भारत में चांदी की कीमतों ने 20 अक्टूबर को स्थिरता बरकरार रखी, जहां औसतन ₹172 प्रति ग्राम या ₹1,72,000 प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार हुआ। मुंबई में चांदी का मूल्य ₹1,910 प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया, जबकि दिल्ली, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद में यह ₹1,720 प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रहा। हैदराबाद और केरल में कीमतें ₹1,900 प्रति 10 ग्राम रहीं, वहीं बैंगलोर में यह ₹1,799 प्रति 10 ग्राम के आसपास थीं। 16 अक्टूबर को ₹189 प्रति ग्राम से गिरावट के बाद, कीमतों ने स्थिरता दिखाते हुए बाजार में संतुलन बनाए रखा है। पिछले कुछ दिनों में चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 16 अक्टूबर को ₹189 प्रति ग्राम पर पहुंचने के बाद, 17 अक्टूबर को यह गिरकर ₹185 प्रति ग्राम हो गई। 18 अक्टूबर को कीमत में और गिरावट आई और यह ₹172 प्रति ग्राम पर आ गई, जो 20 अक्टूबर तक स्थिर बनी रही। इस अवधि में चांदी के दामों में कुल मिलाकर करीब ₹17 की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजार में अस्थिरता और घरेलू आर्थिक गतिविधियों में थोड़ी मंदी बताई जा रही है, जबकि त्योहारी और शादी के मौसमी मांग ने कीमतों को पूरी तरह नीचे आने से रोका। देश के प्रमुख शहरों में चांदी के दामों की बात करें तो मुंबई में ₹1,910 प्रति 10 ग्राम, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, वडोदरा और अहमदाबाद में ₹1,720 प्रति 10 ग्राम, हैदराबाद और केरल में ₹1,900 प्रति 10 ग्राम, तथा बैंगलोर में ₹1,799 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार हुआ
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि क्षेत्रीय बाजारों में भावों में मामूली अंतर देखने को मिला, जो स्थानीय मांग और आपूर्ति की स्थिति को दर्शाता है। मुंबई और हैदराबाद जैसे बड़े व्यावसायिक केंद्रों में चांदी की कीमतें अन्य शहरों की तुलना में थोड़ी अधिक रहीं। चांदी की कीमतों में इस स्थिरता के पीछे घरेलू बाजार की मांग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। त्योहारी सीजन और शादियों के मौसम में चांदी की मांग परंपरागत तौर पर बढ़ जाती है, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रहती है। इसके अलावा, औद्योगिक उपयोग भी चांदी की कीमतों को सहारा देता है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स, फोटोग्राफी और अन्य उद्योगों में चांदी की आवश्यकता बनी रहती है। इन दोनों कारणों से चांदी के दाम अचानक गिरने की संभावना कम रहती है। वैश्विक स्तर पर, चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे माल की मांग, डॉलर की स्थिति, और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करता है। भारत में चांदी की कीमतें इन वैश्विक प्रभावों के साथ-साथ घरेलू मांग और आपूर्ति की स्थिति के अनुरूप चलती हैं। इस समय घरेलू बाजार में चांदी की मांग अपेक्षाकृत मजबूत बनी हुई है, जिससे कीमतों में स्थिरता देखने को मिल रही है। विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में भी चांदी की कीमतें ₹172 प्रति ग्राम के आस-पास ही बनी रह सकती हैं, क्योंकि त्योहारी मांग और औद्योगिक उपयोग के कारण बाजार में स्थिरता बनी रहेगी
हालांकि, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव और डॉलर की कीमत में उतार-चढ़ाव से चांदी के भावों में हल्की-फुल्की चाल देखने को मिल सकती है। निवेशकों और कारोबारियों के लिए यह समय सावधानी से बाजार की चाल पर नजर रखने का है। कुल मिलाकर, 20 अक्टूबर को भारत में चांदी की कीमतों ने एक बार फिर से अपनी स्थिरता साबित कर दी है। ₹1,72,000 प्रति किलो के स्तर पर चांदी का कारोबार होने से यह संकेत मिलता है कि बाजार ने हाल की गिरावट के बाद संतुलन बना लिया है। त्योहारों और शादियों के कारण घरेलू मांग में मजबूती बनी रहने से चांदी की कीमतें जल्द ही गिरावट की ओर नहीं जाएंगी। इस स्थिरता के कारण चांदी भारतीय बाजार में निवेश और खरीद के लिए आकर्षक बनी हुई है। आगे आने वाले दिनों में भी जब तक वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आता, तब तक चांदी की कीमतों में स्थिरता बनी रहने की संभावना है। इस दौरान निवेशकों के लिए चांदी पर नजर रखना फायदेमंद रहेगा क्योंकि यह धातु भारतीय बाजार में अपनी परंपरागत मांग और औद्योगिक उपयोग के कारण महत्वपूर्ण बनी हुई है