Infosys, देश की दूसरी सबसे बड़ी Information Technology (IT) सेवाएं देने वाली कंपनी, 11 सितंबर 2025 को होने वाली अपनी Board Meeting में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर विचार करेगी। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज में दी गई एक रिपोर्ट में बताया कि वह अपने fully paid-up equity shares के लिए Share Buyback का प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखेगी। यह Buyback Securities and Exchange Board of India (Buy-Back of Securities) Regulations, 2018 के तहत किया जाएगा। अगर बोर्ड इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो यह Infosys की अब तक की पांचवीं Share Buyback होगी। कंपनी का यह कदम निवेशकों को अतिरिक्त लाभ देने और अपने पॉजिशन को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सामान्यत: कंपनियां Share Buyback इसलिए करती हैं ताकि वे अपने शेयरधारकों को कैश वापस कर सकें और बाजार में अपने शेयरों की कीमत को स्थिर या बढ़ा सकें। Buyback की कीमत अक्सर बाजार की कीमत से ज्यादा होती है, जिससे निवेशकों को फायदा होता है। Infosys ने पहली बार 2017 में Share Buyback किया था, जिसकी कुल राशि ₹13,000 करोड़ थी। उस समय कंपनी ने ₹1,150 प्रति शेयर के भाव से लगभग 11.3 करोड़ शेयर वापस खरीदे थे। यह Buyback उस दौर में कंपनी के नेतृत्व में बदलाव के बाद प्रबंधन के आत्मविश्वास का संकेत माना गया था
इसके बाद Infosys ने 2019 में दूसरी बार ₹8,260 करोड़ के शेयर वापस खरीदे। तीसरी Buyback 2021 में हुई, जब Infosys ने ₹9,200 करोड़ के शेयर open market में वापस खरीदे और उस समय अधिकतम ₹1,750 प्रति शेयर की कीमत तय की गई। यह Buyback उस समय IT सेक्टर में तेज डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में आया था, जब सेक्टर में मांग काफी बढ़ी हुई थी। कंपनी ने चौथी Buyback 2022 में की, जिसमें ₹9,300 करोड़ के शेयर ₹1,850 प्रति शेयर के भाव से वापस खरीदे गए। Infosys ने यह भी घोषणा की है कि अगले पांच सालों में वह अपनी free cash flow का लगभग 85% हिस्सा डिविडेंड और Buybacks के जरिए शेयरधारकों को वापस करेगी। यह रणनीति कंपनी के मजबूत वित्तीय स्वास्थ्य और निवेशकों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आज कंपनी के शेयर BSE पर 0.81% की तेजी के साथ ₹1,432.65 पर बंद हुए, जो इस कॉर्पोरेट घोषणा से पहले की स्थिति का संकेत है। निवेशक और बाजार विशेषज्ञ इस Board Meeting के नतीजों पर काफी नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि Buyback से कंपनी के शेयरों की कीमत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। Infosys की यह योजना भारतीय IT सेक्टर में निवेशकों के लिए एक मजबूत संकेत है कि कंपनी कैश रिटर्न पॉलिसी के प्रति गंभीर है और बाजार में अपने शेयरों की कीमत को बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत है। Share Buyback से न केवल निवेशकों को फायदा होगा, बल्कि यह कंपनी के भविष्य के विकास के लिए भी एक मजबूत संकेत है
Infosys की इस रणनीति से यह साफ होता है कि कंपनी अपने वित्तीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर रही है और बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। आने वाले Board Meeting के बाद इस Buyback को लेकर अधिक स्पष्टता मिलेगी और बाजार की प्रतिक्रिया भी देखने को मिलेगी। इससे पहले भी Infosys ने अपने Buyback से निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है और इस बार भी उम्मीद है कि कंपनी इसी तरह की सकारात्मक पहल करेगी। बाजार में Infosys के शेयरों की स्थिरता और बढ़त के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। Infosys के इस प्रस्तावित Share Buyback की घोषणा से निवेशकों की उत्सुकता बढ़ गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस बार कितनी राशि के शेयर वापस खरीदती है और किस कीमत पर यह Buyback होता है। कंपनी की इस योजना से IT सेक्टर में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि Infosys एक बड़ी और भरोसेमंद कंपनी है। कुल मिलाकर, Infosys की यह संभावित Share Buyback कंपनी की वित्तीय मजबूती, प्रबंधन की रणनीति और निवेशकों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का एक मजबूत संकेत है। 11 सितंबर को होने वाली Board Meeting के बाद इस खबर का और विस्तार से खुलासा होगा, जो बाजार की दिशा तय कर सकता है