Crizac Limited ने IPO के बाद NSE और BSE पर किया जबरदस्त डेब्यू, शेयरों में 14% से अधिक का प्रीमियम

Saurabh
By Saurabh

Crizac Limited, जो कि एक प्रमुख B2B education platform specialist है, ने 9 जुलाई 2025 को NSE और BSE दोनों प्लेटफॉर्म पर धूमधाम से अपनी शुरुआत की। कंपनी ने 2 से 4 जुलाई के बीच अपने IPO के लिए बिडिंग बंद की थी, जिसके बाद ट्रेडिंग के पहले दिन ही NSE पर 14.71% और BSE पर 14.29% के प्रीमियम के साथ शेयर खुले। यह प्रदर्शन निवेशकों के लिए शानदार रिटर्न लेकर आया, खासकर यह ध्यान में रखते हुए कि यह एक offer for sale था। IPO की शुरुआत ₹245 प्रति शेयर की कीमत पर हुई थी, जिसमें न्यूनतम निवेश 61 शेयर यानी ₹14,945 था। IPO को बाजार से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसमें कुल सब्सक्रिप्शन 62.89 गुना रहा। खास बात यह रही कि QIB (Qualified Institutional Buyers) सेक्शन ने 141.27 गुना, NII (Non-Institutional Investors) ने 80.07 गुना और रिटेल इन्वेस्टर्स ने 10.74 गुना सब्सक्रिप्शन किया। यह आंकड़े Crizac के education technology प्लेटफॉर्म पर संस्थागत निवेशकों के भरोसे को दर्शाते हैं। 9 जुलाई 2025 को Crizac के शेयरों ने NSE पर ₹281.05 और BSE पर ₹280 की शुरुआती कीमत दर्ज की, जो issue price से लगभग 14.7% अधिक थी। इस शानदार लिस्टिंग ने निवेशकों को शुरुआती दिन ही अच्छा मुनाफा दिया। Crizac Limited 2011 में स्थापित हुई कंपनी है, जो B2B प्लेटफॉर्म के रूप में काम करती है

यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों को UK, Canada, Ireland, Australia और New Zealand जैसी उच्च शिक्षा संस्थाओं से जोड़ती है। कंपनी के पास 75 देशों में 7,900 से अधिक रजिस्टर्ड एजेंट हैं, जो 5.95 लाख से ज्यादा आवेदन प्रोसेस करते हैं। कंपनी के पास 329 कर्मचारी और 10 कंसल्टेंट्स भी हैं, जो इसे वैश्विक शिक्षा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनाते हैं। कंपनी के विकास के प्रमुख कारणों में शामिल है इसकी वैश्विक उपस्थिति और व्यापक एजेंट नेटवर्क, जो 135 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए छात्र भर्ती की सुविधा प्रदान करता है। Crizac के पास अपनी proprietary technology platform है, जो B2B education services को प्रभावी ढंग से संचालित करता है और recurring revenue model पर आधारित है। इसके अलावा, वैश्विक शिक्षा बाजार की बढ़ती मांग, खासकर उन देशों में जहां अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है, कंपनी के लिए अवसर पैदा करती है। वित्तीय प्रदर्शन भी मजबूत रहा है, FY25 में कंपनी ने 16% की राजस्व वृद्धि और 29% की PAT वृद्धि दर्ज की है। कंपनी का ROE 30.24% और EBITDA मार्जिन 25.05% जैसे उत्कृष्ट वित्तीय संकेतक इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। हालांकि, कंपनी को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता और छात्र वीजा नीतियों में बदलाव कंपनी के व्यवसाय को प्रभावित कर सकते हैं

IPO का मूल्यांकन भी थोड़ा महंगा माना जा रहा है, क्योंकि इसका P/E अनुपात 28.03 और price-to-book value 8.48 पर है। इसके अलावा, कंपनी को विभिन्न देशों की शिक्षा और वीजा नीतियों के अनुपालन में भी सावधानी बरतनी होगी। बाजार में प्रतिस्पर्धा भी तीव्र है, जहां अन्य स्थापित प्लेयर्स भी सक्रिय हैं और मूल्य निर्धारण पर दबाव बना रहे हैं। IPO से जो फंड जुटाए गए थे, वे कंपनी को नहीं मिले, क्योंकि यह offer for sale था। इसका मतलब है कि शेयरधारकों ने अपने हिस्से को बेचा और कंपनी को कोई नया पूंजी निवेश नहीं मिला। वित्तीय दृष्टि से Crizac ने FY25 में ₹884.78 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो FY24 के ₹763.44 करोड़ से 16% अधिक है। शुद्ध लाभ ₹152.93 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 29% की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है, जिसमें कम कर्ज, उच्च ROCE (40.03%), और स्वस्थ PAT मार्जिन (17.28%) शामिल हैं। Crizac का IPO और लिस्टिंग प्रदर्शन यह साबित करता है कि वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में इसका भविष्य उज्जवल है। मजबूत सब्सक्रिप्शन और शुरुआती ट्रेडिंग प्रीमियम से निवेशकों का विश्वास भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है

हालांकि पूरी तरह से मूल्यांकित होने और वैश्विक राजनीतिक जोखिमों के कारण सावधानी की जरूरत है, लेकिन Crizac का व्यापक नेटवर्क, तकनीकी प्लेटफॉर्म और वित्तीय मजबूती इसे अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा बाजार में एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं

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