Defence Stocks में जबरदस्त उछाल, Rs 79,000 करोड़ के Defence Procurement से बाजार हुआ हर्षित ..

Saurabh
By Saurabh

Defence Stocks में जबरदस्त उछाल, Rs 79,000 करोड़ के Defence Procurement से बाजार हुआ हर्षित डिफेंस Acquisition Council (DAC) द्वारा हाल ही में Rs 79,000 करोड़ के बड़े रक्षा अनुबंधों की मंजूरी के बाद आज बाजार में Defence sector के शेयरों ने जोरदार तेजी दिखाई। बीते 24 अक्टूबर को Bharat Dynamics, BEML, Garden Reach Shipbuilders and Engineers (GRSE), Cochin Shipyard, Paras Defence, Bharat Electronics (BEL), Mazagon Dock और Mishra Dhatu के शेयरों में 0.78% से लेकर 2.72% तक की बढ़त दर्ज की गई। इस बड़े रक्षा खरीदारी पैकेज को लेकर निवेशकों और बाजार विश्लेषकों में उत्साह देखने को मिला। ICICI Direct Research ने कहा है कि इस निर्णय से घरेलू रक्षा कंपनियों के लिए नए अवसर खुलेंगे, खासकर Bharat Electronics, Bharat Dynamics, GRSE जैसी कंपनियों के लिए जो इस क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी हैं। इस आदेश में सबसे बड़ा हिस्सा Bharat Dynamics को मिलने की संभावना जताई जा रही है। Bharat Dynamics न केवल Light Weight Torpedos बनाता है, बल्कि NAG Missile systems के भी निर्माता हैं। वहीं, Bharat Electronics की Ground Based Mobile ELINT System (GBMES) और BEML की High Mobility Vehicles (HMVs) जो Material Handling Crane से लैस होती हैं, इस खरीदारी में अहम भूमिका निभाएंगी। Garden Reach Shipbuilders द्वारा बनाए जाने वाले 30mm Naval Surface Gun (NSG) को भी इस नए ऑर्डर से फायदा होगा। इस रक्षा खरीदारी से बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिला, जो पिछले कुछ महीनों से लगातार Defence sector की मजबूती को दर्शाता है। 2025 की शुरुआत से अब तक Garden Reach Shipbuilders के शेयर में 63% की जबरदस्त तेजी दर्ज हुई है, जबकि Bharat Dynamics और BEML के शेयर क्रमशः 39% और 9% ऊपर आए हैं

Cochin Shipyard और Bharat Electronics के शेयरों में भी क्रमशः 18.57% और 43.89% की बढ़त देखने को मिली है। इस बड़े ऑर्डर के अलावा Ministry of Defence ने नया Defence Procurement Manual (DPM) भी जारी किया है, जिसका उद्देश्य रक्षा खरीद प्रक्रियाओं को सरल बनाना और निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज करना है। इस नए मैनुअल में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जिससे उद्योग के लिए काम करना आसान होगा। सबसे अहम बदलाव Liquidated Damages (LD) की व्यवस्था में हुआ है। अब डिलीवरी में देरी पर लगने वाला LD अधिकतम 10% ही होगा और यह केवल अत्यधिक विलंब के मामलों में लागू होगा। खासतौर पर देशीकरण (indigenisation) के मामलों में LD को काफी कम कर 0.1% प्रति सप्ताह कर दिया गया है, जो पहले 0.5% प्रति सप्ताह था। यह कदम घरेलू निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है। 24 अक्टूबर को सुबह 11 बजे Nifty India Defence index 0.6% की बढ़त के साथ 8,210 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था, और इस बढ़त के साथ यह इंडेक्स लगातार सातवें दिन ऊपर बना हुआ है। पिछले सात सत्रों में इस सेक्टरल इंडेक्स ने कुल मिलाकर 3% की तेजी दर्ज की है, जो इस सेक्टर की मजबूत परफॉर्मेंस को दर्शाता है। इस डिफेंस सेक्टर में बढ़त आने के पीछे सरकार की रक्षा खरीद नीति में तेजी और घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने की रणनीति का बड़ा हाथ है

Operation Sindoor के बाद यह दूसरी बड़ी खरीदारी है, जो घरेलू रक्षा उद्योग के विस्तार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस कदम से न केवल रक्षा क्षेत्र में तकनीकी उन्नति होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। निवेशकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि सरकार रक्षा क्षेत्र को मजबूती से आगे बढ़ाना चाहती है और इसके लिए बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट कर रही है। Bharat Dynamics, Bharat Electronics, BEML, और Garden Reach Shipbuilders जैसे प्रमुख डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आई इस तेजी ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है कि आने वाले समय में रक्षा क्षेत्र में और भी विकास संभावनाएं हैं। कुल मिलाकर Rs 79,000 करोड़ की रक्षा खरीदारी से भारतीय डिफेंस सेक्टर को नई ऊर्जा मिली है, और बाजार ने इसे तेजी से स्वीकार किया है। आने वाले समय में इस क्षेत्र में और भी बड़े अनुबंधों की उम्मीद जताई जा रही है, जो भारत को वैश्विक रक्षा उत्पादन में एक मजबूत खिलाड़ी बनाएंगे

Share This Article
By Saurabh
Follow:
Hello friends, my name is Saurabh Sharma. I am a digital content creator. I really enjoy writing blogs and creating code. My goal is to provide readers with simple, pure, and quick information related to finance and the stock market in Hindi.
Leave a comment
Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes