Tata Technologies के शेयरों में एक बड़ी तेजी देखने को मिली है, जो कंपनी की रणनीतिक योजना और विस्तार की उम्मीदों को दर्शाती है। Tata Technologies के शेयरों ने आज लगभग 3% तक की बढ़त दर्ज की, जो पिछले एक महीने में उनका उच्चतम स्तर रहा। आज के ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयरों का स्तर Rs 720.75 तक पहुंचा, हालांकि अंत में यह कुछ गिरावट के बाद Rs 711.9 पर बंद हुआ, फिर भी यह 1.4% की बढ़त दर्शाता है। इस तेजी का मुख्य कारण Tata Technologies की पूरी तरह से स्वामित्व वाली शाखा Tata Technologies Pte. द्वारा Germany की ES-Tec Group को 75 मिलियन यूरो यानी करीब Rs 776 करोड़ में खरीदने की घोषणा है। यह अधिग्रहण 13 सितंबर को घोषित किया गया था और इसके पूरा होने की उम्मीद 31 दिसंबर, 2026 तक है। स्टॉक एक्सचेंज में जमा की गई रिपोर्ट के अनुसार, इस डील की पेमेंट अगले दो वर्षों में किस्तों में की जाएगी, जिसमें प्रदर्शन-आधारित ईयरनआउट्स भी शामिल होंगे। इस अधिग्रहण से Tata Technologies की इंजीनियरिंग, रिसर्च और डेवलपमेंट क्षमताओं में मजबूती आएगी, जिससे कंपनी अपने वैश्विक ऑटोमोटिव क्लाइंट्स के लिए व्यापक सेवाओं की पेशकश कर सकेगी। Tata Technologies के MD और CEO Warren Harris ने इस डील को एक रणनीतिक कदम बताया है जो कंपनी की क्षमता को व्यापक बनाएगा और ऑटोमोटिव वैल्यू चेन में एंड-टू-एंड प्रोडक्ट इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह अधिग्रहण Tata Technologies की वैश्विक पहुंच को बढ़ाने और नवोन्मेषी इंजीनियरिंग क्षमताओं को आत्मसात करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ES-Tec की तकनीकी विशेषज्ञता, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण और क्षेत्रीय उपस्थिति Tata Technologies के लक्ष्य के साथ मेल खाती है, जो स्मार्ट, कनेक्टेड और स्थायी मोबिलिटी की दिशा में उद्योग के बदलाव के बीच OEMs का पसंदीदा पार्टनर बनना चाहता है
इस अधिग्रहण से Tata Technologies को यूरोप की उन्नत ऑटोमोटिव सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिलेगा। स्थानीय प्रतिभा और मजबूत सिस्टम इंजीनियरिंग विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए कंपनी अपने वैश्विक क्लाइंट बेस को और बढ़ाने की योजना बना रही है। कंपनी का मानना है कि डील के पूरा होने के पहले पूरे वर्ष से ही इसके EPS (Earnings Per Share) में सुधार देखने को मिलेगा। ICICI Securities ने इस अधिग्रहण को लेकर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ES-Tec आने वाले समय में Tata Technologies के कुल राजस्व में करीब 8% का योगदान देगा। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह डील OEMs की रिसर्च और डेवलपमेंट प्राथमिकताओं के अनुरूप है और इससे Tata Technologies को अपने प्रमुख वैश्विक ऑटोमोटिव कस्टमर्स के बीच क्रॉस-सेलिंग के अवसर भी मिलेंगे। यह सभी बातें Tata Technologies के मैनेजमेंट द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित हैं। हालांकि, इस बीच JPMorgan ने Tata Technologies पर ‘underweight’ रेटिंग जारी की है। उनके विश्लेषण के अनुसार FY26 में कंपनी के राजस्व में लगभग 4.6% की गिरावट आ सकती है और मार्जिन में 100 बेसिस प्वाइंट की कमी आ सकती है। JPMorgan ने कंपनी के लिए लक्ष्य मूल्य Rs 570 रखा है, जो वर्तमान बाजार मूल्य से काफी कम है। यह रेटिंग बाजार में सावधानी की एक झलक भी देती है जबकि निवेशक अधिग्रहण के दीर्घकालीन प्रभावों का मूल्यांकन कर रहे हैं
Tata Technologies के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी वैश्विक ऑटोमोटिव सेवा प्रदाताओं के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए लगातार नए अवसर तलाश रही है। ES-Tec Group के अधिग्रहण से न सिर्फ कंपनी की तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षमताएं बढ़ेंगी, बल्कि इसके अंतरराष्ट्रीय विस्तार की गति भी तेज होगी। बाजार ने इस खबर को सकारात्मक रूप में लिया, जिससे Tata Technologies के शेयरों में आज अच्छी तेजी देखने को मिली। कुल मिलाकर, Tata Technologies का ES-Tec Group को खरीदना भारतीय ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो कंपनी को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिला सकती है। निवेशक और विश्लेषक इस डील के दीर्घकालीन परिणामों पर नजर बनाए हुए हैं, जो आने वाले महीनों में कंपनी के प्रदर्शन और शेयर मूल्य में स्पष्ट रूप से दिखेंगे