Dr Reddy’s Laboratories 25 अक्टूबर को अपने Q2 FY26 के वित्तीय परिणाम घोषित करेगा। इस तिमाही में कंपनी की आमदनी भारत और यूरोप से मजबूत रहने की उम्मीद है, जबकि अमेरिकी बाजार में gRevlimid के कम होते प्रभाव और मौजूदा प्रोडक्ट पोर्टफोलियो की गिरावट के कारण चुनौतियां बनी रहेंगी। विश्लेषकों की मानें तो कंपनी की मार्जिन लगभग 25 प्रतिशत के करीब बनी रहेगी, जो बेहतर प्रोडक्ट मिक्स और मुद्रा सहयोग के कारण संभव होगा, हालांकि कीमतों पर दबाव से लाभप्रदता पर असर पड़ सकता है। चार प्रमुख ब्रोकरेजों के एक सर्वेक्षण के अनुसार, Dr Reddy’s का राजस्व 8 से 9 प्रतिशत की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि के साथ लगभग 8,650 से 8,750 करोड़ रुपये के बीच रहने की संभावना है, और शुद्ध लाभ करीब 1,450 करोड़ रुपये होगा, जो पिछले साल की तुलना में 15 से 16 प्रतिशत अधिक है। EBITDA 2,150 से 2,200 करोड़ रुपये के बीच रहने का अनुमान है, जिसमें मार्जिन 24.5 से 25.8 प्रतिशत के बीच स्थिर रहने की संभावना जताई गई है। इस तिमाही में Dr Reddy’s का प्रदर्शन क्षेत्रवार मिश्रित रहने की उम्मीद है। HDFC Securities के अनुसार, भारत का व्यवसाय 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जिसमें Sanofi से अधिग्रहित वैक्सीन पोर्टफोलियो का समेकन और सितंबर में जीएसटी से संबंधित एक बार की वृद्धि योगदान देगा। यूरोप में कंपनी की नकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT) पोर्टफोलियो के मजबूत प्रदर्शन के कारण दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद है। NRT फ्रैंचाइज़ी इस तिमाही में लगभग 67 से 68 करोड़ रुपये का योगदान दे सकती है, जो अन्य क्षेत्रों में कमजोरी को संतुलित करने में मदद करेगी। वहीं, US बाजार इस तिमाही की सबसे बड़ी चुनौती बना रहेगा
विश्लेषकों का अनुमान है कि gRevlimid की कम होती बिक्री और बेसिक बिजनेस में कीमतों के दबाव के कारण US राजस्व में 6 से 10 प्रतिशत की तिमाही-दर-तिमाही गिरावट आ सकती है। HDFC Securities के अनुसार, US से होने वाली आमदनी लगभग 380 से 390 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच रहने का अनुमान है, जिसमें gRevlimid की बिक्री लगभग 100 मिलियन डॉलर तक सीमित रहेगी। JM Financial के अनुसार, US में 15 प्रतिशत की गिरावट और रूस से दबाव के कारण कंपनी के नतीजे म्यूटेड रह सकते हैं। वहीं, Nirmal Bang और BOBCAPS भारत और यूरोप से स्थिर प्रदर्शन का समर्थन करने की उम्मीद जताते हैं। HDFC Securities ने Dr Reddy’s के लिए 8,673 करोड़ रुपये के राजस्व, 2,238 करोड़ रुपये के EBITDA (25.8% मार्जिन) और 1,469 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ का अनुमान लगाया है, जो 6 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्शाता है। इस दौरान US की कीमतों में गिरावट से सकल मार्जिन में नरमी आ सकती है, जिसे स्थिर परिचालन लागत द्वारा आंशिक रूप से संतुलित किया जाएगा। निवेशक इस तिमाही में कंपनी के प्रबंधन द्वारा US जेनेरिक दवाओं के पुनर्प्राप्ति पथ, यूरोप में NRT-आधारित वृद्धि की स्थिरता और Sanofi से प्राप्त वैक्सीन पोर्टफोलियो के समेकन संबंधी अपडेट पर ध्यान देंगे। साथ ही, gIxempra जैसे कॉम्प्लेक्स जेनेरिक लॉन्च, स्पेशलिटी दवाओं की पाइपलाइन प्रगति और R&D खर्च की प्रवृत्ति भी निवेशकों की नजर में रहेगी। Dr Reddy’s Laboratories की Q2 FY26 की रिपोर्ट से बाजार में कंपनी के दीर्घकालिक विकास की दिशा स्पष्ट होने की संभावना है। भारत और यूरोप में मजबूती के बावजूद US बाजार की चुनौतियां कंपनी के समग्र प्रदर्शन पर दबाव डाल सकती हैं
हालांकि, बेहतर प्रोडक्ट मिक्स, वैक्सीन पोर्टफोलियो का समेकन और नई दवाओं के लॉन्च से कंपनी को लाभप्रदता में सुधार की उम्मीद बनी हुई है। निवेशक इस तिमाही के परिणामों और प्रबंधन की रणनीति पर कड़ी नजर रखेंगे, जो आने वाले समय में Dr Reddy’s के शेयर प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं