NIFTY50 ने सितंबर के अंतिम कारोबारी दिनों में दबाव महसूस किया और अक्टूबर के पहले सप्ताह में भी बाजार की नमी बनी हुई है। निवेशक आज RBI के मौद्रिक नीति निर्णय की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो आने वाले कारोबारी माह की दिशा तय करेगा। खासतौर पर, इस बार RBI की टिप्पणी वैश्विक व्यापार युद्ध के बढ़ते तनाव और भू-राजनीतिक स्थिति पर बाजार की संवेदनशीलता को और बढ़ा रही है। ऑप्शंस मार्केट के आंकड़ों से पता चलता है कि निफ्टी के 25,000 कॉल्स पर सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट (OI) दर्ज है, जो कि इस स्तर को एक मजबूत रेजिस्टेंस के रूप में दर्शाता है। वहीं, 24,600 पुट्स पर भी उच्चतम ओपन इंटरेस्ट है, जो कि निफ्टी के लिए मजबूत सपोर्ट ज़ोन की पुष्टि करता है। आने वाली 07 अक्टूबर की एक्सपायरी के लिए यह स्तर बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि निफ्टी 24,600 के सपोर्ट को बरकरार रखता है और इस स्तर के ऊपर साप्ताहिक क्लोजिंग करता है, तो यह बढ़त के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। इसके अलावा, महीने के अंत तक अगर निफ्टी 25,000 के ऊपर बंद होता है, तो पुराने रिकॉर्ड स्तर की ओर एक मजबूत रिबाउंड की संभावना बनती है। GIFT NIFTY futures की शुरुआत अक्टूबर के पहले दिन सकारात्मक रही, जो बाजार में खरीदारी की उम्मीद को बढ़ावा देती है। तकनीकी विश्लेषण में यह भी देखा गया कि निफ्टी ने नीचे के स्तरों पर खरीदारी का प्रदर्शन किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि निवेशक सस्ते स्तरों पर प्रवेश कर रहे हैं
फ्यूचर्स और ऑप्शंस के लिहाज से बाजार में कुछ प्रमुख स्टॉक्स में लंबी पोजीशन की बढ़ोतरी देखी गई है। HeroMoto Corp और JSW Steel में लम्बी पोजीशन बिल्डअप हुआ है, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। वहीं, ITC और Bharti Airtel में शॉर्ट पोजीशन बढ़ी है, जो इन स्टॉक्स पर दबाव का संकेत हो सकता है। टॉप ट्रेडेड फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स में Reliance और ICICI Bank सबसे ज्यादा सक्रिय रहे, जबकि ऑप्शंस में SBIN 920 CE और SBIN 840 PE सबसे अधिक ट्रेड हुए। F&O सिक्योरिटीज की बात करें तो Sammancap को बैन में रखा गया है, जबकि कुछ सिक्योरिटीज बैन से बाहर आई हैं। फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग में ओपन इंटरेस्ट के साथ प्राइस मूवमेंट को देखना जरूरी होता है। जहां लंबी पोजीशन के साथ ओपन इंटरेस्ट बढ़ना (Long build-up) बाजार में सकारात्मक भावना दर्शाता है, वहीं शॉर्ट पोजीशन के साथ ओपन इंटरेस्ट बढ़ना (Short build-up) नकारात्मक भावना का संकेत हो सकता है। इन संकेतों के आधार पर ट्रेडर्स अपनी रणनीति तैयार करते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि डेरिवेटिव ट्रेडिंग में जोखिम को समझना और स्टॉप लॉस का उपयोग करना अनिवार्य है। निफ्टी के सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों के सापेक्ष बाजार की चाल पर नजर बनी हुई है, खासकर आज RBI के फैसले के बाद। वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के बीच भारतीय बाजार की यह चाल लंबे समय तक स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है
निवेशक और ट्रेडर्स दोनों ही इस माह के एक्सपायरी के दौरान बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर सतर्क हैं। इस बीच, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो में सटीकता और धैर्य के साथ काम लें, क्योंकि बाजार की स्थिति में तेजी से बदलाव हो सकते हैं। SIP के माध्यम से निवेश की निरंतरता को विशेषज्ञ बेहतर विकल्प मानते हैं, क्योंकि समय के साथ यह निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचाता है और बेहतर रिटर्न देने की संभावना रखता है। अप्रैल से सितंबर तक बाजार में आए उतार-चढ़ाव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मौद्रिक नीति और वैश्विक घटनाक्रम सीधे तौर पर बाजार की दिशा को प्रभावित करते हैं। इस स्थिति में निवेशकों की नजरें आज के RBI के फैसले पर टिकी हैं, जो निफ्टी के अगले कदम को तय करेगा। संक्षेप में कहा जाए तो, NIFTY50 के 24,600 से 25,000 के बीच के स्तर इस समय निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। अगर बाजार इस रेंज में मजबूती दिखाता है, तो अक्टूबर में तेजी का दौर शुरू हो सकता है। वहीं, अगर सपोर्ट टूटता है, तो निफ्टी को और नीचे गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में निवेशकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा सही समय पर सही निर्णय लेना और जोखिम प्रबंधन का पूरा ध्यान रखना। आने वाले दिनों में बाजार की दिशा और RBI की नीति के असर को समझने के लिए निवेशकों को सतर्क और जागरूक रहना होगा, क्योंकि वैश्विक और घरेलू आर्थिक कारक मिलकर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं
NIFTY50 की यह लड़ाई 24,600 से 25,000 के स्तर पर तय होगी, जो भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए निर्णायक साबित होगी