीगत व्यय और संभावित GST सुधार से भी बल मिलेगा। Nifty Metal index के बाहर MOIL का शेयर भी करीब 4% की तेजी दिखाया, क्योंकि कंपनी ने अगस्त माह में रिकॉर्ड 1.45 लाख टन उत्पादन किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक है। बिक्री भी 25.6% बढ़कर 1.13 लाख टन हो गई है, जबकि अप्रैल से अगस्त तक का उत्पादन और खोज संबंधी ड्रिलिंग भी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची है। कुल मिलाकर, कमजोर डॉलर, चीन के उत्पादन कटौती के संकेत, GST सुधार की उम्मीदें और भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि ने भारतीय मेटल शेयरों को मजबूती दी है। हालांकि वैश्विक स्तर पर कुछ असमंजस स्थिति बनी हुई है, लेकिन सेक्टर की बुनियादी मजबूती और नियामक सहायक नीतियों के कारण निवेशकों की रुचि बरकरार रहने की संभावना है

इस तेजी के साथ ही भारतीय मेटल शेयर बाजार में एक नया उत्साह देखने को मिला है, जो भविष्य में भी निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर पैदा कर सकता है

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