Emerging Markets (EM) फंड्स में निवेशक भारी मात्रा में पैसा लगा रहे हैं और यह प्रवाह 2023 के बाद सबसे तेज़ गति पर पहुंच चुका है। Elara Capital की नई रिपोर्ट के अनुसार, लगातार छठे सप्ताह EM फंड्स में नेट इनफ्लो देखने को मिला है, जिसमें इस सप्ताह अकेले $2.4 बिलियन का निवेश हुआ है। पिछले दो हफ्तों में कुल $4 बिलियन से अधिक की पूंजी EM मार्केट में आई है, जो इस साल की सबसे मजबूत लिक्विडिटी ट्रेंड को दर्शाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस प्रवाह का मुख्य स्रोत बड़े ETFs हैं। खासतौर पर iShares Core MSCI EM ETF ने इस चक्र में $4 बिलियन का निवेश आकर्षित किया है। इसके साथ ही Vanguard FTSE EM ETF में $1.9 बिलियन और Avantis EM ETF में $1.6 बिलियन की पूंजी आई है। यह प्रवृत्ति मैक्रो-लेवल पर बदलाव को दिखाती है, खासकर ट्रम्प प्रशासन के टैरिफ घोषणाओं के बाद निवेशकों की रणनीतियों में बदलाव के कारण। निवेशक अब US-फोकस्ड फंड्स से बाहर आ रहे हैं और व्यापक EM रणनीतियों की ओर लौट रहे हैं। भारत इस पूंजी प्रवाह का एक बड़ा लाभार्थी बना हुआ है। इस सप्ताह भारत में EM फंड्स में $642 मिलियन का निवेश हुआ, जो पिछले सप्ताह के $477 मिलियन से कहीं अधिक है
अप्रैल से लेकर अब तक भारत में कुल $3.6 बिलियन का निवेश हुआ है, जिसमें से $2.3 बिलियन भारत-केंद्रित फंड्स में और $1.3 बिलियन ग्लोबल EM मैनडेट्स के माध्यम से गया है। भारत में निवेश के प्रमुख साधन Franklin FTSE India ETF रहे, जिसमें इस सप्ताह $123 मिलियन का निवेश हुआ। इसके बाद iShares MSCI India ETF ने $83 मिलियन और Kotak India Midcap Fund ने $60 मिलियन का निवेश आकर्षित किया। दक्षिण कोरिया, ताइवान और ब्राजील में भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, विशेषकर ब्राजील ने अपने फंड साइज के मुकाबले सबसे ज्यादा पूंजी प्रवाह दर्ज किया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि निवेशक अब EM ex-China रणनीतियों से बाहर आ रहे हैं। उदाहरण के लिए, iShares MSCI EM ex-China ETF में $2.6 बिलियन की निकासी हुई है, जो यह संकेत देती है कि निवेशक चीन को EM पोर्टफोलियो में शामिल करने को लेकर फिर से आश्वस्त हो रहे हैं, जो पिछले लंबे समय से बाहर रखा गया था। दूसरी ओर, US इक्विटी फंड्स पर दबाव बना हुआ है। इस सप्ताह US फंड्स से $1.6 बिलियन की निकासी हुई, जो पिछले सप्ताह निकाले गए $4 बिलियन के बाद जारी है। अप्रैल से US में निवेश लगभग स्थिर ही रहा है। इसी दौरान, Gold funds को डॉलर के कमजोर होने का लाभ मिला है
गोल्ड फंड्स में लगातार छठे सप्ताह पैसे आ रहे हैं, इस सप्ताह $2.6 बिलियन का निवेश दर्ज किया गया है, जिससे पिछले छह हफ्तों में कुल $25 बिलियन का प्रवाह हुआ है। Elara Capital की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस बार का EM फंड रैली 2023 की शुरुआत में हुई रैली की तुलना में ज्यादा व्यापक और केंद्रित है। निवेशक अब व्यापक EM एक्सपोजर की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जो वैश्विक बाजारों में एक महत्वपूर्ण ट्रेंड साबित हो रहा है। इस पूरे परिदृश्य में यह साफ नजर आ रहा है कि वैश्विक निवेशक अपनी रणनीतियों को पुनः व्यवस्थित कर रहे हैं। US पर निर्भरता कम कर, वे अधिक विविध और विकासशील बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। भारत जैसे बड़े उभरते बाजार इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ उठा रहे हैं, जिससे भारतीय बाजारों में निवेश की धारणा और भी मजबूत हो रही है। निष्कर्षतः, EM फंड्स में यह निवेश प्रवाह न केवल 2023 के बाद का सबसे तेज़ है, बल्कि यह एक व्यापक वैश्विक निवेश प्रवृत्ति का हिस्सा भी है, जो आने वाले महीनों में बाजारों के स्वरूप को बदल सकती है। निवेशक इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपने पोर्टफोलियो को पुनः आकार दे रहे हैं, जिससे EM बाजारों में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है