Nifty 50 Options में बड़ा बदलाव: NSE IFSC लाएगा हर दिन एक्सपायरी वाले 0DTE कॉन्ट्रैक्ट्स, ट्रेडर्स के लिए खुलेंगे नए अवसर!

Saurabh
By Saurabh

National Stock Exchange के अंतरराष्ट्रीय शाखा NSE IFSC, जो गुजरात के GIFT City में स्थित है, 13 अक्टूबर 2025 से Nifty 50 index options के लिए एक नया ट्रेडिंग फ्रेमवर्क लागू करने जा रहा है। इस बदलाव के तहत अब ट्रेडर्स के पास हर दिन एक्सपायर होने वाले ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स (0DTE – zero days to expiry) का विकल्प मिलेगा। यह कदम भारतीय डेरिवेटिव्स मार्केट में एक क्रांतिकारी बदलाव माना जा रहा है, जिससे ट्रेडर्स को ज्यादा लचीलापन और ट्रेडिंग के नए अवसर मिलेंगे। NSE IFSC ने सोमवार को जारी एक सर्कुलर में बताया कि नए सिस्टम के तहत Nifty 50 index options के 0DTE कॉन्ट्रैक्ट्स हर ट्रेडिंग दिन दोपहर 3:30 बजे समाप्त होंगे। एक्सपायरी के तुरंत बाद नए कॉन्ट्रैक्ट्स लिस्ट किए जाएंगे, जिससे हमेशा पांच सीरियल वीकली एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स उपलब्ध रहेंगे। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर्स के लिए निरंतरता बनी रहेगी और मार्केट में तरलता (liquidity) बढ़ेगी। इस नए फ्रेमवर्क में कुल पांच वीकली कॉन्ट्रैक्ट्स ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध रहेंगे। प्रत्येक दिन का 0DTE ऑप्शन मार्केट बंद होने पर एक्सपायर हो जाएगा, और उसके बाद नए कॉन्ट्रैक्ट्स खुलेगा। अगर किसी 0DTE कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी किसी पहले से मौजूद वीकली या मंथली कॉन्ट्रैक्ट से मेल खाती है, तो डुप्लिकेट कॉन्ट्रैक्ट नहीं बनाया जाएगा। बल्कि, मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट को ही 0DTE ऑप्शन माना जाएगा

सेटलमेंट प्रक्रिया और अन्य तकनीकी विवरण NSE IFSC Clearing Corporation द्वारा अलग से जारी किए जाएंगे। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा ट्रेडर्स को होगा। एक्सपायरी डे वह दिन होता है जब डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट वैध नहीं रहता और ट्रेडर्स को अपनी पोजीशंस को या तो एक्सरसाइज करना होता है या बंद करना होता है। परंपरागत तौर पर ये एक्सपायरी केवल साप्ताहिक या मासिक आधार पर होती थी। अब, 0DTE ऑप्शंस के आने से ट्रेडर्स के पास अपनी हेजिंग स्ट्रेटेजी को और भी त्वरित और प्रभावी बनाने का मौका मिलेगा। यह मार्केट की अस्थिरता (volatility) को बेहतर तरीके से मैनेज करने का अवसर देगा। NSE IFSC का यह कदम वैश्विक एक्सचेंजों के साथ तालमेल स्थापित करता है, जहां 0DTE ऑप्शंस पहले से ही लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि ये तेज टर्नओवर और उच्च तरलता प्रदान करते हैं। भारत में भी इस तरह की सुविधा मिलने से डेरिवेटिव्स मार्केट की गहराई बढ़ेगी और विदेशी निवेशकों को अधिक आकर्षित किया जा सकेगा। NSE IFSC, National Stock Exchange की 100% सहायक कंपनी है, जो GIFT City में स्थित एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) है। यह केंद्र विदेशी और घरेलू निवेशकों दोनों के लिए खुला है, जहां वे स्वतंत्र रूप से ट्रेडिंग कर सकते हैं

मुंबई में NSE पर अभी भी इंडेक्स ऑप्शंस के लिए साप्ताहिक और मासिक एक्सपायरी सिस्टम जारी है, जिसमें एक्सपायरी आमतौर पर मंगलवार को होती है। इस नई व्यवस्था से भारत के डेरिवेटिव्स मार्केट को मजबूती मिलेगी और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि होगी। Nifty 50 index options के लिए 0DTE कॉन्ट्रैक्ट्स की शुरुआत से न केवल ट्रेडर्स को ज्यादा विकल्प मिलेंगे, बल्कि यह मार्केट की गतिशीलता और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों दोनों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा, जो भारत को वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस तरह, NSE IFSC के 0DTE विकल्पों का परिचय भारतीय स्टॉक मार्केट के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू करेगा, जो ट्रेडिंग को और अधिक सक्रिय, लचीला और आधुनिक बनाएगा। निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जो उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ तेजी से उठाने में सक्षम बनाएगा

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