Rakesh Vyas, जो Quest Investment Advisors के Chief Investment Officer और Portfolio Manager हैं, ने आने वाले साल में Pharma और Specialty Chemicals सेक्टर्स को एक मजबूत contrarian play के रूप में चुना है। उन्होंने बताया कि भले ही US tariffs और वैश्विक इन्वेंटरी सायकल को लेकर चिंता बनी हुई है, लेकिन भारत की “Pharmacy of the World” की पहचान इन सेक्टर्स को एक ठोस संरचनात्मक सहारा देती है। पिछले एक साल में global uncertainties, खासकर trade और geopolitical tensions के कारण market sentiment प्रभावित हुआ। US की tariff नीति में अनिश्चितता, corporate earnings में slowdown, और precious metals में तेज़ रैली ने बाजार को moderate returns पर सीमित रखा। Rakesh Vyas का मानना है कि इन अनिश्चितताओं के धीरे-धीरे कम होने से अगले साल बाजार में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा, जो कि long-term average रेंज 12-15% के आसपास हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि precious metals, खासकर Gold, ने पिछले एक साल में exceptional returns दिए हैं, लेकिन आने वाले साल में यह trend जारी नहीं रह सकता। जब global trade और geopolitical risks में कमी आएगी, तो Gold की चमक फीकी पड़ सकती है। इसलिए Gold को अगले साल टॉप परफॉर्मिंग एसेट क्लास के रूप में देखना सही नहीं होगा। Rakesh Vyas ने बताया कि पिछले चार सालों में बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन पिछले साल consolidation का दौर रहा। इस दौरान persistent FII outflows और muted earnings growth के कारण बाजार में धीमी गति देखी गई, हालांकि domestic inflows ने कुछ हद तक इसे संतुलित रखा
आने वाले साल में corporate earnings में sharp rebound की उम्मीद है, जो कि 12-14% के बीच रहेगा। इससे market sentiment बेहतर होगा और foreign investors फिर से Indian equities में रुचि दिखाएंगे। उन्होंने अपने टॉप पांच wealth-generating themes भी साझा किए, जिनमें प्रमुख हैं: Consumer Discretionary, Retail Lending, Private Capex Revival, Pharma और CRDMO। इन सभी सेक्टर्स में government और RBI की coordinated policy interventions के कारण मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी। विशेष रूप से Pharma और CRDMO सेक्टर में US trade uncertainties के समाधान के बाद export momentum में सुधार होगा। Rakesh Vyas ने कहा कि एक portfolio strategy जो “Agile with Growth and Patient with Value” हो, वह लंबी अवधि में बेहतर wealth creation कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर ये सेक्टर्स CY26 से earnings momentum में तेजी दिखाएंगे, जो stocks के प्रदर्शन में स्पष्ट बदलाव लाएगा। Pharma और Specialty Chemicals सेक्टर को लेकर उनके contrarian दृष्टिकोण पर उन्होंने जोर दिया कि Nifty Pharma index पिछले एक साल में लगभग 4% गिर चुका है, जो इस सेक्टर के लिए turnaround का संकेत हो सकता है। भारत की pharmaceutical manufacturing capability और global supply chains में बदलाव इस सेक्टर के लिए multi-year growth opportunity प्रदान कर रहे हैं। धैर्यवान निवेशकों के लिए यह एक बेहतरीन मौका हो सकता है
आगामी साल में equity market के लिए सबसे बड़ा positive surprise foreign institutional investors (FIIs) का मजबूत वापसी हो सकता है। पिछले कई तिमाहियों में weak earnings growth और high valuations के कारण FIIs ने बाहर निकला था, लेकिन सुधरी हुई growth visibility और corporate profitability के कारण वे भारतीय बाजार में वापस आ सकते हैं। इससे valuations में re-rating हो सकती है और overall market momentum को बढ़ावा मिलेगा। Rakesh Vyas ने Q4 FY26 से earnings recovery की संभावना पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि income taxes में कटौती, interest rate cuts के कारण कम EMIs, liquidity infusion, और GST rate में कमी से consumption-led sectors को बल मिलेगा। BFSI सेक्टर, जो market का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है, ने rate cuts और credit growth के दबाव का सामना किया है, लेकिन Q3 FY26 तक margins में सुधार की उम्मीद है। NIMs के bottom out होने और deposit repricing के लाभ मिलने से profitability में बढ़ोतरी होगी। BFSI सेक्टर की रिकवरी overall earnings momentum को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगी। Rakesh Vyas के विचारों से स्पष्ट होता है कि आने वाला समय भारतीय शेयर बाजार के लिए उम्मीदों से भरा हुआ है, खासकर Pharma और Specialty Chemicals जैसे सेक्टर्स में। निवेशकों को चाहिए कि वे इन सेक्टर्स पर नजर रखें क्योंकि ये क्षेत्र भविष्य में मजबूत प्रदर्शन कर सकते हैं