Buoyant Capital के Jigar Mistry ने Moneycontrol के The Wealth Formula पॉडकास्ट में शेयर मार्केट की असली तस्वीर साझा की। Mistry ने बताया कि छोटे समय में बाजार की चाल तकनीकी कारकों और लिक्विडिटी फ्लो से प्रभावित होती है, लेकिन लंबे समय तक स्टॉक्स की परफॉर्मेंस का असली आधार होता है earnings growth। उन्होंने साफ कहा, “आप कभी-कभी technical flows पर मजेदार राइड ले सकते हैं, लेकिन अंततः यह सकारात्मक नहीं होती। यह मार्केट की हमेशा से चली आ रही सच्चाई है। ” Mistry ने आगे बताया कि अल्पकालिक तकनीकी कारक मदद करते हैं, लेकिन अगर लंबे समय तक कंपनी की कमाई में वृद्धि नहीं होती है, तो निवेशकों के लिए गंभीर समस्या बन जाती है। पिछले एक साल में उन्होंने यह सबसे बड़ा सबक सीखा कि जब आप फंडामेंटल्स का गहराई से विश्लेषण करते हैं, तभी मार्केट के असली रुझानों को समझ पाते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मैं 5 या 10 साल के रॉलिंग रिटर्न्स को देखूं, तो EPS growth और share price growth हमेशा मेल खाते हैं। ” उन्होंने सितंबर 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि उस समय small-cap इंडेक्स का तीन साल का CAGR उसकी earnings growth से लगभग दोगुना था, जो संकेत था कि valuations fundamentals से ज्यादा बढ़ गए थे। उस वक्त यह तर्क था कि domestic निवेशक small और micro caps को सपोर्ट कर रहे हैं जबकि foreign investors large और mid caps को आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए माना जा रहा था कि FIIs के बाहर जाने के बावजूद small और mid caps पर ज्यादा दबाव नहीं आएगा
लेकिन सितंबर से दिसंबर 2024 के बीच जो correction आया, उसने इस धारणा को गलत साबित कर दिया। small-cap इंडेक्स ने 25% की गिरावट दर्ज की, जबकि BSE 500 केवल 9% गिरा। Mistry ने कहा, “यह दिखाता है कि आप चाहे जितने भी theories और narratives बना लें, लेकिन मार्केट का असली भविष्यवक्ता वही है कि आपकी earnings और cash flows को बढ़ना होगा। ” इस पूरे विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि निवेशकों को short-term technical movements से ज्यादा प्रभावित नहीं होना चाहिए। असली सफलता और स्थिरता के लिए companies की fundamental growth पर ध्यान देना जरूरी है। Mistry की यह बात उन निवेशकों के लिए एक चेतावनी है जो केवल market sentiment या liquidity flows पर निर्भर रहते हैं। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में दीर्घकालिक निवेश तभी फलदायक होता है जब आप उन कंपनियों में निवेश करें जिनकी earning power मजबूत हो। Markit data से पता चलता है कि EPS और stock returns के बीच गहरा संबंध है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। इसलिए, चाहे Nifty 50 हो या Bank Nifty, हर इंडेक्स की स्थिरता का आधार अंततः कंपनियों की कमाई बढ़ोतरी ही होती है। बाजार में short-term volatility के बावजूद, long-term में वही शेयर बेहतर प्रदर्शन करते हैं जिनकी earning growth मजबूत होती है
Jigar Mistry के insights से यह भी समझ आता है कि बाजार में तेजी या मंदी के दौरान निवेशकों को भावनाओं में बहने की बजाय fundamentals पर ध्यान देना चाहिए। यह रणनीति न केवल नुकसान से बचाती है, बल्कि बेहतर रिटर्न भी दिलाती है। अंत में, Mistry ने यह स्पष्ट किया कि निवेश के फैसले लेने से पहले certified experts से सलाह लेना जरूरी है क्योंकि मार्केट में जोखिम हमेशा मौजूद रहता है। उनका यह विश्लेषण निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन साबित हो सकता है, जो बाजार की जटिलताओं को समझने और सही निर्णय लेने में मदद करेगा