GST Rationalisation के बाद TRUST Mutual Fund के CEO ने बताया, क्या अब बाजार में आएगा बड़ा उछाल?

Saurabh
By Saurabh

GST rate rationalisation के बाद TRUST Mutual Fund के CEO Sandeep Bagla ने निवेशकों और बाजार के लिए अपनी उम्मीदें जाहिर की हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार जल्द ही tariffs के प्रभाव को कम करने के लिए और भी कदम उठाएगी और प्रभावित उद्योगों तथा सेक्टर्स को समर्थन देने के लिए surgical measures जैसे targeted PLI schemes लागू करेगी। उनके अनुसार, आने वाले समय में बाजार की नई तेजी का आधार मुख्य रूप से कॉर्पोरेट सेक्टर की earnings visibility और वैश्विक अनिश्चितताओं में कमी पर निर्भर करेगा। Sandeep Bagla ने Moneycontrol को दिए इंटरव्यू में बताया कि tariff स्थिति में स्पष्टता या समाधान से Foreign Portfolio Investors (FPI) के मनोबल में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि GST reforms, खासकर rate rationalisation, उपभोक्ता तक कीमतों को कम करने में मदद करेगा, जिससे मध्यम अवधि में मांग और बिक्री दोनों में वृद्धि होगी। हालांकि corporate margins में कोई खास बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है, लेकिन कुल लाभ में इजाफा देखा जा सकता है। Bagla ने कहा, “Ceteris paribus, कई कंपनियों के corporate profits में बढ़ोतरी की संभावना है। GST measures volume growth को बढ़ावा देंगे। ” GST slabs के rationalisation के बाद TRUST Mutual Fund consumption sector पर अपना फोकस और मजबूत करने की योजना बना रहा है। Sandeep Bagla ने कहा कि भारत की demographic dividend में उनका दृढ़ विश्वास है और उनका पोर्टफोलियो घरेलू अर्थव्यवस्था की resilience और recovery से लाभान्वित होने के लिए तैयार है

उन्होंने बताया कि interest rates में कमी, domestic liquidity में सुधार और उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने जैसे अन्य कारक भी consumption oriented stocks को बढ़ावा देंगे, जिसके कारण TRUST Mutual Fund इस सेक्टर में निवेश को बढ़ाने की सोच रहा है। सरकार की नीतियों के बारे में बात करते हुए Sandeep Bagla ने कहा कि भारत के लोग कोविड के बाद digital adoption में बहुत आगे बढ़े हैं और उन्होंने improvisation की कला भी सीखी है। इसलिए, उन्हें उम्मीद है कि सरकार tariffs के प्रभाव को कम करने के लिए और भी surgical interventions जैसे targeted PLI schemes लेकर आएगी ताकि प्रभावित उद्योगों को मजबूती मिले। US-India tariff विवाद के समाधान को लेकर Bagla का मानना है कि कुछ सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि trade negotiations में समय लग सकता है लेकिन “टनेल के अंत में रोशनी जरूर दिखनी चाहिए। ” Bagla ने यह भी कहा कि tariffs आर्थिक दृष्टि से कुशल नहीं हैं और यदि वे लंबे समय तक बने रहते हैं तो वैश्विक inflation को बढ़ावा देंगे। इसलिए, trade relations में सुधार के लिए tariffs को न्यूनतम करना जरूरी है ताकि भारत की competitive advantage का सही फायदा उठाया जा सके। Tariff मसले के समाधान से FPI sentiment में सुधार की संभावना को लेकर उन्होंने कहा कि “tariff imposition और resultant trade disruptions एक बड़ी समस्या हैं और वर्तमान व्यापार मात्रा तथा भविष्य की क्षमता वृद्धि दोनों पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। कुछ व्यवसायों की संभावनाओं में गिरावट निवेशकों के मनोबल को प्रभावित कर रही है। ” इस प्रकार, tariff स्थिति में स्पष्टता या समाधान से विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है

भारत के निवेश परिदृश्य में बदलाव के बारे में Bagla ने कहा कि देश पहले ही savers से investors की तरफ बदल चुका है। हालांकि देश के कुछ हिस्से जैसे South और East अभी भी थोड़े conservative हैं, लेकिन equity allocation की ट्रेंड मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि बाजार में नई तेजी corporate earnings की स्पष्टता और वैश्विक अनिश्चितताओं में कमी पर निर्भर करेगी। TRUST Mutual Fund के CEO के इन विचारों से यह स्पष्ट होता है कि GST rationalisation न केवल उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देगा, बल्कि कॉर्पोरेट लाभ में भी सुधार की उम्मीद है। साथ ही, सरकार की आगामी नीतिगत पहलें और tariff विवाद का समाधान बाजार के लिए नए अवसर पैदा कर सकता है। निवेशकों के लिए यह समय सोच-समझकर और अवसरों का लाभ उठाने का हो सकता है, खासकर consumption sector में। इस प्रकार, GST reform और tariff स्थिति में सुधार के संयोजन से भारतीय बाजार में एक नई तेजी की संभावना उभर रही है, जो देश की आर्थिक वृद्धि और निवेशकों के विश्वास को नया आयाम दे सकती है

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